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My Editorials - Dr Sharad Singh

Monday, December 27, 2021

पुस्तकों का निरंतर प्रकाशित होते रहना सुखद है - डॉ (सुश्री) शरद सिंह

 
 "पुस्तकों का निरंतर प्रकाशित होते रहना सुखद है।"  विशिष्ट अतिथि के रूप में यह मेरे उद्गार थे। - डॉ (सुश्री) शरद सिंह

कल 26.12.2021 को सुबह विशिष्ट अतिथि के रूप में मुझे दो पुस्तकें लोकार्पित करने का सौभाग्य मिला। एक पुस्तक कहानी संग्रह "मंथन" लेखिका श्रीमती आराधना खरे और दूसरा काव्य संग्रह "बतरस" कवि कैलाश तिवारी "विकल"। इस समारोह की अध्यक्षता की डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के डॉ शशि कुमार सिंह ने। मुख्य अतिथि थे रीवा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ उदय जैन,  चर्चित शायर मायूस सागरी  तथा भोपाल से आए साहित्यकार एवं पूर्व प्रशासक महेंद्र सिंह जी।

प्रगतिशील लेखक संघ की सागर इकाई द्वारा आयोजित इस लोकार्पण समारोह में सागर नगर के अधिकांश साहित्यकार उपस्थित थे, जिसमें बुनियादी योगदान था इकाई के अध्यक्ष डॉ टीकाराम त्रिपाठी "रुद्र", डॉ एम डी त्रिपाठी, श्री मलैया जी तथा डॉ सतीश पांडेय जी का।

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