Patrika News Paper, Sagar Edition, 14.10.2018 |
मैंने महसूस किया है कि हर चुनाव में बड़े-बड़े वादों के सामने महिलाओं
की बुनियादी जरूरतें कहीं पीछे छूट जाती हैं इसीलिए जब "पत्रिका" समाचार
पत्र ने मुझसे चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों से मेरी उम्मीदों के
बारे में जानना चाहा तो मैंने दो टूक तरीके से अपने विचार व्यक्त कर दिए जो
आज के "पत्रिका" के अंक में प्रकाशित हुए हैं । लीजिए आप भी पढ़िए मेरे
विचार और जीतने वालों से मेरी अपेक्षाएं !
हार्दिक धन्यवाद "पत्रिका" !!!
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