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My Editorials - Dr Sharad Singh

Wednesday, April 13, 2016

चर्चा प्लस .... स्त्री अस्मिता पर छिपे हुए कैमरे से हमला ..... डॉ. शरद सिंह

Charcha Plus - Column of Dr Sharad Singh
My Column “ Charcha Plus” published in  "Dainik Sagar Dinkar" , 13. 04. 2016
मेरा कॉलम 'चर्चा प्लस’ दिनांक
13. 04. 2016 के  "दैनिक सागर दिनकर" (सागर, मध्य प्रदेश) में प्रकाशित ....

Charcha Plus Column of Dr Sharad Singh in "Sagar Dinkar" Daily News Paper
 
चर्चा प्लस  

           स्त्री अस्मिता पर छिपे हुए कैमरे से हमला   

                                                                                                        
                                    - डॉ. शरद सिंह
दुनिया में विश्वास से बढ़ कर और कुछ भी नहीं होता। रिश्ते-नाते, प्रेम-व्यवहार आदि सब कुछ विश्वास पर टिका होता है। विश्वास गया तो सब कुछ गया। बाज़ार की दुनिया में वायदा-बाज़ार का मुख्य आधार ही विश्वास होता है। बाज़ार ही तो है जो अपने ग्राहकों को सब कुछ बेहतर देने का विश्वास दिलाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो विश्वास ग्राहकी को बढ़ाने का अचूक नुस्खा होता है। किन्तु मध्यप्रदेश के सागर नगर के मुख्य बाज़ार में स्थित एक जानी-मानी कपड़े की दूकान में हुई 'चूक ने अपनी स्त्री ग्राहकों का विश्वास तोड़ दिया। शहर एक गारमेंट शॉप पर एक छात्रा अपनी सहेली के साथ कपड़े खरीदने गई। छात्रा ने तीन चार कपड़े पसंद किए और चेंजिंग रूप चली गई। इसी दौरान उसे एहसास हुआ कि कोई मोबाइल से वीडियो बनाने की कोशिश कर रहा है। छात्रा ने अपने परिवारजन को इसकी सूचना दी जो जिले की देवरी तहसील में रहते हैं। शाम को छात्रा व उसकी सहेली परिजनों के साथ उस गारमेंट शॉप पहुंची। आरोपी लड़का जो दूकान में ही काम करता है, वहीं मौजूद था। संभवतः उसे आशा नहीं थी कि वह छात्रा साहस से काम लेगी। आरोपी का कहना था कि चेंजिंग रूम के पीछे गोदाम है। वह सामान उठाने वहां गया था वीडियो बनाने नहीं। वहीं दूकानमालिक का कहना था कि चेंजिंग रूम की दीवार पर ट्यूबलाईट हटाने के कारण छेद बना रह गया था। स्थान की संवेदनशीलता को देखते हुए दूकानदार को सजग रहना चाहिए था। यूं भी, अस्थाईतौर पर ऐसे छेद तो कागज से भी भरे जा सकते थे। रिपोर्ट लिखने में देरी होने पर छात्रा के परिजनों ने भाजपा जिलाध्यक्ष से बात की। वे थाने पहुंचे। सीएसपी से बात की। इसके बाद केस दर्ज हो गया।
ठीक साल भर पहले इसी तरह की घटना गोवा में भी घटी थी। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को रेडीमेड कपड़ों वाली कंपनी 'फैब इंडिया के गोवा स्थित आउटलेट के चंेजिंग-रूम में छिपे कैमरे का मिलना उनके भीतर की स्त्री को बौखला देने का लिए पर्याप्त था। हुआ यह था कि 3 अप्रैल 2015 को स्मृति ईरानी अपने पति के साथ गोवा में छुट्टियां मनाने गई थीं और वे फैबइंडिया के कैडोलिम स्थित स्टोर में खरीदारी करने गई थी। उसी स्टोर में उन्होंने गुप्त कैमरा देखा। इसके बाद उन्होंने स्थानीय विधायक संपर्क किया जिन्होंने एफआईआर दर्ज करवाई। पुलिस ने स्टोर के खिलाफ महिलाओं के अपमान के लिए शिकायत दर्ज की। स्थानीय विधायक के अनुसार,'हमने सीसीटीवी का कुछ फुटेज देखा है। इसमें स्पष्ट है कि कितनें लोगों को ट्रायल रूम में कैमरे में कैद किया गया है। ये चिंता की बात है। कैमरे को जिस तरह पोजीशन किया गया है उससे साफ है कि नीयत अच्छी नहीं थी।
