Friday, March 18, 2011

होली के दोहे....


63 comments:

  1. आदरणीया डॉक्टर साहिबा
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    नदी थिरकती घाट पर , थिरके जल की धार !
    बैठ फाग की नाव में , आ जाओ इस पार ॥

    आहाऽऽ हऽऽ ! क्या दोहा लिखा है !
    … और हर दोहा लाजवाब !
    हर दोहा मुझे श्रेष्ठ सृजन की प्रेरणा देता हुआ महसूस हो रहा है

    … मन से आभार स्वीकारें ।
    हार्दिक बधाई !

    समय मिले तब हमारे भी यहां होली में रंगने अवश्य आइएगा …
    प्रतीक्षा रहेगी ।


    होली ऐसी खेलिए , प्रेम का हो विस्तार !
    मरुथल मन में बह उठे शीतल जल की धार !!

    ♥होली की शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥


    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    ReplyDelete
  2. लीजिए हम भी आ गए इस पार आपकी फाग की नाव पर बैठ कर.होली की हार्दिक शुभ कामनाएं आपको और सभी ब्लोगर जन को .

    ReplyDelete
  3. aadarniy sharad ji

    doha to bahut hi shhandaar hai

    होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  4. सुंदर मनभावन दोहे..... होली की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  5. बहुत ही सुन्दर होलीमय प्रस्तुति शरद जी.
    होली की हार्दिक शुभकामनायें .

    ReplyDelete
  6. नदी थिरकती घाट पर , थिरके जल की धार !
    बैठ फाग की नाव में , आ जाओ इस पार ॥

    सारे दोहे बहुत सुन्दर ...होली की शुभकामनायें

    ReplyDelete
  7. नीरज बसलियाल जी,
    हार्दिक धन्यवाद!
    रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  8. राजेन्द्र स्वर्णकार जी,
    आपका आना सुखद लगा ... हार्दिक धन्यवाद !
    होली का पर्व आपके लिए मंगलमय हो...

    ReplyDelete
  9. राकेश कुमार जी,
    होली पर आपका स्वागत है!
    रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  10. संजय कुमार चौरसिया जी,
    मेरे दोहों को पसन्द करने के लिए आभार...
    होली का पर्व आपके लिए मंगलमय हो!

    ReplyDelete
  11. डॉ॰ मोनिका शर्मा जी,
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
    रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  12. क्रिएटिव मंच के सभी साथियों,
    आत्मीयता के लिए हार्दिक आभार...
    होली का पर्व आप सभी के लिए मंगलमय हो!

    ReplyDelete
  13. संगीता स्वरुप जी,
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया...सुखद लगा ....
    इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराती रहें।
    रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  14. बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने
    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  15. 'har din holi rahe'' sundar soch. pyare dohe. yahi se bhej rahaa hoo gulal...

    ReplyDelete
  16. क्रिएटिव मंच-Creative Manch,
    मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए हार्दिक आभार...
    आपका सदा स्वागत है।

    ReplyDelete
  17. मदन शर्मा जी,
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
    रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  18. गिरीश पंकज जी,
    आपका आना सुखद लगा ...हार्दिक धन्यवाद!
    इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।
    रंगपर्व होली आपको असीम खुशियां प्रदान करे..... शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  19. दमदार दोहे शरद जी

    ReplyDelete
  20. गिरीश मुकुल जी,
    जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरे दोहे पसन्द आए....
    रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें एवं आभार!

    ReplyDelete
  21. ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी,
    बहुत-बहुत धन्यवाद।
    रंगपर्व होली आपको असीम खुशियां प्रदान करे..... शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  22. बहुत ही सुंदर दोहे ... होली की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  23. अच्छी रचना ...
    होली पर्व की शुभकामनायें.....

    ReplyDelete
  24. सुंदर मनभावन दोहे|
    होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|

    ReplyDelete
  25. उपेन्द्र ' उपेन ' जी,
    बहुत-बहुत धन्यवाद...
    आपको भी रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  26. निवेदिता जी,
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
    रंगपर्व होली आपको असीम खुशियां प्रदान करे..... शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  27. Patali-The-Village...,

    हार्दिक धन्यवाद !
    इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
    होली का पर्व आपके लिए मंगलमय हो...

    ReplyDelete
  28. दिलबाग विर्क जी,
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया...
    हार्दिक धन्यवाद !
    रंगपर्व होली आपको असीम खुशियां प्रदान करे..... शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  29. मनोज कुमार जी,
    हार्दिक धन्यवाद !
    इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
    होली का पर्व आपके लिए मंगलमय हो...

    ReplyDelete
  30. बहुत सुन्दर दोहे हैं होली के.
    होली की शुभकामनाये आपको.

    ReplyDelete
  31. शिखा वार्ष्णेय जी,
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया...
    हार्दिक धन्यवाद !
    रंगपर्व होली आपको असीम खुशियां प्रदान करे..... शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  32. वाकई हर दिन होली सा ही रहना चाहिए हालांकि साथ देने वाले नहीं मिलते मगर कई बार अपनी पहल ही आसपास होली सा माहौल बनाने में समर्थ होती है बस मन उन्मुक्त रहे ! खुले और उन्मुक्त लोग ही जीवन का आनंद ले पाते हैं !
    हार्दिक शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  33. सतीश सक्सेना जी,
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !
    इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।

    ReplyDelete
  34. सभी दोहे अलग-अलग रंग लिए बौराए फाल्गुन की खुशबू से सरोबार हैं..होली उपरांत प्रणाम स्वीकार कीजियेगा सम्मानिया शरद जी ! आपका ब्लॉग पर आने का पहली बार सुअवसर प्राप्त हुआ. आपके प्रोफाइल और आपकी हर पोस्ट्स ने बहुत ही प्रभावित किया.. खासकर नारी महत्ता को परिपूर्ण करती आपकी सोचना ही होगा' अभिव्यक्ति बेहद सशक्त और प्रभावशाली लगी...मैं नमन करता हूँ !

