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My Editorials - Dr Sharad Singh

Wednesday, August 31, 2016

चर्चा प्लस ... ब्रिक्स के खजुराहो सम्मेलन से आशाएं .... डाॅ. शरद सिंह

Dr Sharad Singh
मेरा कॉलम  "चर्चा प्लस"‬ "दैनिक सागर दिनकर" में (31. 08. 2016) .....
 
My Column Charcha Plus‬ in "Dainik Sagar Dinkar" .....
  
ब्रिक्स के खजुराहो सम्मेलन से आशाएं
- डॉ. शरद सिंह
1 सितम्बर 2016 को खजुराहो में होने जा रहे दो दिवसीय ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी करने का सुअवसर मिला है मध्यप्रदेश को। खजुराहो में होने वाले इस आठवें ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसमें ब्रिक्स शिखर समूह के सभी देश भारत, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल हो रहे हैं। यह समूह विश्व अर्थव्यवस्था की संवृद्धि में विविधता लाने की दिशा में प्रयासरत है। इसलिए ब्रिक्स के इस खजुराहो सम्मेलन से आर्थिक दिशा में अच्छे परिणाम की आशा की जा सकती है। उम्मीद तो यह भी है कि भारत के हित में यह सम्मेलन सार्थक सिद्ध होगा।

21 वीं सदी में किसी भी देश के लिए पर्यटन व्यवसाय एक मजबूत आर्थिक स्रोत के रूप में उभरा है। आतंकवादी गतिविधियां भले ही इस व्यवसाय के मार्ग में रोड़ा बन कर खड़ी हो जाती हैं फिर भी यह व्यवसाय उद्योगजगत और पर्यटन प्रेमियों दोनों को समान रूप से लुभता रहता है। पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक संभावनाओं की तलाश खजुराहो में होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन की बुनियादी चर्चा का विषय रहेगा। सम्मेलन में पांच देशों के पर्यटन मंत्रियों के साथ कुल 25 सदस्य होंगे। इसमें धरोहरों के संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा पर मंथन होगा। चंदेल राजाओं द्वारा बसाए गए ऐतिहासिक महत्व के कलातीर्थ खजुराहो में पयर्टन पर अंतराष्ट्रीय स्तर का मंथन होना अपने-आप में महत्वपूर्ण रहेगा। सम्मेलन में भारत समेत ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के पर्यटन मंत्री शामिल होने जा रहे हैं।
विगत 22 मार्च को भारत में ब्रिक्स सम्मेलन श्रृंखला के लिए ब्रिक्स लोगो और ब्रिक्स वेबसाइट का विदेश मंत्री द्वारा औपचारिक शुभारंभ किया गया था। ब्रिक्स के लोगो को संदीप गांधी ने डिजाइन किया है। इस लोगो में भारत के राष्ट्रीय फूल का प्रतीक और ब्रिक्स देशों के रंग हैं। 

क्या है ब्रिक्स

ब्रिक्स पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का समूह है जहां विश्वभर की लगभग 43 प्रतिशत आबादी रहती है। इसके सदस्य राष्ट्र ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं। इन्ही देशों के अंग्रेजी में नाम के प्रथमाक्षरों से मिलकर इस समूह का यह नामकरण हुआ है। इन देशों में विश्व का सकल घरेलू उत्पाद लगभग 37 प्रतिशत है और विश्व व्यापार में इसकी लगभग 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 21 वीं शताब्दी के पहले दशक में जहां परम्परागत देश दशक के अन्त तक वैश्विक वित्तीय संकट से ग्रस्त हो गए, वहीं विश्व के कतिपय विकासशील देशों ने इस दशक में उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति दर्ज की। वर्ष 2009 में ऐसे ही चार देशों-ब्राजील, रूस, भारत व चीन ने एक नए आर्थिक संगठन ‘ब्रिक’ की स्थापना की। ब्रिक की स्थापना इन चार देशों के प्रथम शिखर सम्मेलन का परिणाम थी। इनका प्रथम शिखर सम्मेलन 16 जून 2009 को रूस के शहर येकेतरिनबर्ग में सम्पन्न हुआ था। इस सम्मेलन में इन चारों देशों ने अमरीका व उसके यूरोपीय सहयोगियों के प्रभुत्व वाली वर्तमान वैश्विक व्यवस्था के स्थान पर बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था के पक्ष में आवाज उठाई। इनका मानना था कि बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था विकासशील देशों की आर्थिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकती है।
 