बाद में फैबइंडिया ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड ने आज केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी से माफी मांगी, लेकिन शोरूम में कहीं भी कोई छिपा कैमरा लगा होने से इंकार कर दिया। फिर एक बयान में कंपनी ने कहा है कि अनजाने में हुई असुविधा के लिए हम माननीय मंत्री स्मृति ईरानी से माफी मांगते हैं। उसने हालांकि कैंडोलिम के स्टोर में छिपे कैमरे के सवाल पर कहा कि वह कैमरा निगरानी तंत्र का एक हिस्सा है और शोरूम के शॉपिंग एरिया में लगा है। उसने कहा कि स्टोर में ट्रायल रूम सहित कहीं पर भी छिपा कैमरा नहीं लगा है। जो भी कैमरे हैं, वे पूर्ण सार्वजनिक एरिया में लगे हैं और इस तरह के निगरानी कैमरे सभी स्टोर्स में लगे होते हैं। फैबइंडिया ने कहा कि 'यह एक महिला केंद्रित कंपनी है, जहां 70 फीसदी महिला कर्मचारी हैं। हमारे उत्पाद देश और दुनियाभर की महिलाओं द्वारा पसंद किए जाते हैं। हम महिलाओं की मर्यादा का सम्मान करते हैं और इसके लिए खड़े हैं। ग्राहक ही हमारे लिए सबकुछ हैं।
प्रथम दृष्टया मामले को सुलटाने का प्रयास किया गया था किन्तु कंपनी के उच्चाधिकारी जानते थे कि ऐसे मामले को सुलटाना उचित नहीं है। यदि छानबीन नहीं की गई और मामले की तह तक नहीं पहुंचा गया तो स्त्री ग्राहक आष्वस्त नहीं हो सकेंगी। जहां विश्वास नहीं वहां दूकानदारी नहीं जम सकती। इस घटना के विरोध में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मॉल्स, शोरूम व दुकानों में स्थित ट्राॅयल रूम या चेन्ज रूम में गुप्त कैमरों व वीडियो रिकॉर्डिंग की घटनाओं के पाए जाने पर सम्बन्धित थानाध्यक्ष के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 'ऐसी घटनाएं सभ्य समाज के लिए कलंक हैं, जिन्हें हर हाल में रोका जाना चाहिए। ऐसी घटनाओं के पाए जाने पर सम्बन्धित थानाध्यक्ष को जिम्मेदार मानते हुए उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वर्तमान इलेक्ट्रॉनिक प्रगति ने जहां स्त्रियों को अनेक सहूलियतें दी हैं वहीं उनकी अस्मिता के लिए नए तरह के संकट बढ़ा दिए हैं। उन्हें सबसे अधिक भय कैमरे का रहता है। वह कैमरा कोई भी हो सकता है। चेंजिंग रूम में चुपके से लगाया गया हिडेन कैमरा या फिर मोबाईल फोन का चलता-फिरता कैमरा। लगभग हर माह एक न एक घटना समाचार के रूप में पढ़ने-सुनने को मिल जाती है। चेंजिंग रूम में लड़कियों या महिलाओं की वीडियो बनाने का अपराध बड़े शहरों से छोटे शहरों तक आ पहुंचा है। यह स्त्री की निजता पर ही नहीं व्यवसाय जगत के प्रति विश्वास पर भी कठोर आघात है। 
मोबाईल फोन के कैमरे ने स्त्री अस्मिता पर हमलावरों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि कर दी है। प्रेमालाप के नाम पर नवयुवक अपनी साथी युवतियों के एम.एम.एस. बना लेते हैं और उसे इन्टरनेट पर सार्वजनिक करने की धमकी दे कर उन्हें ब्लैकमेल करने लगते हैं।
