Dr (Miss) Sharad Singh |
💐हार्दिक धन्यवाद पत्रिका 💐
Dr Sharad Singh On Ravindra Nath Taigor Stories in Patrika News Paper, 07.05.2019 |
http://epaper.patrika.com/c/39169393
पत्रिका में प्रकाशित मेरे विचार....
"स्त्री स्वतंत्रता के समर्थक थे कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर*
मुझे कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर के काव्य पक्ष के साथ ही उनका कहानीकार पक्ष भी बहुत प्रभावित करता है, इसीलिए मैंने स्त्री विमर्श की अपनी पुस्तक ‘औरत तीन तस्वीरें’ में ‘टैगोर, स्त्री और प्रेम’ शीर्षक से एक विस्तृत लेख लिखा। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर मानवीय भावनाओं के चितेरे कवि ही नहीं वरन् एक संवेदनशील कथाकार भी थे। टैगोर की कहानियों में तत्कालीन समाज, मानव प्रकृति व प्रवृत्ति, एवं मानव मनोविज्ञान अपने समग्र रूप में उभर कर आया है। जैसे ‘माल्यदान’ कहानी की ‘बिन्नी’ को लें, जिसके द्वारा रवीन्द्रनाथ ने प्रेम के प्रति स्त्री की मौन साधना को वर्णित किया। या फिर कहानी ‘प्रेम का मूल्य’ को लें, जिसमें महाभारतकालीन पात्र ‘देवयानी’ के माध्यम से उन्होंने स्त्री गरिमा को स्थापित किया।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
लेखिका एवं समाजसेवी"
"स्त्री स्वतंत्रता के समर्थक थे कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर*
मुझे कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर के काव्य पक्ष के साथ ही उनका कहानीकार पक्ष भी बहुत प्रभावित करता है, इसीलिए मैंने स्त्री विमर्श की अपनी पुस्तक ‘औरत तीन तस्वीरें’ में ‘टैगोर, स्त्री और प्रेम’ शीर्षक से एक विस्तृत लेख लिखा। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर मानवीय भावनाओं के चितेरे कवि ही नहीं वरन् एक संवेदनशील कथाकार भी थे। टैगोर की कहानियों में तत्कालीन समाज, मानव प्रकृति व प्रवृत्ति, एवं मानव मनोविज्ञान अपने समग्र रूप में उभर कर आया है। जैसे ‘माल्यदान’ कहानी की ‘बिन्नी’ को लें, जिसके द्वारा रवीन्द्रनाथ ने प्रेम के प्रति स्त्री की मौन साधना को वर्णित किया। या फिर कहानी ‘प्रेम का मूल्य’ को लें, जिसमें महाभारतकालीन पात्र ‘देवयानी’ के माध्यम से उन्होंने स्त्री गरिमा को स्थापित किया।
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
लेखिका एवं समाजसेवी"
ReplyDeletehey, very nice site. thanks for sharing post
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