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My Editorials - Dr Sharad Singh

Thursday, March 23, 2023

ट्रेवलर डॉ (सुश्री) शरद सिंह | पार्ट - 2 | ढाना, रानगिर, ज्वाप, सागर

#ilovetravel #ilovetravelling ❗️Part-2❗️
मैं मानती हूं कि "look around you to know yourself" यानी "खुद को जानने के लिए अपने आसपास देखो!"... मैं ख़ुद भी यही प्रयास करती रहती हूं 😊
 🚶🚩 तो आज साझा कर रही हूं अपनी पिछली यात्रा का दूसरा भाग...
🚩 रानगिर सागर जिले में  देवी माता का  सुप्रसिद्ध स्थान है... हर नवरात्रि में यहां अपार जनसमूह उमड़ता है। ऐसे माहौल में देवी के दर्शन भी बड़ी कठिनाइयों से मिल पाते हैं क्योंकि श्रद्धालु सुबह से शाम तक लंबी कतार में लगे रहते हैं। यह इस क्षेत्र की मान्यता को भी दर्शाता है। यद्यपि सामान्य दिनों में देवी दर्शन आसानी से हो जाते हैं। 
 🚩मैं जब भ्रमण पर निकली तो ढाना और पटना बुजुर्ग ग्राम होते हुए रानगिर तक जा पहुंची। 
🚩 लेकिन पटना बुजुर्ग से पहले ही ढाना में स्वराज चौक देखा। देश के वीर सैनिकों को समर्पित स्वराज चौक... जिसे देख कर मन गर्व से भर उठा। 
इसके बाद पटना बुजुर्ग होते हुए रानगिर की ओर मैं बढ़ी।
🚩 रानगिर सागर मुख्यालय से लगभग 45-46 किलोमीटर दूर है। वहां की प्राकृतिक सुंदरता मन मोह लेती है और श्रद्धालुओं की भक्ति भावना भी मन पर प्रभाव छोड़े बिना नहीं रहती है। 
  🚩रानगिर के रास्ते में ख़ूबसूरत ब्लैक ड्रैंगो चिड़िया पलाश के लाल फूलों से पराग का आनंद लेती हुई मिली। मैंने उससे रिक्वेस्ट की कि जरा ठहर कर एक फोटो तो खिंचवा लो! लेकिन उस चंचल चिड़िया ने मेरी बात पर ध्यान ही नहीं दिया। 
🚩इसके बाद मिला वानर परिवार। उस परिवार में अनेक छोटे-छोटे नन्हे-नन्हे बंदर थे। एक छोटा बंदर मुझे देखकर डर से छुपने लगा। बड़ी मुश्क़िल से उसकी एक फोटो में खींच पाई। क्योंकि मुझे डर था कि अपने बच्चे को परेशान देखकर  अगर कहीं उसकी मम्मी का मूड ख़राब हो गया तो वह मेरा मोबाइल छीन कर भाग खड़ी होगी।
 🚩बहरहाल, प्राकृतिक सौंदर्य को देखते हुए मैं रानगिर पहुंची। वहां मंदिर परिसर कभी सूना नहीं रहता है। उस दिन बहुत सुंदर और दिलचस्प दृश्य देखने को मिले। नवविवाहितों के तीन जोड़ें अपने परिजनों के साथ माता के चरणों में मत्था टेकने आए थे। परंपरा का निर्वाह करते हुए वहां वे जोड़े अलग-अलग समूह में अपने परिजनों के साथ नगड़िया वाद्य की धुन पर नृत्य भी करते रहे। छोटे-छोटे बच्चे भी नृत्य करने में मशगूल थे। उनको इस तरह अपनी धुन में नाचते हुए देखना बहुत अच्छा लग रहा था। 
  🚩कुछ देर रानगिर में ठहरने के बाद वहां से दूसरे रास्ते से यानी ज्वाप नामक गांव होते हुए वापसी की यात्रा शुरू की। रास्ते पर सुनहरी घास वाली ज़मीन, काली चट्टानें, छोटे-छोटे खेत, पलाश के पेड़ और कुछ ऊंचे-ऊंचे वृक्ष जिनके नाम मुझे नहीं पता.. लेकिन उनकी सुंदरता देखते ही बन रही थी... सभी कुछ मनोरम था। यही तो वह प्रकृति की सुंदरता है जो रोजमर्रा की ज़िंदगी की थकान को दूर कर देती है और मन की ऊर्जा को रिचार्ज कर देती है। 
🚩 वापसी यात्रा के दौरान NH-26 पर MP Tourism के होटल मिडवे ट्रीट पर हल्की फुल्की पेट पूजा भी की ☕🍔🍩
🚩 मेरी तो यही गुज़ारिश है सभी को इस तरह की आउटिंग पर जरूर निकलना चाहिए ... बहुत दूर नहीं तो कुछ दूर तक ही सही... लेकिन घर से बाहर रोज़ाना की ज़िंदगी से हट कर... ❤️
🚩 तो आप भी निकल पड़िए नवरात्रि के बहाने... देवी दर्शन और प्रकृति दर्शन दोनों एक साथ हो जाएंगे 🚩🌳🚩
🚩🦉🚶🏃🦉🌿🌳🚶🏃🦉🚩

💠Traveling Date ..16.03.2023

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