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My Editorials - Dr Sharad Singh

Tuesday, January 25, 2022

"रांगोली में उतारा संदेश कि जहां बेटियां हैं, वहां रंग भी है और उमंग भी" - डाॅ (सुश्री) शरद सिंह

"रांगोली में उतारा संदेश कि जहां बेटियां हैं, वहां रंग भी है और उमंग भी" - डाॅ. शरद सिंह
"बेटियां परिवार के जीवन को खुशियों से रंग देती हैं। जिस घर में बेटियां नहीं होतीं वहां भाई के सूने हाथ रंग-बिरंगी राखी को तरसते हैं। बेटियां परिवार में, समाज में सांस्कृतिक उमंग की सरिता प्रवाहित करती हैं। रांगोली में उतारा संदेश कि जहां बेटियां हैं, वहां रंग भी है और उमंग भी। ... पोट्रेट रांगोली अपने-आप में तेजी से विकसित होती एक स्वतंत्र चित्रकला है। कैनवास पर रंगों से चित्र बनाने से कहीं अधिक कठिन होता है रांगोली द्वारा पोट्रेट बनाना। कैनवास पर चाहे एक्रेलिक हो, तैलरंग हो अथवा जलरंग उसे आपास में डिज़ॉल्व या मेल्ट करना आसान होता है और आसानी से लाईट एण्ड शेड्स की छटा दिखाई जा सकती है किन्तु रांगोली में लाईट और शेड्स तथा रंगों का पारस्परिक प्रभाव उत्पन्न करना चुनौती भरा होता है। एक रंग पर दूसरे रंग का इस प्रयोग सावधानी से प्रयोग पड़ता है जिससे शेड्स उभर कर सामने आएं और आधार रंग को भी प्रभावित न करें।"- ये मेरे विचार थे "उमंग" रांगोली आयोजन में, कल 25.01.2022 को, नवनिर्मित महाकवि पद्माकर ऑडीटोरियम परिसर में।
संस्कृति मंत्रालय के द्वारा मनाया जा रहा आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय बालिका दिवस पर सागर नगर की चित्रकला की प्रतिनिधि संस्था ‘‘रंग के साथी’’ द्वारा रंगोली उत्सव ‘उमंग’ का आयोजन किया गया। इस आयोजन की थीम थी महिला स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ तथा महिला सशक्तिकरण। इस आयोजन में सबसे अधिक जिस विधा ने आकर्षित किया वह थी पेाट्रेट रांगोली।
 आयोजन में बालक-बालिकाओं द्वारा बनाई गई रांगोली इस बात को प्रमाणित कर रही थी कि इन कलाकारों ने इस बारीकी को भली-भांति समझ लिया है। बहुत सुंदर नयनाभिराम पोट्रेट रांगोली देखने को मिली।
मोतीनगर चौराहे पर स्वतंत्रता सेनानी रानी अवंतिबाई की प्रतिमा के निकट महाकवि पद्माकर आऑडीटोरियम के परिसर में विभिन्न स्कूल-काॅलेज की 100 से अधिक बालिकाओं ने रांगोली द्वारा अपनी भावनाओं एवं कला का प्रदर्शन किया। इसमें मुख्य रांगोली ‘‘रंग के साथी’’ ग्रुप की कलाकार लक्ष्मी पटेल, दिव्या नायक, हिमानी चैरसिया, विशाखा नामदेव, साधना रायकवार, आयुषी जैन, मीनाक्षी सिंधई एवं अपराजिता पचैरी सहित 10 कलाकारों द्वारा बनाई गई थी जिसका आकार 15 गुणा 20 फीट था। इसमें रानी अवंतीबाई लोधी को रांगोली द्वारा चित्रित किया गया था। इसे बनाने में 20 किलो रांगोली और छः घंटे का समय लगा। इसके अतिरिक्त किसी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को तो किसी ने बेटियों के उज्ज्वल भविष्य को अपनी रांगोली का विषय बनाया था। रानी अवंती बाई लोधी को इस आयोजन की केन्द्रीय रांगोली बनाए जाना विशेष उद्देश्यपूर्ण रहा क्योंकि रानी अवंतीबाई लोधी वह शक्तिपुंज रही हैं जिन्होंने अंग्रेजों की अन्यायपूर्ण नीतियों के समक्ष झुकने से मना कर दिया था। उनके पति रामगढ़ के राजा विक्रमादित्य सिंह के अस्वस्थ होने पर लॉर्ड डलहौजी की राज्य हड़प नीति के अंतर्गत राजा को विक्षिप्त घोषित कर दिया गया और दोनों पुत्रों अमान सिंह और शेर सिंह के अवयस्क होने का बहाना लेकर रामगढ़ को हड़पने की चाल चली। तब रानी ने  अंग्रेजों की इस गलत नीति का विरोध करने का विचार किया और अपनी ओर से क्रांति का संदेश देने के लिए अपने आसपास के सभी राजाओं और प्रमुख जमींदारों को चिट्ठी के साथ कांच की दो काली चूड़ियां भिजवाईं। उस चिट्ठी में लिखा था- ‘‘देश की रक्षा करने के लिए या तो कमर कसो या चूड़ी पहनकर घर में बैठो।’’ शीघ्र ही क्रांति का बिगुल बज उठा और रानी अवंतीबाई ने तलवार खींच ली। यद्यपि इस संघर्ष में उन्हें अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा लेकिन उन्होंने गलत नीति निडरता से विरोध किया। ऐसी यशस्वी रानी का पोट्रेट रांगोली में बनाने से बालिकाओं में यह संदेश गया कि अन्याय का प्रतिरोध करो और निडर बनो। इस प्रकार की रांगोली सजाने का कार्य बहुत ही सार्थक रहा। इस आयोजन में रांगोली देखने तथा बालिकाओं के पक्ष में समर्थन देने के लिए श्यामलमकला संस्था के अध्यक्ष उमाकांत मिश्र, पाठकमंच सागर इकाई के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, वनमाली सृजनपीठ सागर इकाई की अध्यक्ष डाॅ (सुश्री) शरद सिंह, महिला काव्य मंच सागर इकाई की अध्यक्ष अंजना चतुर्वेदी तिवारी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष डाॅ. साधना मिश्र आदि नगर की साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थाओं के अनेक प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। इस अवसर पर ‘‘रंग के साथी’’ ग्रुप सागर के सचिव असरार अहमद ने बताया कि सागर में चित्रकला को ले कर हमेशा बहुत उत्साह रहता है। हम जब भी कोई आयोजन करते हैं तो बड़ी संख्या में प्रतिभागी उसमें शामिल होते हैं। इस बार बेटियों से जुड़े विषय के कारण और अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है।’’ इस अवसर पर ग्रुप की अध्यक्ष अंशिता बजाज वर्मा प्रतिभागियों को हर संभव सहयोग दिया तथा रांगोली बनाने के लिए उनका उत्साहवर्द्धन किया। 
🌷 रंग के साथी ग्रुप को हार्दिक बधाई 💐
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1 comment:

  1. मनभावन रंगोली और सुंदर संदेश

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