    ReplyDelete
  35. नरेन्द्र व्यास जी,
    रंगपर्व आपको असीम खुशियां प्रदान करे...
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया... हार्दिक आभार !
    इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।

    ReplyDelete
  36. सुंदर मनभावन दोहे....

    ReplyDelete
  37. देर से आने के लिए क्षमाप्रार्थी हूं।
    हर दोहा बहुत ही अच्छा लगा।
    आप इतना सजा कर अपना ब्लॉग रखती हैं कि बस देखते ही बनता है।

    ReplyDelete
  38. शिवकुमार ( शिवा) जी,
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया... हार्दिक धन्यवाद !

    ReplyDelete
  39. मनोज कुमार जी,
    देर से सही, आपका आना सुखद लगा ... हार्दिक धन्यवाद !
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए...

    ReplyDelete
  40. डॉ. साहिबा,

    बड़े ही खूबसूरत दोहे जिन्हें दोहराने का दिल करता है.....

    शरद जिन्दगी क लिये, इतना है पर्याप्त
    हर दिन होली सा रहे, रहे प्रेम ही व्याप्त

    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

    नोट : आपके ब्लॉग पर पहली भी टिप्पणी देना मेरे लिये न जाने क्यों टेढी खीर की तरह ही रहा है। कोई जावा की त्रुटि की वज़ह से अक्सर विंडो ओपन ही नही होती है।
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
  41. मुकेश कुमार तिवारी जी,
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया...
    हार्दिक धन्यवाद !
    रंगपंचमी आपको असीम खुशियां प्रदान करे..... शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  42. राजेश चड्ढ़ा जी,
    मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए हार्दिक आभार...
    आपका सदा स्वागत है।

    ReplyDelete
  43. सुन्दर भाव-पूर्ण दोहे

    ReplyDelete
  44. द्वारका बहेती द्वारकेश जी,
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया...
    हार्दिक धन्यवाद !
    इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।

    ReplyDelete
  45. नदी थिरकती घाट पर , थिरके जल की धार !
    बैठ फाग की नाव में , आ जाओ इस पार ॥
    Lajwab dohe...bahut khoob...

    ReplyDelete
  46. विजय रंजन जी,
    आपने मेरे दोहों को पसन्द किया...
    हार्दिक धन्यवाद !

    ReplyDelete
  47. काजल कुमार जी,
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए...

    ReplyDelete
  48. CS Devendra K Sharma ji, (Man without Brain)
    I am very glad to see your comment on my 'Doha'-poem. Hearty thanks.

    ReplyDelete
  49. होली के रंगों में सराबोर इन बेहतरीन दोहों के लिए बधाई स्वीकार करें...

    नीरज

    ReplyDelete
  50. नदी थिरकती घाट पर, थिरके जल की धार
    बैठ फाग की नाव में, आ जाओ इस पार
    वाह ! बहुत सुन्दर. मेरी बधाई स्वीकारें

    ReplyDelete
  51. नीरज गोस्वामी जी,
    जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरे दोहे पसन्द आए.... हार्दिक धन्यवाद !

    मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका शुक्रिया...आपका स्वागत है....

    ReplyDelete
  52. अबनीश सिंह चौहान जी,
    बहुत बहुत धन्यवाद...
    मेरे दोहों को पसन्द करने और बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक आभार!

    ReplyDelete
  53. very good
    you can read poems in english on Nirantar's........(English Poems

    * http://nirantarajmer.blogspot.com

    ReplyDelete
  54. चैन सिंह शेखावत जी,
    मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका शुक्रिया...
    आपका स्वागत है....

    ReplyDelete
  55. डा.राजेंद्र तेला"निरंतर" जी,
    अत्यन्त आभारी हूं आपकी......विचारों से अवगत कराने के लिए...
    मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका शुक्रिया...
    आपका स्वागत है....

    ReplyDelete
  56. डॉ (सुश्री) शरद सिंह जी नमस्कार बहुत सुन्दर प्रस्तुतियां छवियों के साथ , आप के होली के मनोहर दोहे, नारियों के ऊपर लिखे गए लेख उनकी छवियों के साथ , सुन्दर विषय मनोहारी हैं शुभकामनायें हिंदी ब्लोगिंग जगत में उछ शिखर को छुएं -हम भी आप सब के साथ आप का मार्ग दर्शन पाने निकल पड़े हैं ..

    सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५

    ReplyDelete
  57. सुरेन्द्र शुक्ल भ्रमर जी,
    मेरे दोहों को आत्मीयता प्रदान करने के लिये आभार....
    आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है....

    मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आपका आभार...
    आपका स्वागत है....

    ReplyDelete
  58. कितना होली खेलेंगी आप!!
    इस चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हमारा नव संवत्सर शुरू होता है इस नव संवत्सर पर आप सभी को हार्दिक शुभ कामनाएं....

    ReplyDelete