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Wednesday, February 2, 2011

विद्रोह की आग में जलते मिस्र में औरतें


- डॉ. शरद सिंह

जो देश आज आंतरिक विद्रोह की आग में जल रहा है और जहां सर्वत्र अस्थिरता का वातावरण है उस देश में औरतों की स्थिति क्या है, यह विचार बार-बार मन में कौंधता है। जी हां मिस्र है वह देश जिसकी मैं बात कर रही हूं। विद्रोह राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के शासन के विरोध में है। 

Muhammad Hosni Sayyid Mubarak
मुहम्मद होस्नी सईद सईद इब्राहिम मुबारक
पहले कुछ बातें  राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के बारे में - राष्ट्रपति होस्नी मुबारक का पूरा नाम मुहम्मद होस्नी सईद सईद इब्राहिम मुबारक है। सन् 4 मई 1928 में जन्मे होस्नी मुबारक को सन् 1975 में उप राष्ट्रपति नियुक्त किया गया और 14 अक्टूबर 1981 को राष्ट्रपति अनवर एल.सादात की हत्या के बाद उन्होंने अरब गणराज्य मिस्र के चौथे राष्ट्रपति के रुप में पद संभाला। मुहम्मद अली पाशा के बाद वे सबसे लंबे समय से मिस्र के शासक रहे हैं। वर्ष १९९५ में इन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 
निम्नमध्यम वर्गीय मिस्री औरतें-लड़किएं
मिस्र के लिए संपूर्ण मध्य पूर्व में सबसे आधुनिक देश का माना जाता है। इस्लाम मिस्र का आधिकारिक धर्म है। ईसाई और यहूदी धर्मावलम्बी भी यहां रहते हैं। आधुनिक मिस्र में औरतों की स्थिति अन्य इस्लामिक देशों की अपेक्षा बहतर है। फिर भी यहां आम औरतों को ‘हिज़ाब’ में रहना पड़ता है। वे अनिवार्य रुप से मिस्री.बुरका पहनती हैं।
मिस्र में शिक्षित औरतें चेहरे खुले रख सकती हैं
मिस्री औरतें नई और पुरानी जीवन शैली के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। वे आदर्श मुसलिम की भांति रोज सुबह उठ कर नमाज पढ़ती हैं। दूसरी तरफ से विचारों में खुलापन भी है। शादी के मामले में वे मानती हैं कि इस्लाम औरतों को यह हक देता है कि अगर वह न करदें तो उनकी जबरदस्ती शादी नहीं हो सकती। लेकिन मुसलमान लड़कियाँ अपने धर्म से बाहर विवाह नहीं कर सकतीं। उन्हें सिविल मेरिज करन् का अधिकार नहीं है। यदि किसी मिस्री मुसलिम लड़की को किसी दूसरे धर्म के लड़के से प्यार हो जाये तो शादी तभी हो सकती है जब लड़का भी मुसलमान बने। सिर्फ कहने भर के लिए नहीं एक सच्चा मुसलमान।
विद्रोह के दौरान ‘बुरका’ पहन कर मार्च करती मिस्री औरतें

मध्यम एवं निम्नमध्यम वर्गीय मिस्री औरत अपने परिवार के प्रति पूर्ण समर्पित रहती है तथा इस्लामिक परम्पराओं का पालन करती है। वे दुनिया की सभी मध्यम एवं निम्न वर्गीय औरतों का भांति अपने अधिकारों से वंचित हैं।