Wednesday, September 26, 2018

चर्चा प्लस ... एक आंदोलन आई टी पार्क के लिए - डॉ. शरद सिंह

Dr (Miss) Sharad Singh
चर्चा प्लस ... 

एक आंदोलन आई टी पार्क के लिए
- डॉ. शरद सिंह

वर्तमान वैश्विक प्रगति में आई टी सेक्टर की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। युवाओं को आई टी सेक्टर से जोड़ने के लिए महानगरों में आई टी पार्क बनाए जा चुके हैं और इसके बाद बारी है शहरों की। मध्यप्रदेश के इन्दौर जैसे औद्योगिक शहर में एक से अधिक आई टी पार्क हैं, वहीं सागर जैसा शहर घोषणा के बावजूद आज भी एक अदद आई टी पार्क के लिए प्रतीक्षारत है। ऐसे में आई टी पार्क के लिए आंदोलन का सिर उठाना स्वाभाविक है। 

एक आंदोलन आई टी पार्क के लिए - डॉ. शरद सिंह ... चर्चा प्लस ... Column of Dr (Miss) Sharad Singh in Sagar Dinkar News Paper
मध्यप्रदेश में इन्दौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के बाद अब सागर में भी आई पार्क बनाए जाने के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन चलाया जा रहा है। प्रदेश शासन द्वारा स्वीकृति के बाद जिला प्रशासन द्वारा पार्क के लिए ज़मीन भी तय की जा चुकी है। मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम पहले ही इसे हरी झंडी दे चुका है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह पहले ही यह कह चुके हैं कि आई टी माध्यम से प्रदेश में कौशल विकास कार्यक्रम भी संचालित होने चाहिए जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर आई टी कम्पनियों को प्रशिक्षित मानवक्षमता का लाभ मिल सकेगा। विडम्बना यह है कि सागर में आई टी पार्क की प्रतीक्षा कुछ अधिक ही लम्बी हो गई जिससे अब नागरिकों के धैर्य का बांध टूटने लगा है और वे जुलूस निकाल कर, ज्ञापन सौंप कर अपनी मांग के पक्ष में आवाज उठाने लगे हैं। स्थानीय गैरराजनीतिक संस्था ‘‘गतिविधि’’ ने इस दिशा में हस्ताक्षर अभियान चलाया, पोस्टकार्ड अभियान चलाया, जनजागृति अभियान चलाया और जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। संस्था के सचिव शिवा पुरोहित का कहना है कि यह हमारे युवाओं के रोजगार का रास्ता खोल देगा, इसलिए हम तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक कि सागर में आई टी पार्क स्थापित करने की दिशा में काम शुरू नहीं हो जाता है।
आई टी पार्क की यदि अर्थशास्त्रीय परिभाषा देखें तो एक भौगोलिक विकास है जिसमें उच्च विनिर्देश कार्यालय स्थान के साथ-साथ आवासीय और खुदरा विकास शामिल होते है जो सूचना प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर विकास इत्यादि जैसी उच्च प्रौद्योगिकी कंपनियों के स्थानीयकरण को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया जाता हैं, जिससे प्रत्येक आर्थिक इकाई पर अर्थव्यवस्थाओं का लाभ मिलता है। भारत के सभी प्रमुख शहरों में अब कम से कम एक आई टी पार्क है जिसमें परिसर में सभी आवश्यक सुविधाएं हैं। प्रमुख आईटी पार्क राजीव गांधी चंडीगढ़ प्रौद्योगिकी पार्क चंडीगढ़, मिहान यह पार्क नागपुर, क्रिस्टल आईटी पार्क इंदौर, वेंकटदात्री आईटी पार्क बैंगलोर, ईन पार्क और डीएलएफ आईटी सेज हैदराबाद है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां है। उनमें से प्रमुख हैं - इंफोसिस, टी.सी.एस. , विप्रो, सत्यम, इंटेल, माइक्रोसॉफ़्ट, टी.आई., गूगल, याहू ,सैप लैब्स इंडिया, ऑरेकल आदि।
यदि अतीत में झांकें तो भारत में आई टी उद्योग को सन् 2004 में करीब पचीस बिलियन अमेरिकी डालर से अधिक का राजस्व मिला जिसमें करीब सत्रह बीस बिलियन डालर की आय अकेले निर्यात से प्राप्त हुई। भारत में इस उद्योग में एक मिलियन से भी अधिक लोग सीधे रोजगार पा रहे हैं जबकि 2.5 मिलियन से ज्यादा लोग अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़ चुके हैं। आई पार्क के अंतर्गत विभिन्न देशों में उत्पाद इकाइयां बनाना, हर देश में उपलब्ध श्रेष्ठ संसाधन का उपयोग करना, विभिन्न देशों से काम करते हुए पूरे 24 घंटे अपने ग्राहक के लिए उपलब्ध रहना और ऐसे डेटा सेंटर बनाना जो कहीं से भी इस्तेमाल किए जा सकें, ये कुछ ऐसे कार्य हैं जिनसे देश की अर्थव्यवस्था के साथ ही बेरोजगारों को भी रोजगार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्राप्त हुआ है।
