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My Editorials - Dr Sharad Singh

Thursday, June 26, 2025

नवीन पुस्तक का लोकार्पण नवीन संस्कारों का लोकार्पण होता है - डॉ (सुश्री) शरद सिंह, मुख्य अतिथि, पुस्तक लोकार्पण समारोह, छतरपुर

"साहित्य सृजन को भी शिशु जन्म के समान सृजन की प्रक्रिया माना जाता है किंतु जब किसी शिशु के जन्म के बाद उसका जन्मोत्सव मनाया जाता है तो वह एक व्यक्ति अथवा एक प्राणी का जन्मोत्सव होता है, वहीं जब एक पुस्तक के जन्म का उत्सव मनाया जाता है यानी पुस्तक का लोकार्पण अथवा विमोचन किया जाता है तो वह नवीन विचारों एवं संस्कारों का लोकार्पण होता है। आभा श्रीवास्तव जी सामाजिक सरोकार की कहानी लिखती हैं। आज यहां लोकार्पित उनका कहानी संग्रह सामाजिक परिवेश की पड़ताल करती  कहानियों का रोचक संग्रह है। मैं पहले भी आभा श्रीवास्तव जी की कहानियां पढ़ चुकी हूं और उनके लेखन ने मेरे मन को हमेशा छुआ है।" - बतौर मुख्य अतिथि मैंने (डॉ (सुश्री) शरद सिंह) अपने विचार व्यक्त किए।
     🚩 मित्रो, कल 25.06 2025 को छतरपुर (म प्र) के ला कैपिटल होटल के सभागार में छतरपुर की कथाकार आभा श्रीवास्तव जी के कहानी संग्रह “अभीष्ट “ का लोकार्पण समारोह पद्मश्री डॉ अवध किशोर जड़िया जी की अध्यक्षता तथा   डॉ (सुश्री) शरद सिंह यानी मेरे मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न  हुआ। 
🚩इस गरिमा पूर्ण आयोजन में अति विशिष्ट अतिथि डॉ. बहादुर सिंह परमार, विशिष्ट अतिथि के प्रो आनंद प्रकाश त्रिपाठी, श्रीमती मालती श्रीवास्तव, श्रीमती विमल बुंदेला जी रहीं। 
🚩कार्यक्रम का संचालन किया श्रीमती संध्या श्रीवास्तव तथा सुश्री आरती अक्षरा ने।
🚩इस अवसर पर प्रिय भाभी श्रीमती ह़ंसा बहादुर सिंह, लेखिका शोभा शर्मा, समाजसेवी श्रीमती सुषमा दोसाज, पुष्पा जी, साहित्यकार नीरज खरे, रंगकर्मी नवीन जी, कवि जगदीश जी आदि शहर के वरिष्ठ साहित्यकार, कवि तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे । 
🌹♥️🌹 पुनः हार्दिक बधाई आभा जी एवं हार्दिक आभार भी 🌹♥️🌹
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