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My Editorials - Dr Sharad Singh

Saturday, December 10, 2022

अध्यक्षता डॉ सुश्री शरद सिंह साहित्यकार एवं भारत तिब्बत मैत्री संघ | मानवाधिकार दिवस

"परम पावन दलाई लामा एक ग्लोबल व्यक्तित्व हैं। वे समूचे विश्व की शांति और सुरक्षा के बारे में सोचते हैं। इसका प्रमाण देखा जा सकता है राजगीर घोषणा पत्र 2022 में। जिसमें तिब्बत के ग्लेशियर्स के पिघलने और जलवायु परिवर्तन के घातक परिणामों के बारे में चिंता व्यक्त की गई है। भारत-तिब्बत मैत्री संघ के संयुक्त प्रयास से तिब्बत क्षेत्र के पर्यावरण संकट को दूर करके समूचे विश्व के पर्यावरणीय संकट को कम किया जा सकता है।" मैंने (डॉ सुश्री शरद सिंह ने) अपने अध्क्षीय उद्बोधन में कहा। अवसर था भारत तिब्बत मैत्री संघ, सागर द्वारा मानवाधिकार दिवस मनाया जाना। इस अवसर पर दलाईलामा जी को शांति का नोबल प्राईज़ दिए जाने के ऐतिहासिक घटना का भी स्मरण किया गया। 
        केशरवानी धर्मशाला सागर में भारत तिब्बत मैत्री संघ ने मुख्य अतिथि तिब्बती सांसद मेंगुर दोर्जी ,  विशिष्ट  अतिथि अजय खरे, अध्यक्षता डॉ  सुश्री शरद सिंह साहित्यकार एवं भारत तिब्बत मैत्री संघ  (Indo Tibetan Friendship Association)  के महामंत्री पंडित महेश दत्त त्रिपाठी ने विधिवत पूजा  अर्चना कर 101 दीप प्रज्वलित कर दलाई लामा की दीर्घायु होने की प्रार्थना की । तदोपरांत, सांसद मेंगुर दोर्जी द्वारा तिब्बती अंग वस्त्र खाता प्रदान कर अतिथियों का सम्मान किया गया। मैंने सांसद दोर्जी को अपनी पुस्तक "Climate Change : We can slow the speed" भेंट की। जिसे उन्होंने "एक ज़रूरी किताब" कहा।
     इस अवसर पर सत्यम बुंदेली संग्रहालय के अध्यक्ष दामोदर अग्निहोत्री ने भगवान बुद्ध एवं दलाई लामा के  दुर्लभ समाचार पत्रों की प्रदर्शनी लगाई। तिब्बत  गर्म कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष शेरिन्ग पलजोर  एवं पोर्वो जी ने अतिथि स्वागत किया कपिल स्वामी ने  आभार माना।
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