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My Editorials - Dr Sharad Singh

Saturday, November 9, 2024

काव्य संवेदनाओं को जगाता है - डॉ (सुश्री) शरद सिंह, निर्णायक, विद्यार्थी काव्य प्रतियोगिता

काव्य पाठ का निर्णायक होना भी एक दिलचस्प दायित्व है ...जी हां, 07.11.2024 को यही दायित्व निभाया मैंने। अवसर था रज़ा फाउंडेशन दिल्ली एवं श्यामलम् संस्था के तत्वावधान में सागर शहर के अग्रज कवियों की कविताओं की काव्यपाठ प्रतियोगिता के अभिनव आयोजन की श्रृंखला में कल सी एम राइज स्कूल की 19 छात्राओं ने दिवंगत कवियों शिवकुमार श्रीवास्तव, राजा दुबे, माधव शुक्ल मनोज, रमेशदत्त दुबे, आग्नेय तथा जितेन्द्र कुमार की कविताओं का उत्साहपूर्वक पाठ किया। प्रत्येक कवि की दो चयनित कविताओं को विद्यालय को उपलब्ध कराया गया था। विद्यार्थियों की यह प्रतियोगिताएँ शहर के अग्रज कवियों से नयी पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से की जा रही हैं। निर्णायक डॉ. सुश्री शरद सिंह अर्थात मैं, डॉ विजय लक्ष्मी दुबे और  विद्यालय के हिन्दी शिक्षक श्री सी डी कोरी। सरस्वती वंदना के पश्चात् सह आयोजक संस्था श्यामलम् के अध्यक्ष उमाकांत मिश्र जी ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। सफल संचालन शिक्षक सुरेश अहिरवार ने किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य विनय दुबे तथा  डॉ सुश्री शरद सिंह ने यानी मैंने अपने वक्तव्य में इस तरह के आयोजनों को युवा पीढ़ी के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणास्पद बताया। आभार पाठक मंच संयोजक श्री आर के तिवारी ने जताया। इस अवसर पर हरीसिंह ठाकुर, टी आर त्रिपाठी, अंबिका यादव, मुकेश तिवारी, मनीष दुबे प्रदीप पांडेय, डॉ मुकेश साहू सहित बड़ी संख्या में छात्राएं व विद्यालय के शैक्षणिक सदस्य उपस्थित रहे। 
🚩आभारी हूं श्यामलम संस्था तथा रज़ा फाउंडेशन की जिन्होंने मुझे बतौर निर्णायक इस आयोजन में शामिल किया 🙏

🚩 सभी तस्वीर साभार श्री मुकेश तिवारी जी एवं श्यामलम संस्था 🙏
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