Pages

My Editorials - Dr Sharad Singh

Friday, May 26, 2023

ट्रेवलर डॉ (सुश्री) शरद सिंह | ग्राम नरवानी और एन एच 44

❤️ मेरी एक छोटी-सी घुमक्कड़ी का Part-1 ... 🐒
🚩मित्रो, इस पर अधिक दूर नहीं गई... सिर्फ़ चंद किलोमीटर.... लेकिन एक ग़ज़ब का अनुभव हुआ ... चलिए शुरू से बताती हूं... 
🚩 मकरोनिया से NH-44 के लिए रास्ता पकड़ा... लगभग 4 किलोमीटर दूर जहां से NH-44 जो 'फोर लाइन' (four lane) कहलाता है, वहां से 1.5 किलोमीटर दूर था... माइलस्टोन और सड़क के दोनों और हरी-भरी झाड़ियां बड़ी खूबसूरत लग रही थीं ... 1.5 किलोमीटर का रास्ता तय करके फोरलेन पर पहुंची तो वहां काली सफेद धारियों वाला Hazard marker यानी ख़तरे का निशान था जो मेरी ड्रेस से बिल्कुल मैच कर रहा था... अब ज़ाहिर है कि मैं ख़तरा उठाने को तैयार थी 😆 वैसे सच बताऊं तो मैंने कोई खतरा नहीं उठाया पहले दोनों और देख लिया कि कोई बड़ा वाहन तेजी से तो नहीं आ रहा है और फिर आराम से Hazard marker के पास खड़े होकर तस्वीरें खिंचवाईं.... एक स्टॉप का साइन भी था.... डिवाइडर पर लगे हरे भरे कनेर के पेड़ों ने भी मन मोह लिया...
🚩 वहां से आकर बढ़ने पर एक छोटे से गांव पास पहुंची। गांव का नाम है नरवानी (Narwani)। गांव के बाहर मुख्य सड़क के किनारे मुझे सेमल का वृक्ष (Bombax Tree) दिखाई दिया... उसके सुर्ख लाल फूल फलियां बनने के बाद अब रुई में बदल चुके थे... वर्षों बाद मैंने सेमल की रूई को हवा में झूलते और उड़ते हुए देखा... मैं कंफर्म कर लेना चाहती थी कि मैंने सही पहचाना है या नहीं... सो, वहीं से गुजर रहे एक दादाजी से मैंने पूछा कि यह सेमल है न?
   "हऔ ! बाकी ई कोनऊं काम को नोंई।" दादाजी ने उत्तर दिया। उनका उत्तर सुनकर मैं चकित रह गई, उन्होंने कहा यह किसी काम का नहीं है। जबकि सेमल की रूई बहुत ही मुलायम और अच्छी होती है। बचपन में मेरे पास सेमल की रूई की एक तकिया था जो मेरा सबसे प्रिय था। सेमल की रूई की यह विशेषता होती है कि वह आपस में चिपक कर बंधती नहीं है। हमेशा मुलायम रहती है।
   🔖मैंने वही खड़े-खड़े अमेजॉन पर सर्च करके देखा तो पाया कि 5 किलो सेमल की रूई की कीमत ₹2500 और इससे अधिक है.. और 1 किलो सेमल के फूल की कीमत ₹449... यानी उस अंचल के लोगों को सेमल के फूल और रुई की कीमत का अंदाज़ा नहीं होने के कारण या कहें कि उसकी मार्केटिंग का पता न होने के कारण, उन दादाजी ने यह कहा कि यह किसी काम का नहीं है... 
    🏋️यह सच है कि सेमल की रूई को इकट्ठा करना एक कठिन काम होता है क्योंकि रुई के पॉड्स हवा में बहुत ऊंचाई पर झूलते रहते हैं जिनसे रूई दूर-दूर तक उड़ जाती है... जिसे उड़ने से रोकने के लिए जाल का प्रयोग भी करते हैं।🕸️
   🔑मैंने जिज्ञासावश गूगल सर्च किया तो मुझे सेमल के बारे में यह जानकारी मिली, आप भी पढ़िए- "सेमल हर मौसम में एक समृद्ध बायोमास उत्पन्न करता है और इसका उपयोग बंजर भूमि को फिर से खेती योग्य बनाने के लिए किया जाता है। पारिस्थितिक रूप से सक्रिय सेमल का पेड़ कार्बन को शुद्ध करता है और फूल आने से पहले सभी पत्तियों को गिराकर कार्बन को अलग करने में मदद करता है।"   ..." यदि इसको व्यावसायिक स्तर देखा जाए तो इसका फैब्रिक में तथा दवाइयों में उपयोग होता है। सेमल को 'साइलेंट डॉक्टर' के नाम से भी जाना जाता है।  सेमल को आयुर्वेद में स्टिमुलेंट, हिमोस्टेटिक, एस्ट्रिंजेंट, डाययुरेटिक, एफोडीयासिक, एंटीडायरियल व एंटीपायरेटिक बताया गया है। सेमल के फूल से लेकर जड़ तक कोई ऐसा भाग नहीं है जिसका उपयोग न होता हो, सेमल के हर भाग का औषधि में उपयोग किया जाता है।"
  🚩ऐसे उपयोगी वृक्ष के बारे में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक जानकारी देने और उन्हें संरक्षित करने की जरूरत है, ऐसा मुझे महसूस हुआ।
   🚩बहरहाल, सेमल के वृक्ष  के साथ ही ग्राम नरवानी में एक महत्वपूर्ण और सुंदर स्थान भी देखा जिसके बारे में मैं अपनी घुमक्कड़ी के Part-2 में आपको बताऊंगी 💁🐒😊🌹
   🚩 फ़िलहाल याद रखिए कि ... यात्रा चाहे छोटी हो या बड़ी, हमेशा कुछ नए अनुभव देती है, बिल्कुल किसी नई किताब को पढ़ने के समान 😊💡📖 
  🚩Everything is special if you explore. - Dr (Ms) Sharad Singh's advice 🙋🤩❤️
🚶🏃🚴🚙🚜🛤️

#explore_your_near_about 
#ilovetravel #ilovetravelling 
#travelermisssharadsingh 
#DrMissSharadSingh 
#travelphotography #mylife  #journeys #डॉसुश्रीशरदसिंह  #sagar #sagarmp  #NH44 #makroniya #macaronia #मकरोनिया #नरवानी #narvani #सेमल  #bombaxtree

No comments:

Post a Comment