Pages

My Editorials - Dr Sharad Singh

Wednesday, May 20, 2020

चर्चा प्लस - कोरोना ब्लास्ट: लाॅकडाउन की हिल गई चूलें - डाॅ शरद सिंह


Dr (Miss) Sharad Singh
चर्चा प्लस  ..... 
कोरोना ब्लास्ट: लाॅकडाउन की हिल गई चूलें   
- डाॅ शरद सिंह

      ‘ग्रीनजोन’ से  ‘रेड’ में  पहुंचे,  
       और करेंगे कितनी भूलें
        संकट में है शहर समूचा, 
         लाॅकडाउन की हिल गई चूलें
    मध्यप्रदेश के अधिकांश शहर जहां ग्रीन जोन में पहुंच गए है वहीं सागर शहर रेड जोन में जा खड़ा हुआ है। सागर शहर में कोरोना पाॅज़िटिव की संख्या जिस तरह बढ़ती गई वह शहर के लोगों कंे लिए किसी सदमें से कम नहीं है। जहां आरम्भ में एक भी कोरोना पाॅज़िटिव मरीज नहीं था वहीं अब संख्या 40 के पार जा रही है। रेड जोन का धब्बा सागर शहर के माथे पर लग चुका है। चंद लोगों की लापरवाहियों ने पूरे शहर को संकट में डाल दिया है। लाॅकडाउन के चैथे चरण में पहुंचते-पहुंचते जहां छूट मिलने की उम्मींद जागी थी वह एक ही झटके में बिखर गई। बेशक़ हर कोरोना मरीज़ सहानुभूति का पात्र है क्यों कि कोई नहीं चाहता है कि उसे इस त्रासदी की चपेट में आना पड़े किन्तु दुख इस बात का है कि जो पढ़े-लिखे हैं, परिपक्व आयुवर्ग के हैं उनसे यह लापरवाहियां हुईं। या तो वे अतिरिक्त आत्मविश्वास में थे कि ‘‘हमें कोरोना छू भी नही  सकता है’’ या फिर वे भयभीत थे कि ‘‘कहीं कोरोना पाॅज़िटिव निकल आए तो क्या होगा?’’ एक झोलाछाप डाॅक्टर से इलाज कराते रहना, वह भी इस घातक समय में, आत्मघात से कम नहीं है। लापरवाही उस डाॅक्टर से भी हुई जिसने वर्तमान परिस्थितियों की गंभीरता को नहीं समझा। समय रहते न तो उसने बीमार को कोरोना जांच के लिए जिला अस्पताल जाने की सलाह दी और न स्वयं प्रशासन को सूचना दी।  
Charcha Plus, Column of Dr (Miss) Sharad Singh in Dainik Sagar Dinkar, 
          एक कोरोना पाॅज़िटिव की लापरवाही को किस श्रेणी में रखा जाए यह तय करना कठिन है। इसे मूर्खता, लापरवाही या ढिठाई कहां जाए कि जिस व्यक्ति को क्वारंटाईन कर के रखा गया था और उसका जांच सैंपल जांच के लिए भेजा जा चुका था, वह व्यक्ति जांच रिजल्ट आने से पहले चुपके से अपनी रिश्तेदारी में एक शादी समारोह में शामिल हो आया। जब रिजल्ट पाॅजिटिव आया तब उसके क्वारंटाईन नियमों के तोड़ने का भी पता चला। पूछे जाने पर उसने भोलेपन से उत्तर दिया कि वह गांव गया था। वहां उसने शादी अटैंड की। चाय-नाश्ता किया और वापस आ गया। वहां वह किसी से मिला नहीं, किसी के निकट नहीं गया। सोचने की बात है कि क्या यह संभव है कि विवाह-समारोह में शामिल होने वाला व्यक्ति बिना किसी से मिले चाय-नाश्ता भी कर ले और चुपचाप वापस आ जाए। इस व्यक्ति ने अपने उन सगे लोगों के पास दुख का तोहफा पहुंचा दिया जहां वह उनकी खुशी में शामिल होने गया था। यदि वहां इससे लोगों को संक्रमित कर दिया होगा तो आंकड़े और अधिक पीड़ादायक हो जाएंगे। 
        कोरोना वारियर्स पहले ही असीमित दबाव में काम करते हुए डटे हुए हैं, उनके लिए भी इस तरह और अधिक जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ाने को यदि लापरवाही कही जाए तो अपने परिवारजन, अपने संबंधियों, मित्रों और परिचितों को संक्रमण के दायरे में लाना किसी अपराध से कम नहीं है। हाल ही में शहर में कोरोना ब्लास्ट में 40 का जो आंकड़ा सामने आया उसमें एक छोटी बच्ची भी शामिल है। वह निरपराध, मासूम बच्ची अब किसी की लापरवाही का दण्ड भुगतेगी। 
अब अनेक लोग लाॅकडाउन के प्रति उकताहट जताने लगे हैं लेकिन यह सभी को समझना होगा कि यदि लाॅकडाउन से छुटकारा पाना है तो कोरोना से बचे रहना होगा। यह तभी संभव है जब कोरोना से बचाव के नियमों का पालन किया जाए। मगर देखने में यही आ रहा है कि लाॅकडाउन में थोड़ी सी छूट मिलते ही लोग सड़कों पर टूट पड़ते हैं। दूकाने खुलते ही भीड़ लगाने लगते हैं। जिससे प्रशासन को बार-बार कड़ाई बरतनी पड़ती है। अतः यदि लाॅकडाउन से आजादी चाहिए तो धैर्य तो रखना ही होगा। सिर्फ़ प्रशासन को कोसने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है। जब प्रदेश के लगभग 42 जिले ग्रीन जोन में चले गए तब सागर शहर रेड जोन की परिधि में आ गया। यह दुख, संकट और शर्म तीनों की बात है।
          इन दिनों जब सबका ध्यान उन प्रवासी मज़दूरों की ओर केन्द्रित रहा है जो महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश में अपने-अपने घरों के लिए सागर से हो कर गुज़र रहे हैं। कोरोना संक्रमण की संभावनाएं उनकी ओर से सबसे अधिक थी। किन्तु ताज़ा संकट उन मुसीबत के मारों की ओर से नहीं बल्कि शहर के भीतर से ही आया। अब यह और अधिक न बढ़े, इसके लिए शहरवासियों को धैर्य, नियमों का पालन और अपनी किसी भी बीमारी के प्रति जागरूकता का परिचय देना होगा वरना ‘‘कोरोना ब्लास्ट’’ के बाद नौबत ‘‘कोरोना सुनामी’’ की भी आ सकती है।   
        ------------------------------
(दैनिक सागर दिनकर में 20.05.2020 को प्रकाशित)
#दैनिक #सागर_दिनकर #चर्चा_प्लस #कॉलम #शरदसिंह #DrSharadSingh #miss_sharad 
#कोरोना #कोरोनावायरस #महामारी #सावधानी #सुरक्षा #सतर्कता #Coronavirus #corona #pandemic #prevention #StayAtHome #SocialDistancing
 #KaroDeshRecharge #CoronaBlast

No comments:

Post a Comment