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Dr (Miss) Sharad Singh in Pavas Vyakhyanmala, Bhopal - 2016, 23-24 July |
मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति भोपाल द्वारा 23-24 जुलाई 2016 को हिन्दी भवन, भोपाल (मध्यप्रदेश) में आयोजित दो दिवसीय 23वीं पावस व्याख्यानमाला में ‘‘समकालीन हिन्दी उपन्यासों में सामाजिक दृष्टि’’ विषय पर मैंने (डाॅ. शरद सिंह) अपने वक्तव्य में कहा कि ‘‘मैं इस मंच से थर्ड जेंडर विमर्श को आरम्भ किए जाने की घोषणा करती हूं।’’ वहां उपस्थित सभी बुद्धिजीवियों ने मेरी इस घोषणा का स्वागत एवं समर्थन किया।
‘‘समकालीन उपन्यासों में थर्ड जेंडर की सामाजिक उपस्थिति’’ विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए मैंने थर्ड जेंडर पर आधारित हिन्दी के पांच प्रतिनिधि उपन्यासों की चर्चा की। मैंने कहा कि थर्ड जेंडर को सामाजिक समानता के अधिकार दिलाने में साहित्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आवश्यकता है ऐसे साहित्य पर एक स्वतंत्र विमर्श की।
इस पावस व्याख्यानमाला में देश भर से आए साहित्यकारों में प्रो. पुष्पेश पंत, सूर्यबाला, डाॅ. सदानंद गुप्त, डाॅ. डी एन प्रसाद, डाॅ शंकर शरण, नीरजा माधव, प्रो. रमेश दवे, प्रो. रमेशचंद्र शाह, कैलाशचन्द्र पंत, नरेन्द्र दीपक, डाॅ. संतोष चैबे, आचार्य भगवत दुबे, राजकुमार सुमित्र आदि की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही।
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Navbharat, Bhopal Edition, 25.07.2016 |
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Raj Express, Bhopal Edition, 25.07.2016 |
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Dainik Jagaran, Bhopal Edition, 25.07.2016 |
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Nai Dunia News, Bhopal Edition, 25.07. 2016 |
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