मुक्ति की राह पर रोशनी
युवा उपन्यासकार शरद सिंह ने अपनी विशिष्ट कथा-शैली और अछूते
विषयों के चुनाव के कारण
पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है। उनकी सद्य
प्रकाशित कृति ‘कस्बाई सिमोन’ में भी उनकी यह विशेषता देखी जा सकती है। यह
उपन्यास ‘लिव इन रिलेशनशिप’ जैसे विषय को लेकर है, जो खासकर भारतीय समाज के
लिए अपेक्षाकृत नया है। जिस समाज में प्रेम करने को अक्षम्य अपराध की तरह
देखने का आम चलन हो, वहां ऐसे विषय पर कलम चलाना साहस की बात कही जाएगी।
वस्तुत: हिंदी साहित्य के स्त्री विमर्श के क्षेत्र में यह उपन्यास एक अहम
हस्तक्षेप है, जिसमें न सिर्फ स्त्री की सदियों पुरानी परतंत्रता का
प्रतिकार किया गया है, बल्कि उसे मुक्ति का विकल्प भी दिखाया गया है।
कस्बाई सिमोन, लेखिका: शरद सिंह, प्रकाशक: सामयिक प्रकाशन, नई दिल्ली-2, मूल्य: 300 रु.
(दैनिक हिन्दुस्तान, 29.09.2012 में प्रकाशित टिप्पणी )
लिव इन रिलेशनशिप पर उपन्यास (A Novel on Live in Relation) |
लिव
इन रिलेशनशिप आज के समय में तेजी से बढ़ रहा है। एक समय था जब ऐसे संबंधों
पर लोग खुलकर बात करना पसंद नहीं करते थे। लेकिन आज लोग खुलकर लिव इन
रिलेशन शिप में रहते हैं और इस बात को जगजाहिर भी करते हैं। लिव इन
रिलेशनशिप के जहां कुछ फायदे हैं वही इसके कुछ नुकसान भी हैं। यानी जैसे हर
सिक्के के नकारात्मक और सकारात्मक पहलू होते हैं, इस रिश्ते में भी कुछ
ऐसा ही है। इन्हीं पहलुओं के खंगाला गया है इस उपन्यास में।
जिन्दगी के इस पहलू को आपने निश्चित ही बड़े ईमानदारी से छुआ होगा
ReplyDeleteमौका निकालकर पढना चाहूगा
संजीदा विषय पर सामयिक रचना...
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 19-12-2013 को चर्चा मंच पर टेस्ट - दिल्ली और जोहांसबर्ग का ( चर्चा - 1466 ) में दिया गया है
ReplyDeleteकृपया पधारें
आभार
ऐसे विषय अक्सर छुट जाते हैं ...बधाई
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