भारत की वर्तमान प्रगति में आईटी का बहुत बड़ा योगदान है। भारतीय आईटी उद्योग देश का पहला वैश्विक व्यवसाय सिद्ध हो रहा है। भारत की टाटा कंसलटेंसी ने ब्रिटेन में प्रमुख कंप्यूटर प्रदाता कंपनी के रूप में वैश्विक बाजार में अपनी जगह बनाई है। सूचना प्रौद्योगिकी के लचीले व्यवसायिक नियमों के कारण आज कई कंपनियां ज्यादा कुशलतापूर्वक अपना काम कर रही हैं। इनमें टाटा कम्पनी ने दुनिया की दस बड़ी कंपनियों में जगह बना ली है। तीस वर्ष से टाटा कंसलटेंसी भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले व्यवसाय के अनुरूप परिवर्तन की प्रक्रिया अपनाए हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारतीय प्रतिभाओं की भारी मांग ने भारत को एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे तेज गति से विकास करने वाला सूचना प्रोद्योगिकी बाजार बना दिया है। भारतीय साफ्टवेयर और आईटीईएस उद्योग का पिछले छह वर्ष के दौरान करीब 30 प्रतिशत के सीएजीआर की दर से विकास सामने आया है। उपभोक्ताओं की उभरती आवश्यकताओं का प्रबंधन बेहतर रूप से करने के लिए, बहुउद्देशीय सेवा प्रदायी क्षमताओं के लाभ और कुछ नई सेवाओं की प्रदायगी की दिशा में अपनी सेवाएं बढ़ा रही हैं।
माइक्रोसाफ्ट, ओरेकल, एसएपी जैसे साफ्टवेयर उत्पादों की बड़ी कंपनियों ने अपने विकास केंद्र भारत में स्थापित किए हैं। सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में भारत का रिकार्ड अधिकांश देशों से बेहतर माना जा रहा है। भारत के प्राधिकारी देश में सूचना सुरक्षा के परिवेश को और मजबूत करने पर गहन रूप से बल दे रहे हैं। इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों में सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम में संशोधन, समीक्षा, उद्योगों के प्रबंध वर्गों के बीच आपसी संपर्क में वृद्घि के बारे में जागरुकता बढ़ाई जा रही है। भारत की अधिकांश कंपनियों ने आईएसओ, सीएमएम, सिक्स सिगमा जैसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं और व्यवहारों को पहले ही शामिल कर लिया है, जिस कारण भारत को एक भरोसेमंद सोर्सिंग गंतव्य के रूप में स्थापित करने में सहायता मिली है। आने वाले समय में अब दुनिया में केवल प्रतिभाओं की मांग होगी। विश्व समुदाय मानता है कि भारत में आईटी के क्षेत्र में प्रतिभाओं की अद्भुत खोज हुई है। अर्थशास्त्रियों का यह अनुमान है कि एक समय बाद भारतीय प्रतिभाएं दुनिया के लिए बड़ी मजबूरी बन जाएंगी, उनके बिना किसी भी देश का काम नहीं चलेगा।
मध्यप्रदेश का ही उदाहरण लें तो मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास केन्द्र निगम (एमपीएवीकेएन) की भविष्य संबंधी परियोजना, आईटी पार्क (सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क) को इंदौर में एक उच्च तकनीकी औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह उच्च तकनीकी क्षेत्र, सभी विकासशील सूचना प्रौद्योगिकी संस्थारपना (सेटअप) में विश्व स्तर के उत्पादों और समाधानों को प्रस्तुत करने में आईटी कंपनियों को सक्षम बनायेगा। व्यापार नीतियों में कुशल समर्थन के साथ, तेजी से विकास कर रहे सभी क्षेत्रों में इस परियोजना को प्रगतिशील बनाने का एक सुनहरा अवसर है। आईएसडीएन लाइनों, उपग्रह सेटअप, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, और अन्य बुनियादी जरूरतों के साथ, आईटी पार्क भविष्य के लिए एक कॉस्मो सॉफ्टवेयर शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है। भोपाल आईटी पार्क में एलईडी बल्ब का उत्पादन शुरू हो चुका है। ग्रीन सर्फर नामक यह कंपनी यहां बने ऊर्जा बचत करने वाले ये बल्ब पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात सहित पांच राज्यों को सप्लाय करने लगी है। एमपी ऑनलाइन, सोलर प्लांट बनाने वाली कंपनी डाउसन, एक्सट्रा नेट, सर्विन बीपीओ, पी नेट और स्मार्ट चिप जैसी कंपनियां यहां आ चुकी हैं। अब सागर जिले को भी प्रतीक्षा है एक आई टी पार्क की जिससे स्थानीय युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरुप रोजगार उपलब्ध करा सके और उन्हें वैश्विक विकास से सीधा जोड़ सके।
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( सागर दिनकर, 19.09.2018)


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