अरुणा
शानबाग की स्मृति में कड़े कानून बनें ....
तभी सच्ची श्रद्धांजलि होगी....
केईएम हॉस्पिटल में 1973 में एक वार्ड ब्वॉय ने अरुणा के साथ दुराचार किया था. घटना के
बाद से ही बिस्तर पर पड़ी अरुणा वेंटिलेटर पर थीं. जब अरुणा के साथ वार्ड ब्वॉय
सोहनलाल वाल्मिकी ने दुष्कर्म किया था तो उसने आवाज को दबाने के लिए कुत्ते की चेन से अरुणा के गले को लपेट दिया था. इस
कारण से अरुणा के दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन की कमी हो गई थी. 24
जनवरी 2011
को घटना के 27
साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने अरुणा की
दोस्त पिंकी बिरमानी की ओर से दायर याचिका पर
फैसला सुनाया था.
कोर्ट ने अरुणा की इच्छा मृत्यु की याचिका स्वीकारते हुए मेडिकल पैनल गठित करने का
आदेश दिया. हालांकि 7 मार्च 2011
को कोर्ट ने अपना फैसला बदल दिया. बीते 42
साल से अरुणा केईएम हॉस्पिटल में ही भर्ती थीं और वहां का स्टाफ ही उनकी देखभाल कर रहा
था. पिछले एक महीने से वह आईसीयू में भर्ती थीं. आज अरुणा ने “मेडिकली” दम तोड़ दिया.
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, ४२ साल की क़ैद से रिहाई - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteहार्दिक आभार शिवम जी !!!
Deleteश्रद्धाँजलि ।
ReplyDeleteसही कहा अपने आज अरुणा जी ने "मेडिकली" दम तोड़ दिया।
ReplyDeleteश्रधासुमन
ReplyDeleteश्रध्दांजली अरुणा जी मुक्त हो गईं आखिरकार।
ReplyDelete