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Saturday, December 27, 2025

टॉपिक एक्सपर्ट | जड़कारो बढ़ गओ, अपनो खयाल राखियो | डॉ (सुश्री) शरद सिंह | पत्रिका | बुंदेली कॉलम

टाॅपिक एक्सपर्ट 
जड़कारो बढ़ गओ, अपनो खयाल राखियो
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
जड़कारो बढ़ गओ। रात को तापमान 9 डिगरी रओ औ मोसम विभाग वारों को कैबो के आए के जा तापमान अबे औ नैचे जाहे। अब ऐसो आए के ठंडी के मोसम में ठंडी ने परहे सो कबे परहे, का पसीना चुचुआत गरमी में परहे? सो, जड़कारो बढ़त है सो बढ़न देओ। बस, अपन खोंं इत्तई करने के अपनो खयाल राखने है। सो ठंडी में उघारे ने फिरियो। खूब गरम वारे हुन्ना-लत्ता पैन्हियो। टोपी से, ने मफलर से अपनो मूंड़-कान ढांके राखियो। जित्तो हो सके घरे रहियो। भुनसारे उठबे की आदत होए सो खूब उठियो, मनो घर के बायरे संकारे से ने निकरियो। ई जड़कारे में बायरे मार्निंग वाक करबे से साजो रैहे के घरे योगा-मोगा करियो। ऐसईं रात खों सोई देर तक बेमतलब को बायरे ने फिरियो। औ ने गाड़ी धौंकाइयो। होत का आए के गाड़ी धौंकाए में ठंडी हवा ज्यादा लगत आए। जित्तो हो सके ठंडी से बचियो।

अपने बुंदेलखंड में ठंडी को खान-पान अलगई होत आए। बा तो देखा-देखी में आजकाल ठंडी में सोई आईसक्रीम खाई जान लगी आए। पर, आप जा गलती ने करियो। आप तो अदरक वारी चाय सूंटियो,  ने तो तुलसी अदरक, कालीमिरच औ दालचीनी वारो काढ़ा बना के पीइयो। शक्कर की जांगा गुड़ की चाय बनाइयो। गुड़ की तासीर गरम होत आए। जेई से जड़कारे में गुड़ औ मोंमफली की पट्टी खाई जात आए। उरदा के दार की पिठी में अदरक, लसोंन डार के ठडूला बनाइओ, गुड़ के पुआ, लप्सी औ लड़ुआ बनाइओ खाइओ। ई मोसम में कचरियां सोई तल के खाई जात आएं। बे सोई गरम होत आएं। जुंडी औ बेर्रा की रोटी औ संगे नोनिया की भाजी। तनक अदरक, लसोन औ धनां की चटनी बांट लइयो। जो खाबे में गरम चीजें हुइऐं सो ऊंसे सरीर में गरमी बनी रैहे। हऔ, ओ गरम पानी में सपरियो। बस, इत्तोई तो करने परहे जड़कारे से बचबे के लाने।
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