ब्लॉग साथियों, कल शाम शहीद दिवस 23 मार्च को दर्शकों से खचाखच भरे डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के स्वर्णजयंती सभागार में  आदित्य निर्मलकर के निर्देशन में पार्थो घोष और यशगोपाल श्रीवास्तव के संगीत से सजे पीयूष मिश्रा लिखित बहुचर्चित नाटक ‘गगन दमामा बाज्यो’ का मंचन किया गया। इसे प्रस्तुत किया थर्ड आई परफार्मस एवं स्टूडियो अनश्ते ने। इस दौरान सभागार में शहीद भगत सिंह और सुखदेव सहित कई क्रांतिवीरों की विचारधारा की गूंज सुनाई देती रही। 
        प्रस्तुति इतनी प्रभावी थी कि जब मुझसे मंच पर उस प्रस्तुति के बारे में बोलने के लिए कहा गया तो मैंने शुरू में ही 3 शब्द कहे - "आउटस्टैंडिंग, अद्वितीय, बेजोड़ !"
       नाट्य दल की पूरी टीम युवा है और ऊर्जा से लबरेज है। उन्होंने बतौर एक नाट्यलेखिका स्मृति चिन्ह देकर मुझे भी सम्मान और आत्मीयता प्रदान की जिसके लिए मैं उनकी हृदय से आभारी हूं ... और उन्हें शुभकामनाएं देती हूं कि वे अपनी प्रस्तुति देश के बड़े-बड़े थिएटर्स में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जाकर दे सकें। मुझे उन पर गर्व है!
      इस नाट्यमंचन के बारे में आज मेरी समीक्षात्मक रिपोर्ट 24.03.2022 के दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुई है जिससे आप इस नाट्यदल एवं नाटक के बारे में जान सकेंगे!
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