Charcha Plus Column of Dr Sharad Singh in "Sagar Dinkar" Daily News Paper
ब्रिक्स सम्मेलनों का क्रम

भारत में आठवां ब्रिक्स सम्मेलन होने वाला है। ब्रिक्स का प्रथम शिखर सम्मेलन 16 जून 2009 को रूस के शहर येकेतरिनबर्ग में हुआ था। इसके परिणामों में उत्साहित हो कर दूसरा ब्रिक सम्मेलन 15 अप्रैल, 2010 को ब्राजील के शहर ब्राजीलिया में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में भी ब्रिक देशों ने बहुध्रुवीय समतापूर्ण व प्रजातांत्रिक विश्व व्यवस्था की मांग उठाई थी। उल्लेखनीय है कि ये चारों देश जी-20 समूह के भी सदस्य हैं । अतः इन्होंने यह मांग की कि जी-8 के स्थान पर जी- 20 को विश्व अर्थव्यवस्था के प्रबन्धन में महत्वपूर्ण भूमिका प्राप्त होनी चाहिए। ब्रिक्स अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय सुधार का पक्षधर है। दूसरे शिखर सम्मेलन में इन देशों ने यह भी निर्णय लिया था कि दक्षिण अफ्रीका को ब्रिक की सदस्यता प्रदान की जाए । चूंकि ‘ब्रिक’ का नामकरण इसके सदस्य देशों के नाम के पहले अक्षर से हुआ है । अतः दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने के बाद इसका नाम ‘ब्रिक्स’ (ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना और साउथ आफ्रिका) हो गया।
ब्रिक्स का तीसरा शिखर सम्मेलन चीन के शहर सान्या में 14 अप्रैल 2011 को हुआ। दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार इस सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन में पांचों देशों ने पहली बार एक कार्यवाही योजना को स्वीकृति प्रदान की। इस कार्यवाही योजना में जहां एक ओर इन देशों में चल रहे सहयोगात्मक कार्यक्रमों की समीक्षा की गई, वहीं सहयोग की नई गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया। इस कार्यवाही योजना में सुरक्षा सम्बन्धी मामलों, खाद्य सुरक्षा, तकनीकी शोध, बैंकिंग संस्थाओं में सहयोग तथा व्यावसायिक संगठनों में सहयोग को प्राथमिकता दी गई। कार्यवाही योजना में चार नए क्षेत्रों को भविष्य में सहयोग हेतु चिन्हित किया गया। ये क्षेत्र थे - सदस्य देशों के नगर निगमों के मंच का आयोजन, व्यापार तथा सम्बन्धित क्षेत्रें में शोध को बढ़ावा, स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन का आयोजन तथा इस क्षेत्र में सहयोग, इन देशों की बिबलियोग्राफी को समुन्नत बनाना। ब्रिक्स का चैथा सम्मेलन सन् 2012 में भारत की राजधानी नई दिल्ली में हुआ। पांचवां सम्मेलन सन् 2013 में दक्षिण अफ्रीका के डरबन में, छठां सम्मेलन सन् 2014 ब्राजील के फोर्टलीजा शहर में तथा सातवां सम्मेलन रूस के ऊफा शहर में आयोजित किया गया था। दक्षिण अफ्रीका के डरबन में मार्च, 2013 में ब्रिक्स शिखर सम्मेसलन के दौरान जारी किए गए घोषणापत्र के अनुरूप, आर्थिक मुद्दों के अतिरिक्त, मादक द्रव्य के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए सदस्य देशों के बीच सहयोग के विभिन्न नए क्षेत्रों की खोज करने का फैसला किया गया। फैसला किया गया कि ब्रिक्सस मादक द्रव्य् रोधी कार्य समूह बैठक के तत्वागधान में पांच सदस्य देशों की मादकद्रव्य रोधी एजेंसियों के प्रमुखों की नियमित अंतराल पर बैठक आयोजित की जाए। इस घोषणापत्र की भावना के अनुरूप, ब्रिक्स देशों की मादक द्रव्य रोधी कार्यसमूह की प्रथम बैठक नवंबर, 2015 में रूस के मास्को में आयोजित की गई थी। इससे पूर्व सन् 2014 में ब्राजील में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में भारत की पहल पर सौ अरब डॉलर से ब्रिक्स विकास बैंक की स्थापना का फैसला लिया गया था। अब भारत में होने वाले आठवें सम्मेलन में आर्थिक उन्नति से लेकर अंतरराष्ट्रीय आंतकवाद और पर्यावरण, पर्यटन सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। आठवें सम्मेलन की मेजबानी का जिम्मा भारत को मिला है। खजुराहो में होने जा रहा सम्मेलन पहले गोवा में होना था, लेकिन विदेश मंत्रालय को भारतीय परंपरा व संस्कृति की झलक दिखाने की दृष्टि से खजुराहो का चयन किया गया और गोवा के स्थान पर खजुराहो को यह मौका दिया गया। खजुराहो उम्मेलन के दौरान मध्यप्रदेश सहित दूसरे राज्य भारतीय कला व संस्कृति की प्रस्तुति भी सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के मन को लुभाएगी। इसके बाद नई दिल्ली के सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में 2 सितंबर, 2016 से 6 सितंबर, 2016 तक ब्रिक्स फिल्म महोत्सव आयोजित किया जाएगा। फिल्मों के साथ ही मंच कला का भी प्रदर्शन होगा। लेकिन फिलहाल खजुराहो सम्मेलन पर सबकी दृष्टि रहेगी।

