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Wednesday, September 16, 2020

चर्चा प्लस : विश्व ओजोन दिवस (16 सितम्बर) पर विशेष: धरती की छत में कोई छेद न रहे - डाॅ शरद सिंह

Dr (Miss) Sharad Singh
 
चर्चा प्लस :  विश्व ओजोन दिवस (16 सितम्बर) पर विशेष:


 धरती की छत में कोई छेद न रहे          

 - डाॅ शरद सिंह


         ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना काल में दुनिया के विभिन्न देशों में हुए लाॅकडाउन से हानिकारक उत्सर्जन घट गया जिसने ओजोन परत में बढ़ते छेदों को छोटा करने में मदद की है। लेकिन यह तो स्थाई हल नहीं है। दुनिया हमेशा लाॅकडाउन नहीं रह सकती है। जंगल कटेंगे, जलेंगे और विषाक्त उत्सर्जन फिर बढ़ेगा तो ओजोन परत के लिए फिर खतरा पैदा हो जाएगा। आम इंसान को ये बातें गै़रज़रूरी लग सकती हैं लेकिन ओजोन परत का सरोकार इंसान सहित हर प्राणी की संासों से है। इसलिए इसके बारे में सभी को सोचना होगा। 


 हर इंसान को, हर प्राणी को जीवित रहने के लिए सांसें चाहिए। हवा और पर्यावरण की शुद्धता ही स्वस्थ सांसें दे पाती है। लेकिन हम इंसानों ने अपने ही हाथों अपने घर को जलाने और प्रदूषण फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दिल्ली को ही लें तो हर वर्ष शीतऋतु में स्माॅग के चलते वहां इंसानों का दम घुटने लगता है। संास की बीमारियां बढ़ जाती हैं और अब कोरोना संक्रमण जो संासों के जरिए तेजी से फैलता है, ने ख़तरा और बढ़ा दिया है। माॅस्क के पीछे क़ैद संासें और उस पर शुद्ध हवा की कमी सेहत के लिए घातक परिणाम पैदा कर सकती है। किन्तु शुद्ध हवा, शुद्ध पर्यावरण आए कहां से, जब हमने वायुमण्डल को विषैली गैसों का ‘डम्पिंग स्टेशन’ बना रखा है। यह सोच कर सुखद लगता है कि इस कोरोना काल में दुनिया भर के देशों में किए गए लाॅकडाउन ने धरती की छत यानी ओजोन परत में मरम्मत की है। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण दुनिया के अधिकांश देशों में लाॅकडाउन किया गया। उद्योगों के संचालन को बंद किया गया। सड़कों पर परिवहन सीमित हो गए। इससे वायु प्रदूषण अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। नदियों का जल साफ होने लगा, आसमान साफ और नीला दिखाई देने लगा। लाॅकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर उद्योगों के बंद रहने से विषैली गैसों के उत्सर्जन में बड़ी गिरावट आई जिससे ओजोन परत के बड़े होते छेद सिकुड़ने लगे, छोटे होने लगे। लेकिन यह स्थाई हल नहीं है। कोरोना-संक्रमण के बावजूद दुनिया अपनी पुरानी पटरी पर लौट रही है। यह जरूरी भी है। उद्योग नहीं रहेंगे तो अर्थव्यवस्था और विकास ध्वस्त हो जाएगा और तब बेरोजगारी और भुखमरी को सम्हाल पाना कठिन से कठिनतर हो जाएगा। कहने का आशय यह है कि जो हमें अपनी नंगी आंखों से दिखाई नहीं देता है वह भी हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है- ओजोन परत।  

Dr (Miss) Sharad Singh Column Charch Plus in Dainik Sagar Dinkar, 16. 09. 2020 World Ozone Day

वर्ष 1980 में पहली बार ओजोन परत में छेद का पता चला था। प्रदूषण बढ़ने के साथ साथ ओजोन छिद्र भी बढ़ता गया। जिस कारण सूर्य की पैराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर पहुंचने लगी, इससे त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद, प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचने के साथ ही पौधों को भी नुकसान पहुंचने लगा। इससे बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 1987 में एक माॅन्ट्रियल प्रोटोकाॅल संधि की गई।

ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है। ओजोन परत हमें सूरज से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है। वायुमंडल में 91 प्रतिशत से अधिक ओजोन गैसें यहां मौजूद हंै, वहीं दूसरी ओर जमीनी स्तर पर ओजोन परत सूर्य की पैराबैंगनी किरणों से बचाने के लिए सन स्क्रीन की तरह काम करती है। ओजोन की परत की खोज 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी। धरती से 30-40 किमी की ऊंचाई पर ओजोन गैस का 91 प्रतिशत हिस्सा एकसाथ मिलकर ओजोन की परत का निर्माण करता है। ओजोन सूर्य के उच्च आवृत्ति के प्रकाश की 93 से 99 प्रतिशत मात्रा अवशोषित कर लेती है। ओजोन परत में छेद के लिए क्लोरोफ्लोरो कार्बन यानी सीएफसी गैसों को भी जिम्मेदार माना जाता है। सन् 1985 में सबसे पहले ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिक के ऊपर ओजोन परत में एक बड़े छेद की खोज की थी। वैज्ञानिकों को पता चला कि इसकी जिम्मेदार क्लोरोफ्लोरो कार्बन गैस है। जिसके बाद इस गैस के उपयोग को रोकने के लिए दुनियाभर के देशों में सहमति बनी और 16 सितंबर 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किया गया था। जिसके बाद से ओजोन परत के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा साल 1994 में 16 सितंबर की तारीख को ‘‘विश्व ओजोन दिवस’’ मनाने की घोषणा की गई। पहली बार ‘‘विश्व ओजोन दिवस’’ साल 1995 में मनाया गया था, जिसके बाद हर साल 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है।

ओजोन परत को इंसानों द्वारा बनाए गए कैमिकल्स से काफी नुकसान होता है। इन कैमिकल्स से ओजोन की परत पतली हो रही है। फैक्ट्री और अन्य उद्योगों से निकलने वाले कैमिकल्स हवा में फैलकर प्रदूषण फैला रहे हैं। ओजोन परत के बिगड़ने से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। ऐसे में अब गंभीर संकट को देखते हुए दुनियाभर में इसके संरक्षण को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान लाॅकडाउन ने जहां उद्योगों में रुकावट डाल कर तात्कालिक रूप से ओजोन परत को संवारा वहीं दूसरी ओर स्थाई हल की ओर कदम बढ़ाने का आह्वान करते लोगों और उनके धरना-प्रदर्शनों पर बाधा पहुंचा दी। अकसर सरकारें अकेले अपने दम पर बड़े उद्योंगों के उत्पादन के घातक तरीकों पर अंकुश नहीं लगा पाती हैं लेकिन जब उन्हें जनता के दबाव के रूप में समर्थन मिलता है तो वे ठोस कदम उठा पाती हैं। पर्यावरण के हित में किए जा रहे सक्रिय सामूहिक प्रयासों की गति में कमी पर्यावरण और विषैली गैसों के उत्सर्जन के समीकरण को एक बार फिर चिंताजनक स्तर तक ले जा सकती है। 