गल्र्स हॉस्टल के बाथरूम, सार्वजनिक आउटलेट, होटल के कमरे आदि में छिपे कैमरे कई बार पकड़े जा चुके हैं। सितम्बर 2014 में नोएडा के प्रतिष्ठित जे.एस.एस. कॉलेज में उस वक्त सनसनी फैल गई जब लड़कियों के हॉस्टल में लगे हिडेन कैमरे पर एक छात्रा की नजर पड़ी। कैमरे की जानकारी होते ही पूरे कॉलेज में हड़कंप मच गया। कॉलेज में यह घिनौना खेल विगत दो साल से चल रहा था। गर्ल्स हॉस्टल के एक ही बाथरूम में अलग-अलग एंगल से तीन कैमरे लगाए गए थे। संभवतः इन कैमरों की मदद से वीडियो क्लिप भी बनाई गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों कैमरे और उनमें लगे दो मेमोरी कार्ड भी बरामद किए। दिसम्बर 2014 में मध्यप्रदेश के रायसेन में एक पेट्रोल पंप के लेडीज टॉयलेट में हिडेन कैमरा पकड़ा गया है। इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब एक छात्रा पेट्रोल पंप के टॉयलेट में गई तो वहां उसके मोबाइल नेटवर्क ने काम करना बंद कर दिया। इस बात से उसे शक हुआ। लड़की ने चारों तरफ देखा तो उसे वहां पर एक कैमरा लगा दिखाई दिया। उसने इसकी खबर फौरन बाहर खड़े अपने परिवार को दी। इसकी सूचना फौरन पुलिस को दी गई। जिसके बाद दीवार को पत्थर से तोड़ा गया और जो नजारा सामने था उससे सब हैरान थे। दीवार तोड़े जाने के कम्प्यूटर पर बैठा हुआ व्यक्ति वीडियो को डिलीट कर वहां से भागने लगा। जांच में जुटी टीम ने पंप मालिक के बेटे को गिरफ्तार किया गया। कैमरे को पुलिस ने जब्त कर लिया। बरामद किए गए कम्प्यूटर से कुछ अश्लील वीडियो भी मिले है। ये कैमरा टॉयलेट मे नल के पास छिपाकर लगाया गया था और इसके तार पेट्रोल पम्प के पीछे बने एक कमरे मे थे जहां कम्प्यूटर मे इसका कनेक्शन किया गया था।
अभी अप्रैल माह में ही जयपुर के जवाहर सर्किल थाना क्षेत्र स्थित एक मॉल में कपड़े की दुकान के चेंजिंग रूम में छुपा हुआ कैमरा पाए जाने पर पुलिस ने दुकान में काम करने वाले तीन सेल्समेन को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच अधिकारी के अनुसार एक युवती की ओर से दर्ज करवायी गई शिकायत के हवाले से बताया कि एक दुकान में बुधवार रात कपड़े खरीदने के दौरान युवती कपड़ों की फिटिंग जांचने के लिए चेंजिंग रूम में गई। लेकिन वहां उसे छुपा हुआ कैमरा दिखाई दिया तो उसने दुकान की संचालिका को शिकायत की और रिकॉर्डिंग को हटाने का आग्रह किया, लेकिन उसने रिकार्डिंग नहीं हटाई। तब पुलिस ने हस्तक्षेप किया और ममला दर्ज करके दुकान के तीन सैल्समेन को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर लिया।
स्त्री अस्मिता पर इस तरह कैमरे के द्वारा हमले की घटनाओं का निरंतर बढ़ना चिन्ताजनक है। स्त्री अस्मिता के मामले में पूरी दुनिया संवेदनशील रहती है। कोई भी देष स्त्रियों की गरिमा के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देता है। ऐसे मामलों को रोकने के लिए जहां स्त्रियों की जागरूकता जरूरी है वहीं कठोर कानून भी आवश्यक हैं। त्वरित जांच और कड़ी सजा ही ऐसे अपराधियों के हौसले तोड़ सकती हैं।
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