सार्थक संभावनाएं

ब्रिक्स देश विश्व की सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं। ब्रिक्स संगठन सदस्य देशों के बीच अर्थव्यवस्थाओं के परस्पर सहयोग पर बल देता है। दरअसल, ब्रिक्स के सदस्य देशों की अनेक अर्थों में समान स्थितियां हैं। वे विकास की समान अवस्था में हैं। वे आर्थिक रूप् से अभी विकासशील हैं और अपनी आर्थिक मजबूती के लिए संघर्षशील हैं। उनके सामने अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ जनता के कल्याण की भी जिम्मेदारी है। पांचों सदस्य अपनी अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन, स्वस्थ एवं टिकाऊ संवृद्धि और समावेशी, न्यायसंगत एवं स्वच्छ विकास के संदर्भ में समान चुनौतियों और समस्याओं का सामना कर रहे हैं। ब्रिक्स ने पांचों देशों को विकास सम्बन्धी अनुभवों को साझा करने का महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है। इन देशों के लिए ब्रिक्स वी प्लेटफार्म है जिस पर एक साथ खड़े हो कर ये अपने विकास के अनुभव साझा कर सकते हैं तथा परस्पर एक-दूसरे के अनुभवों से सीख कर आगे की योजनाएं बना सकते हैं। मात्र संभावनाओं की तलाश नहीं वरन् ब्रिक्स देशों को वैश्विक आर्थिक शासन और संबद्ध संस्थानों में सुधार की भी चिंता है। वे अपने खुद के हितों के साथ-साथ समूचे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के हित साधने के सम्मलित उपाय ढूंढ रहे हैं। ब्रिक्स देश एक साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र जी-20 जैसे मंचों पर काम कर रहे हैं और खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सुधार, नागरिकों की बुनियादी जरूरतों की पूर्ति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर एकजुट हैं। वस्तुतः ब्रिक्स विकसित और विकासशील देशों के बीच संवाद स्थापित करने में सेतु की भूमिका भी निभा रहा है ।
1 सितम्बर 2016 को खजुराहो में होने जा रहे दो दिवसीय ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी करने का सुअवसर मिला है मध्यप्रदेश को। खजुराहो में होने वाले इस आठवें ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसमें ब्रिक्स शिखर समूह के सभी देश भारत, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका शामिल हो रहे हैं। यह समूह विश्व अर्थव्यवस्था की संवृद्धि में विविधता लाने की दिशा में प्रयासरत है। इसलिए ब्रिक्स के इस खजुराहो सम्मेलन से पर्यटन को लेकर आर्थिक दिशा में अच्छे अनुबंधों एवं योजनाओं की आशा की जा सकती है। इस सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने की भी संभावना है। उम्मीद तो यह भी है कि भारत के हित में यह सम्मेलन सार्थक सिद्ध होगा।
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1 comment:

  1. ब्रिक्स के बारे में विस्त्रित जानकारी पढ‌‌कर अच्छा लगा। आपका ब्लोग जानकारियों से भरा पड़ा है। जितना आज जान सका, बहुत खुशी हुई।
    विवेकानंद जैन वाराणसी

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