और अंत में एक रोचक कथा। बहुत पहले एक राजकुमारी हुआ करती थी जिसका नाम था विद्योत्तमा। वह असाधारण विदुषी थी। उसने प्रतिज्ञा की थी कि वह उसी से विवाह करेगी जो उससे अधिक विद्वान हो। उससे विवाह के लिए अनेक विद्वान आये पर शास्त्रार्थ में उससे पराजित होकर लौट गए। विवाह में असफल विद्वानों ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए षडयंत्र रचा और किसी महामूर्ख से उसका विवाह करवा देने का निश्चय किया। वे सभी किसी महामूर्ख को खोजने के लिए चल पड़े। मार्ग में उन्हें एक व्यक्ति मिला जो वृक्ष की जिस डाल पर बैठा हुआ था, उसी को ही काट रहा था। ऐसा महामूर्ख उन्होंने कभी नहीं देखा था। उसे वृक्ष से उतारा गया और समझाया गया कि वह एकदम मौन रहेगा तो उसका विवाह राजकुमारी से करवा दिया जाएगा। उस व्यक्ति का परिचय विद्योत्तमा को यह कह कर दिया गया कि यह अद्वितीय विद्वान है लेकिन इस समय मौन व्रत धारण किए हुए है, अतः जो पूछना हो, वह इशारों से पूछा जाए। विद्योत्तमा ने उसकी ओर एक अंगुली उठाई जिसका तात्पर्य था कि ब्रह्म एक है। उस व्यक्ति ने समझा कि वह मेरी एक आंख फोडना चाहती है। उसने दो अंगुलियां उठा दीं, जिसका तात्पर्य था कि यदि तुम एक आंख फोड़ोगी तो मैं तुम्हारी दोनों आंख फोड़ दूंगा। लेकिन पंडितों ने संकेत की व्याख्या कर दी कि ब्रह्म के दो रूप हैं। एक पुरुष और एक प्रकृति। अब विद्योत्तमा ने पंचतत्वों को बताने के लिए पांच अंगुली दिर्खाइंं। पर उस व्यक्ति ने समझा कि विद्योत्तमा मुझे थप्पड़ मारना चाहती है। उसने उसे मुक्का दिखाया कि यदि तुम मुझे थप्पड़ मारोगी तो मैं मुक्का मारूंगा। पंडितों ने व्याख्या कर दी कि तत्व तो पांच अवश्य होते हैं पर जब एक साथ मिलते हैं, तभी उनकी सार्थकता है। विद्योत्तमा ने उस व्यक्ति को विद्वान मान लिया और दोनों का विवाह हो गया। लेकिन विवाह की प्रथम रात्रि को ही उस व्यक्ति की मूर्खता का भेद खुल गया और इस छल से क्रोधित विद्योत्तमा ने उसे महामूर्ख कहते हुए धक्का दे दिया। वह व्यक्ति सीढियों से लुढ़कते हुए नीचे आ गिरा। उसी पल उस व्यक्ति ने मन ही मन प्रतिज्ञा की कि जब तक ज्ञानी नहीं हो जाऊंगा तब तक विद्योत्तमा को मुंह नहीं दिखाऊंगा। उस व्यक्ति ने न केवल ज्ञान अर्जित किया बल्कि ‘‘अभिज्ञान शकुन्तलम’’, ‘‘मेघदूत’’ आदि महान काव्यों की रचना की और कालिदास के नाम से विख्यात हुआ। इस कहानी को याद करने का उद्देश्य यही है कि हमने कालिदास के मूर्खरूप को जीते हुए उस धरती और उसके पर्यावरण को पर्याप्त नुकसान पहुंचाया है, जिस धरती पर हम रहते हैं। अब आवश्यकता है कालिदास की तरह प्रण करने और बुद्धिमान बन कर अपनी धरती की छत को बचाने की।

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(दैनिक सागर दिनकर में 16.09.2020 को प्रकाशित)


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Saur Tapiya Urja - Dr (Miss) Sharad Singh - Book on Use of Solar Energy





Thursday, July 16, 2020

डॉ शरद सिंह की माताजी वरिष्ठ साहित्यकार डॉ विद्यावती मालविका के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बायोपिक यूट्यूब एवं पिंट्रेस्ट पर

Dr (Miss) Sharad Singh with her mother Dr Vidyawati Malvika
प्रिय ब्लॉग साथियों,
    कृपया देखिए इस वीडियो को जो मेरी माता जी डॉ विद्यावती "मालविका" के व्यक्तित्व - कृतित्व पर केंद्रित है। इस वीडियो में मेरी माता जी ने अपनी कविताएं, अपने गीत अपने स्वर में रिकॉर्ड कराए हैं और इस वीडियो को प्रस्तुत किया है प्रधाननामा यूट्यूब चैनल ने। जिसे 15.07.2020 को Youtube पर रिलीज़ किया गया।  - डॉ. शरद सिंह
Dr Vidyapati Malvika Biopic


यह है यूट्यूब की लिंक....
https://youtu.be/CNeoV6EM9Rw

इसे आप Pinterest पर भी देख सकते हैं...
https://pin.it/6au56hP

Friday, December 13, 2019

आइए मिलते हैं इन्दौर लिटरेचर फेस्टिवल 2019 में ...

