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My Editorials - Dr Sharad Singh

Thursday, August 3, 2017

Dr (Miss) Sharad Singh at Pavas Vyakhyanmala 2017 Bhopal -1


Dr (Miss) Sharad Singh at Pavas Vyakhyanmala 2017 Bhopal, M.P. India
पावस व्याख्यानमाला में डॉ. शरद सिंह का व्याख्यान

      
सागर। मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति भोपाल द्वारा 28 से 30 जुलाई 2017 तक हिन्दी भवन, भोपाल में आयोजित तीन दिवसीय 24वीं पावस व्याख्यानमाला में ‘‘त्रिलोचन : गांव के कवि का सॉनेट शिल्प’’ विषय पर सागर की प्रतिष्ठित उपन्यासकार एवं समालोचक डॉ. (सुश्री) शरद सिंह ने अपने व्याख्यान में शोधपरक लेखन पर बल देते हुए कहा कि त्रिलोचन के सॉनेट की तुलना शेक्सपियर के सॉनेट से करते हुए ही नहीं ठहर जाना चाहिए बल्कि सॉनेट के मूल स्थान ग्रीस, इटली और सिसली के सॉनेट की प्रवृत्तियों से तुलना करना चाहिए। क्योंकि शेक्सपीयर का सॉनेट एलीटवर्ग का सॉनेट था जबकि सिसली का सॉनेट कृषक और मजदूरवर्ग का था और इस प्रकार के सॉनेट ही त्रिलोचन ने लिखे हैं। यह भी याद रखा जाना चाहिए कि त्रिलोचन के सॉनेट में आयरिश और कैल्टिक प्रवृत्तियां भी हैं। त्रिलोचन के सॉनेट पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए डॉ. शरद सिंह ने मुक्तिबोध सृजन पीठ, सागर के अध्यक्ष रहे कवि त्रिलोचन से जुड़े अपने संस्मरणों को भी श्रोताओं से साझा किया।
     
कार्यक्रम में देश भर से आए विद्वानों में डॉ. डी. एन. प्रसाद, डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र, डॉ. स्मृति शुक्ला, श्री सूर्यप्रकाश जोशी, प्रो. रमेश दवे, मनोज श्रीवास्तव, रमेशचंद्र शाह, डॉ उर्मिला शिरीष, डॉ नीरजा माधव, राजकुमार सुमित्र, सुमन चौरे सहित मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति भोपाल के मंत्री संचालक कैलाशचन्द्र पंत, देवेन्द्र दीपक, डॉ. संतोष चौबे, रक्षा सिसोदिया, महेश सक्सेना, युगेश शर्मा आदि की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार रमेश दवे ने की तथा संचालन डॉ. सुनीता खत्री ने किया।
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Dr (Miss) Sharad Singh at Pavas Vyakhyanmala 2017 Bhopal, M.P. India
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