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My Editorials - Dr Sharad Singh

Monday, February 6, 2023

भाषाई संकट के इस दौर में यह शब्दकोश बुंदेली लोकभाषा से लोगों को जोड़ने में सहायक सिद्ध होगा। - डॉ (सुश्री) शरद सिंह

"बुंदेली शब्दकोश तैयार करके लेखक ने अभिव्यक्ति की मौलिक संस्कृति को बचाने और उसका विकास करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भाषाई संकट के इस दौर में यह शब्दकोश बुंदेली लोकभाषा से लोगों को जोड़ने में सहायक सिद्ध होगा। पुस्तक के लेखक एवं संपादक को साधुवाद है।" विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए मैंने यानी डॉ (सुश्री) शरद सिंह ने कहा।
      अवसर था वरदान होटल के सभागार में लेखक डॉ.आर.पी.पाण्डेय की पुस्तक बुंदेली शब्दकोश के लोकार्पण आयोजन का। मुख्य अतिथि थे महाराज छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. बहादुर सिंह परमार, अध्यक्षता की पूर्व राज्य मंत्री डॉ रामकृष्ण कुसमरिया ने तथा मुख्य वक्ता थे डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय की भाषा प्रकोष्ठ के डॉ. अभिषेक ऋषि। श्यामलम संस्था तथा पाठक मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन किया  डॉ. आशीष ज्योतिषी ने तथा आभार प्रदर्शन किया डॉ. सतीश पांडेय ने। 
इस सार्थक आयोजन के परिकल्पनाकार थे श्री उमाकांत मिश्र, अध्यक्ष श्यामलम संस्था। आयोजन में श्री आर.  के.तिवारी, डॉ. प्रदीप पांडेय, श्री हरगोविंद विश्व, डॉ.गजाधर सागर, श्री असरार अहमद, श्रीमती देवकी नायक, श्रीमती अंशिता बजाज वर्मा आदि नगर के साहित्य एवं कला मनीषी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
05.02.2023
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