Monday, May 22, 2023

पौराणिक किताबें मात्र धार्मिक महत्व की नहीं है वरन् उनमें उस जीवनशैली, दर्शन और विचारों का ज्ञान मिलता है जिन्हें हमारे पूर्वजों ने जिया है - डॉ (सुश्री) शरद सिंह

जी हां, बड़े काम की चीजें मिलती हैं ऐसी चलित दूकानों में... तुलसी, रुद्राक्ष, चंदन आदि हर तरह की मालाएं, पूजा की रेशमी मालाएं, घिसकर तिलक लगाने वाला चंदन, राशि के पत्थर, अंगूठियां आदि आदि... और मैं ऐसी दुकानों में तलाशती हूं पौराणिक पुस्तकें ... फिर यह तो गीता प्रेस (गोरखपुर) की  व्हीलर शॉप थी अतः मुझे कुछ न कुछ तो पढ़ने लायक मिलना ही था... बाकी जो नहीं मिला उसके लिए मैं उनसे कैटलॉग ले आई ताकि उसमें देख कर मंगा सकूं...
     🚩इस समय जब अन्य किताबें आसमान छूती कीमतों वाली होती हैं ऐसे समय में मोटी-मोटी किताबें बहुत कम कीमत में उपलब्ध कराना, वास्तव में पठनीयता की दिशा में गीता प्रेस का एक बहुत ही सराहनीय योगदान है....
     🚩वस्तुतः पौराणिक किताबें मात्र धार्मिक महत्व की नहीं है वरन् उनमें उस जीवनशैली, दर्शन और विचारों का ज्ञान मिलता है जिन्हें हमारे पूर्वजों ने जिया है... यदि हम इन्हें इतिहास की कथात्मक पुस्तकें माने तो इन में बहुत सारे तथ्य मिल जाते हैं जो यह साबित करते हैं कि इनमें सभी कुछ कपोल कल्पित नहीं है बल्कि इनमें अतीत के जीवन का यथार्थ हैं... वैसे, ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं क्योंकि मैं इन्हें एक इतिहास के विद्यार्थी के रूप में पढ़ती हूं और इनमें अतीत की जीवन शैली को तलाशती हूं ...
    🚩वस्तुतः इसी प्रक्रिया में मुझे शिखंडी का यथार्थ भी मिला था जिसे मैंने अपने उपन्यास का आधार बनाया। दिलचस्प बात यह है कि शिखंडी का वह यथार्थ आज के वैज्ञानिक मानकों पर एकदम खरा उतरता है।
      🙄 अभी मैंने कौन सी पुस्तक खरीदी, फिलहाल यह सीक्रेट है...🤫
... फिर कभी बताऊंगी 💁😀
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