Tuesday, February 5, 2019

मोती बी ए जी से अविस्मरणीय मुलाकात - डॉ. शरद सिंह

Dr Sharad Singh with Moti BA... and his son Bhalchandra Upadhyay at Deoria UP in year 2008
आज अचानक सन् 2008 की वह तस्वीर मुझे अपनी एक फाईल में मिली जिसने यादें ताज़ा कर दीं भोजपुरी के ‘शेक्सपीयर’ कहे जाने वाले कवि, गीतकार एवं नाटककार मोती बी ए जी से देवरिया (उप्र) में उनके निवास पर मुलाकात की... अनमोल मुलाक़ात एक लिविंग लीजेण्ड से ... अफसोस कि अब वे नहीं हैं.... उन दिनों भी वे अस्वस्थ थे, लगभग अल्जाइमर की स्थिति में... फिर भी उन्होंने ममत्व से भर कर मुस्कुराते हुए मुझसे दो बातें की थीं.... अविस्मरणीय... 📷 तस्वीर में मौजूद हैं मोती बी.ए. जी के सुपुत्र श्री भालचन्द्र उपाध्याय।
🔖 जो मित्र मोती बी ए जी के बारे में नहीं जानते हैं उनके लिए मोती बी ए जी का एक संक्षिप्त परिचय दे रही हूं यहां....
भोजपुरी के 'शेक्सपियर' कहे जाने वाले कवि एवं गीतकार मोती बी0ए0 (मोतीलाल उपाध्याय) का जन्म 1 अगस्त 1919 को गांव-बरेजी, बरहज, देवरिया में हुआ था । उनके लिखे गीत` असो आइल महुआ बारी में बहार सजनी´ और `सेमर के फूल´ जनमानस में इतने लोकप्रिय हुए कि पूरे पूर्वांचल में लोक कलाकारों ने इन्हें आदर के साथ गाया । मोती बी0ए0 की प्रमुख रचनाएं थीं – सेमर के फूल, कवि भावन मानव, पायल छम-छम बाजे,मोती के मुक्तक, अस के गुहर, राशन की दुकान, मेघदूत का पदानुवाद, रविबेनएजरा का अनुवाद, लव एंड ब्यूटी, अंग्रेजी कविताओं का संग्रह । 1947 से 1955 तक उन्होंने मुंबई फिल्मी दुनिया में काम किया । 1955 से 1980 तक स्थानीय श्रीकृष्ण इंटर कॉलेज, बरहज में प्राध्यापक रहे । `लोकरंग-1´ पुस्तक में हम मोती बी0ए0 पर आलेख एवं उनके प्रमुख गीतों को प्रकाशित कर रहे हैं । मोती बी0ए0 को हिन्दी फिल्मों में भोजपुरी गीतों के प्रचलन का श्रेय दिया जाता है । `कठवा के नइया बनइहे रे मलहवा, नदिया के पार दे उतार, `छपक-छपक चले तोरी नइया रे मलहवा आइल पुरुवइया के बहार´ और `मोरी रानी हो तू ही मेरा प्राण आधार´ जैसे चर्चित गीत लिखने वाले मोती बी0ए0 को स्मरण करते हुए लोकरंग सांस्कृतिक समिति उन्हें नमन करती है । मोती बी0ए0 ने नदिया के पार(पुरानी) के अलावा सुभद्रा, भक्त ध्रुव, सिंदूर, साजन, राम विवाह, सुरेखा, हरण, ममता, ठकुराइन, गजब भइले रामा,चम्पा चमेली, फिल्मों में गीत लिखे । 1984 में प्रदर्शित फिल्म-गजब भइले रामा में अभिनय भी किया हालांकि शोहरत नदिया के पार से मिली । मोती बी0ए0 लम्बे समय से अस्वस्थ रहे और 18 जनवरी 2009 उन्होंने इस संसार से विदा ले लिया।

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