Dr (Miss) Sharad Singh As Speaker in Indore Literature Festival 2019
Dr (Miss) Sharad Singh As Speaker in Indore Literature Festival 2019

Saturday, March 16, 2019

डॉ शरद सिंह के विचार पत्रिका टीवी चैनल के न्यूज़ फ़ीचर में ...

Dr (Miss) Sharad Singh in Patrika TV channel News Feature 2019
महिलाओं की समस्याओं के प्रति क्षेत्र के राजनीतिज्ञों से मेरी अपेक्षाओं संबंधी मेरे विचार भी इस न्यूज़ फ़ीचर में शामिल हैं...कृपया अवश्य देखें...शायद ये स्थितियां आपको अपने क्षेत्र में भी नज़र आ जाए..  सागर का सटीक राजनीतिक विश्लेषण करने और यहां की समस्याओं पर पहलकदमी के साथ आवाज़ उठाते हुए इस न्यूज़-फीचर के लिए पत्रिका को हार्दिक धन्यवाद एवं साधुवाद ...
Dr (Miss) Sharad Singh in Patrika TV channel News Feature 2019

Dr (Miss) Sharad Singh in Patrika Talk Show on Parliamentary Election 2019

Dr (Miss) Sharad Singh in Patrika Talk Show on Parliamentary Election 2019
"पत्रिका" के सागर संस्करण के Live Sunday Political Club में @SagarPatrikaOffice में बहुत ही सार्थक Live Discussion में मैंने Opening और Closing में अपने विचार रखे...
 
Dr (Miss) Sharad Singh in Patrika Talk Show on Parliamentary Election 2019

Dr (Miss) Sharad Singh in Patrika Talk Show on Parliamentary Election 2019

Dr (Miss) Sharad Singh in Patrika Talk Show on Parliamentary Election 2019

Dr (Miss) Sharad Singh in Patrika Talk Show on Parliamentary Election 2019

Dr (Miss) Sharad Singh in Patrika Talk Show on Parliamentary Election 2019

Dr (Miss) Sharad Singh in Patrika Talk Show on Parliamentary Election 2019

Dr (Miss) Sharad Singh in Patrika Talk Show on Parliamentary Election 2019

कलागुरु श्रद्धेय विष्णु पाठक जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि ... डॉ. शरद सिंह

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh
दिनांक 10.03.2019 को स्थानीय आदर्श संगीत महाविद्यालय के प्रांगण में सागर नगर की अग्रणी संस्था श्यामलम् के संयोजकत्व में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हम सभी नगर के साहित्यकारों, संस्कृतिकर्मियों, कलाकारों ने कलागुरु श्रद्धेय विष्णु पाठक जी को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

अत्यंत भावभीनी अविस्मरणीय अद्वितीय संकल्पना युक्त इस श्रद्धांजलि सभा के गरिमामय आयोजन के लिए आदरणीय बड़े भाई उमाकांत मिश्र, श्री कपिल बैसाखिया एवं श्यामलम् संस्था के सभी कर्मठ सदस्यों को हार्दिक साधुवाद !!!
Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

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Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

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Tribute to Kala Guru Vishnu Pathak Sir by Dr (Miss) Sharad Singh & Dr Varsha Singh

डॉ शरद सिंह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस में शासकीय महाविद्यालय बांदरी में मुख्य अतिथि ...

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019
शासकीय महाविद्यालय, बांदरी (ज़िला सागर) में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के विशेष आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में मैंने वहां के स्टाफ और स्टूडेंट्स को संबोधित किया।
इस बेहतरीन आयोजन के लिए हार्दिक बधाई महाविद्यालय की प्रभारी डॉ सरोज गुप्ता एवं उनके सहयोगी स्टाफ को तथा धन्यवाद सागर प्रिंट मीडिया का ....
(08 March 2019)

साझा कर रही हूं Videos भी ....
https://youtu.be/vuSw5g9zJc4 

https://youtu.be/wsAU3ZBRT2A

https://youtu.be/OVxknVhymdQ
 
International Women Day
Balance For Better
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

Bandri Village, Sagar (MP)
Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019, Navdunia, 08.03.2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019, Sagar Dinkar, 08.03.2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019, Haribhumi, 08.03.2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019, Acharan, 08.03.2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019

Dr Sharad Singh as Chief Guest in International Women Day 2019 at Bandri College, 08 March 2019