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My Editorials - Dr Sharad Singh

Wednesday, April 15, 2020

चर्चा प्लस - लाॅकडाउन 2.0 यानी सुरक्षा की सप्तपदी - डाॅ शरद सिंह


Dr (Miss) Sharad Singh
चर्चा प्लस


लाॅकडाउन 2.0 यानी सुरक्षा की सप्तपदी
- डाॅ शरद सिंह

लॉकडाउन अब 3 मई तक कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा, इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं। हिन्दू धर्म में विवाह के दौरान सात फेरे लिए जाते हैं जिन्हें सप्तपदी कहते हैं। यह सात वचन दाम्पत्य जीवन को खुशहाल और सफल बनाने हेतु होते हैं। अर्थात् आने वाली पीढ़ी के सुखद भविष्य को सुनिश्चित करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी यह भली-भांति समझते हैं कि जब वर्तमान पीढ़ी सुरक्षित रहेगी तभी भावी पीढ़ी की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। इसीलिए उन्होंने आमजनता से सप्तपदी के साथ वचनों की भांति कोरोना से रक्षा के लिए सात वचन का पालन करने का आह्वान किया है।
कोरोना वायरस के छाए हुए खतरे को ध्यान में रखते हुए भारत में लॉकडाउन 3 मई 2020 तक बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं। सभी का यही सुझाव है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा। अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, ये देखा जाएगा। लॉकडाउन से सभी को असुविधा हुई है और अब आगे भी होगी लेकिन यह असुविधा जीवन रक्षा से बढ़ कर नहीं है, यह कहा प्रधानमंत्री मोदी ने।
सबके मन में सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर लॉकडाउन को 3 मई तक क्यों बढ़ाया गया है? वस्तुतः एक मई को सार्वजनिक अवकाश है, दो मई को शनिवार और तीन मई को रविवार। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने का फैसला किया है। राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने की अपील की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने छुट्टियों को देखते हुए इसे 3 मई तक बढ़ा दिया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार तीन दिन की छुट्टियों के कारण लोग अधिक संख्या में घर से बाहर निकलेंगे और सोशल डिस्टेनसिंग को लेकर दिक्कत आएगी। इसीलिए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया है।
प्रधानीमंत्री मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट (संवेदनशील स्थानों) में नहीं होंगे, और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं। नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे लिए और चुनौती खड़ी करेगा। हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक है। उन्होंने कहा कि देश में दवाओं और राशन का पर्याप्त भंडार है।

पीएम मोदी ने कहा, अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी. 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, ये देखा जाएगा। जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। इसलिए, न खुद कोई लापरवाही करनी है और न ही किसी और को लापरवाही करने देना है।
मांगे सात वचन...जहां रहें, वहीं रहें, सुखी रहें। हिन्दू धर्म में विवाह के दौरान सात फेरे लिए जाते हैं जिन्हें सप्तपदी कहते हैं। सप्तपदी के सात वचन होते हैं जिन्हें वर और वधु को निभाना होता है। कन्या यह वचन अपने होने वाले पति से मांगती है। यह सात वचन दाम्पत्य जीवन को खुशहाल और सफल बनाने हेतु होते हैं। अर्थात् आने वाली पीढ़ी के सुखद भविष्य को सुनिश्चित करता है। सप्तपदी में पहला पग भोजन व्यवस्था के लिए, दूसरा शक्ति संचय, आहार तथा संयम के लिए, तीसरा धन की प्रबंध व्यवस्था हेतु, चैथा आत्मिक सुख के लिए, पांचवां पशुधन संपदा हेतु, छठा सभी ऋतुओं में उचित रहन-सहन के लिए, अंतिम सातवें पग में कन्या अपने पति का अनुगमन करते हुए सदैव साथ चलने का वचन लेती है तथा प्रत्येक कार्य में सहयोग देने की प्रतिज्ञा करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी यह भली-भांति समझते हैं कि जब वर्तमान पीढ़ी सुरक्षित रहेगी तभी भावी पीढ़ी की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। इसीलिए उन्होंने आमजनता से सप्तपदी के साथ वचनों की भांति कोरोना से रक्षा के लिए सात वचन का पालन करने का आह्वान किया है। ये सुरक्षा की सप्तपदी के सात वचन हैं-

पहला- बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। जिससे वे कोरोना वायरस के चपेट में ना आएं।
दूसरा- लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। घर में बने फेस कवर और मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
तीसरा- इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करें।
चौथा- आरोग्य सेतु ऐप जरूर डाउनलोड करें, दूसरों की भी डाउनलोड कराएं।
पांचवां- गरीब परिवारों की मदद करें।
छठवां- उद्योगों में अपने साथ काम करने वाले लोगों को नौकरी से ना निकालें। उनके प्रति संवेदनाएं रखें।
सातवां- डॉक्टर, नर्स, मेडिकल कर्मी, पुलिस, सफाई कर्मी का सम्मान करें।


लाॅकडाउन 2.0 का समर्थन करते हुए रेलवे ने स्पष्ट किया है कि 3 मई की मध्य रात्रि यानी रात 12 बजे तक सभी यात्री सेवाएं बंद रहेंगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित करने का ऐलान कर दिया है कि अगले 3 मई रात 12 बजे तक सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ाने निलंबित रहेंगी। प्रधानमंत्री ने सरकार की ओर से सुरक्षा की पहल कर दी है अब नागरिकों का दायित्व हैकि लॉकडाउन 2.0 को सफल बनाएं और प्रधानमंत्री द्वारा मांगे गए सप्तपदी वचनों का पालन करते हुए कोरोना की इस वैश्विक आपदा से स्वयं को और अपने देश को बचाएं।
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(दैनिक सागर दिनकर, 15.04.2020)

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