Dr (Miss) Sharad Singh |
उपचुनाव के जोश में होश खोना जनता के लिए भारी ना पड़ जाए - डाॅ. शरद सिंह
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विशेष लेख
उपचुनाव के जोश में होश खोना जनता के लिए भारी ना पड़ जाए
- डाॅ. ( सुश्री) शरद सिंह
नवाबों के जमाने की एक कहावत है कि जिन्हें नज़ला (सर्दी) हो उन्हें बारिश में छाता ले कर ही घर से निकलना चाहिए। यानी जिन्हें दल बदलने के बाद अंदर-बाहर दोनों ओर से विरोध की सुगबुगाहट झेलनी पड़ रही हो, उन्हें एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहिए। एक भी चूक सारे राजनीतिक समीकरण बिगाड़ सकती है। उस पर यदि यह चूक चुनावी तैयारी के जोश में होश खो कर कोरोना को दावत देने वाली हो तो समर्थकों और आमजनता को भी गहरे संकट में डाल सकती है।
जी हां, सुरखी उपचुनाव की तैयारियां गरमाने लगी हैं। राजनीतिक आयोजनों का सिलसिला शुरू हो गया है। कोरोना संक्रमण से बचाव को ध्यान में रखते हुए जहां केन्द्रीय स्तर पर वर्चुअल रैलियां निकाली जा रही हैं, वहीं सागर जिले में ‘‘भीड़-जोड़’’ आयोजन हो गया। वैसे सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को अनदेखा कर के जो भी राजनीतिक आयोजन हो रहे हैं, वे आग से खेलने से कम नहीं हैं। लेकिन सवाल यह है कि कोई भी सार्वजनिक आयोजन प्रशासन की अनुमति के बिना तो होता नहीं है तो फिर प्रशासन ऐसी गंभीर चूक होने कैसे दे रहा है? माॅनीटरिंग की कमी और तुरंत संज्ञान में लेने में ऐसी ढील आमजनता के संदर्भ में तो देखने को नहीं मिलती है।
इस बार कांग्रेस की बात में दम है। मामला भले ही राजनीतिक मुद्दे के तौर पर हो लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण यह जनहित में अतिसंवेदनशील भी है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी और सागर जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष नरेश जैन आदि कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस को लेकर जारी केंद्रीय गाइड लाइन का खुला कर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा बिना अनुमति के राजनैतिक आयोजन किया गया। कांग्रेसी नेताओं ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर प्रकरण दर्ज करने की मांग शासन प्रशासन से की। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यउल्लंघनक्ष सुरेंद्र चौधरी के अनुसार विगत 13 जून को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सैकड़ों लोगों को एकत्रित कर राहतगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण का कार्यक्रम आयोजित किया जो विभिन्न दैनिक समाचार पत्रों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी प्रसारित हुआ। सुरेंद्र चौधरी ने प्रमाण सहित यह बात सामने रखी और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा कि भगवान महावीर स्वामी की जयंती मनाने वालों पर प्रकरण दर्ज कर दिया गया, बंडा में जैन मुनि जी के दर्शन करने पहुंचे लोगों पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया, यहां तक कि शवयात्रा में जाने वालों पर भी मामला दर्ज कर दिया गया लेकिन राहतगढ़ सहित अन्य स्थानों पर बिना अनुमति के भारतीय जनता पार्टी के राजनैतिक आयोजन कर शासन की गाइड लाइन की सरेआम धज्जियां उड़ाने की खुली छूट प्रशासन द्वारा दी गई। उल्लेखनीय है कि विगत मई माह में सागर जिले के बंडा में जैनमुनि प्रमाण सागर महाराज और अन्य मुनि विहार करते हुए पहुंचे थे। उनके दर्शनों के लिए बंडा के हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए। उस समय यह मामला बहुत गरमाया था। जब भीड़ का वीडियो सामने आया तो पुलिस व प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू की थी।
सागर जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष नरेश जैन ने भी जिला प्रशासन पर आक्षेप लगाया है कि आमजन पर तो गाइडलाइन का पालन करने के लिए सख्ती बरती जाती है जबकि भारतीय जनता पार्टी के लोग शासन की गाइड लाइन का पालन करने के बजाय बिना अनुमति के राजनैतिक आयोजन करते रहते हैं और प्रशासन मौन रहता है। भले ही यह आरोप राजनीति प्रेरित हो लेकिन ध्यान देने योग्य है। आखिर मामला जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव से जुड़ा हुआ है। इस समय कोई भी जोखिम उचित नहीं ठहराया जा सकता है। यूं भी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या को लेकर सागर की स्थिति अभी सुधरी नहीं है। संक्रमण रोकने की दृष्टि से जिले के अनेक क्षेत्र चौदह दिन से भी अधिक समय से कन्टेमेंट क्षेत्र बने हुए हैं। कन्टेमेंट क्षेत्र की जनता खामोशी से असुविधाओं का सामना कर रही है क्योंकि सवाल संक्रमण को फैलने से रोकने का है।
यहां याद दिलाना ज़रूरी है कि सागर कलेक्टर के आदेश के अनुसार बिना मास्क पहने बाहर निकलने वालों पर सख्त कार्रवाई के साथ ही जुर्माने का प्रावधान है। नियमों का पालन हो सके इसके लिए जिले के संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दिया जा चुका है। जिले में कन्टेमेंट का उल्लंघन करने और बिना काम के बाहर निकलने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के आदेश हैं। कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा नियमों का पालन हो सके इसके लिए जिले की पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। यह सब कुछ प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार किया है आमजनता ने। लोगों के मन में संक्रमण का डर अभी भी मौजूद है। हो भी क्यों न, आखिर उन्होंने अपने बीच के लोगों को कोरोना से संक्रमित होते देखा है। फिर भी कुछ नासमझ अपनी नासमझी दिखा ही देते हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद करीब 70-80 फीसदी शहरवासी प्रतिदिन अपने घर से बाहर निकल रहे हैं। उनमें ऐसे भी लोग हैं जो बाजारों में खरीदारी के दौरान शारीरिक दूरी का पालन नहीं करते हैं। कुछ लोग मास्क लगाने में भी लापरवाही कर रहे हैं। नतीजतन कोरोना संक्रमण की जकड़ में आ रहे हैं और संक्रमितों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं।
जब कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अभी गहराया हुआ हो तो ऐसे में प्रत्येक राजनीतिक दल के नेताओं को अपनी जिम्मेदारी का ध्यान रखते हुए आपदा नियमों का गंभीरता से पालन करना चाहिए। भावी चुनाव के जोश में होश खोना जनता के लिए भारी पड़ सकता है। इस समय संयम ही सबसे बड़ा शस्त्र है जिससे कोरोना को हराया जा सकता है।
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Josh me Hosh khona Janta Ke Liye Bhari na par Jaye - Dr Sharad Singh, Jagaran, 17.06.2020 |
(दैनिक जागरण में 17.06.2020 को प्रकाशित)
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