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My Editorials - Dr Sharad Singh

Saturday, September 13, 2025

टॉपिक एक्सपर्ट | जो हिन्दी बचहे सो बुंदेली सोई बचहे | डॉ (सुश्री) शरद सिंह | पत्रिका | बुंदेली कॉलम

(पत्रिका | टॉपिक एक्सपर्ट | बुंदेली में)
टॉपिक एक्सपर्ट
जो हिन्दी बचहे सो बुंदेली सोई बचहे
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

     कहनात आए के जो मताई पे संकट होए तो मौसी, बुआ, फुआ सबई पे संकट घिरन लगत हैं। काए से के मताई तो मताई होत आए चाए जैसी दसा में होए। सो, जो मताई खों संकट से ने बचा पाए तो मौसी, बुआ, फुआ खों कां से बचाहे? आप ओरें सोच रये हुइयो के कल हिन्दी को दिवस आए औ  जे आज रिस्तेदारी गिनान लगीं। अब का करो जाए, बातई ऐसी आए। का है के हिन्दी अपनी मताई घांई ठैरी औ बुंदेली सग्गी मौसी। रई अंग्रेजी की, तो बा रई पाउनी, जो रै गई किराएदार बन के। मनो कछू किराएदार ऐसे होत आएं के रैबे आए कछू समै की कै के औ फेर मकान मालिक खों खदेड़ के मकान खों कब्जान लगत हैं। ऐसई अंग्रेजी ने हिन्दी के संगे करो आए। पैले जे अंग्रेजी अंग्रेज ब्यापारियन के संगे पाऊनी बनके आई फेर किराएदार घांई इतेई टिक गई। फेर ऊने ऐसो महौल बनाओ के जो अंग्रेजी जानहे, ऊको लाट साब घांई नौकरी मिलहे औ जो ने जानहे ऊको चपड़ासी से ऊंचो कछू ने मिलहे। जेई ने हिन्दी खों खदेड़ दऔ। बाकी 2020 वारी नई शिक्षा नीति ने तीन भासा को फार्मूला दे के कछू अच्छो करो है।
    बाकी होता का है के अपन ओरें खुदई अंग्रेजी से चिमटे रैत आएं। चाए कर्जा काए ने लेने परै मनो मोड़ा-मोड़ी खों पढ़ाहें सो अंग्रेजी स्कूल में। मनो उते ने पढ़ाओ तो जनम सफल ने हुइए। सो जे खयाल अब छोड़ो चाइए। काए से के हिन्दी पढ़े से बी अच्छी नौकरी मिलत है। औ अपन खों तो जे सोई ध्यान राखने के जो हिन्दी बचहे तो बुंदेली बी बची रैहे ने तो बुंदेली को पूछबे वारे ने बचहें। सो, खाली हिन्दी के मईना में नोंई, पूरे साल भरे हिन्दी पे भरोसा राखो, बुंदेली खों संगे राखो।
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Thank you Patrika 🙏
Thank you Dear Reshu Jain 🙏
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