Dr (Miss) Sharad Singh |
चर्चा प्लस
आर्थिक नाकेबंदी बनाम चीनी एप्प्स पर पाबंदी
- डाॅ शरद सिंह
ये दुनिया नई है, नए हैं तरीके
अभी तो समझने हैं लाखों सलीके
लाखों दिलों पर राज़ करने वाली सपना चैधरी हो या बुंदेलखंड के आशीष उपाध्याय और बिहारी उपाध्याय जैसे ग्रामीण अंचल के युवा इन सभी ने टिकटाॅक जैसे एप्प्स के जरिए ही देशव्यापी ख्याति पाई। इनके जैसे लाखों लोगों ने अपने टेलेंट के झंडे गाड़े। सोशल मीडिया के इन प्लेटफाॅर्म्स ने दबे, छुपे टेलेंट्स को खुद निकल कर बाहर आने का अवसर दिया। जब स्थानीय मंच भी नहीं मिल सकता हो तब एक ग्लोबल मंच मिल जाना किसी के लिए भी लाॅटरी लगने के समान था। मगर अब बहुत कुछ बदलने के संकेत हैं। देश की सीमा पर चीन से तनातनी के बीच भारत सरकार ने 59 ऐप्स बंद करने की घोषणा की है।
Charcha Plus Column of Dr (Miss) Sharad Singh, 02.07.2020 |
जिन चीनी एप्प्स पर पाबंदी लगाई गई है उनमें लोकप्रिय सोशल प्लेटफॉर्म टिकटॉक और वीचैट भी शामिल हैं। अलीबाबा ग्रुप के यूसी ब्राउजर, फैशन वेंडर शाइन और बाइडु मैप्स पर भी पाबंदी लगाई गई है। भारत सरकार ने अपने इस फैसले को आपातकालीन उपाय और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया है। इसे एक तरह का साईबर युद्ध माना जा रहा है जो सोशल मीडिया एप्प्स के बहिष्कार के जरिए लड़ने की घोषण के रूप में है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, ‘‘हमें कई स्रोतों से इन ऐप्स को लेकर शिकायत मिली थी। एंड्रॉयड और आईओएस पर ये ऐप्स लोगों के निजी डेटा में भी सेंध लगा रहे थे। इन ऐप्स पर पाबंदी से भारत के मोबाइल और इंटरनेट उपभोक्ता सुरक्षित होंगे। यह भारत की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के लिए जरूरी है।’’
वैसे स्वयं प्रधानमंत्री मोदी सोशल मीडिया की क्षमता के हमेशा हिमायती रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ तो यहां तक मानते हैं कि सन् 2014 में पीएम मोदी की रिकाॅर्ड विजय में सोशल मीडिया की अहम भूमिका थी। ऐसे में एप्प्स में कटौती करना स्वयं प्रधानमंत्री को रास नहीं आ रही होगा लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरी है। ट्विटर की तरह चीन का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘‘वीबो’’ है। वीबो पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं। उनका वेरिफाइड अकाउंट है और ढाई लाख के करीब फॉलोवर्स हैं। पीएम मोदी ने साल 2015 में वीबो पर अपना अकाउंट खोला था। ये जानकारी पीएमओ के ट्विटर हैंडल पर भी दी गई थी।
इंडियन थिंक टैंक गेटवे हाउस के निदेशक ब्लाइस फर्नांडीज ने भारत सरकार के इस फैसले पर कहा है कि ‘‘अलीबाबा और टेंनसेंट चीन के डिजिटल सिल्क रूट के हिस्सा हैं। इस पाबंदी से इन ऐप्स की रेटिंग निगेटिव होगी और इसके प्रमोटरों पर भी असर पड़ेगा। अभी टिकटॉक का आईपीओ भी आने वाला है। भारत में इसके 30 फीसदी यूजर्स हैं।’’ भारत सरकार के इस फैसले पर टिकटॉक के प्रवक्ता ने कहा कि ‘‘भारत सरकार ने 59 ऐप्स पर पाबंदी को लेकर अंतरिम आदेश दिया है। बाइटडांस टीम के 2000 लोग भारत में सरकार के नियमों के हिसाब से काम कर रहे हैं। हमें गर्व है कि भारत में हमारे लाखों यूजर्स हैं। हमलोग भारत सरकार के आदेश को मानने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। हमलोग सरकार के सामने अपनी बात रखने की कोशिश कर रह हैं। टिकटॉक डेटा की निजता और भारतीय कानून के हिसाब से सुरक्षा जरूरतों का पालन करता है।’’ उल्लेखनीय है कि टिकटॉक ने कोरोना वायरस को लेकर पीएम केयर्स में 30 करोड़ रुपए का चंदा भी दिया था।
एक्टविस्ट समूह ने ट्वीट किया है कि ऐसे मामलों में व्यक्तिगत फैसला लेने देना चाहिए ना कि सामूहिक रूप से। वहीं कई भारतीय कंपनियां इसे भारत सरकार का स्वागत योग्य कदम बता रही हैं। ध्यान रखने योग्य तथ्य यह है कि चीन, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश है। निर्यात से करीब 6 गुना ज्यादा सामान हम चीन से लेते रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट, बड़ी-छोटी मशीनरी, ऑर्गेनिक केमिकल, फर्टिलाइजर, फर्नीचर, लाइटिंग, मेडिकल और टेक्निकल इक्विपमेंट, लोहे और स्टील के प्रॉडक्ट। इसके साथ ही राउटर, मोडेम, लेन केबल, एडॉप्टर, डिश, मोबाइल, मोबाइल टॉवर में लगने वाला सामान, कैमरे, ड्रोन और भी बहुत से घर पर उपयोग किए जा रहे सामान जैसे टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप, मोडेम, मोबाइल, कार में लगने वाले सामान, बाइक में लगने वाले सामान, किचन के बहुत से सामान आदि। अतः एप्प्स पर प्रतिबंध से शुरू हुई आर्थिक लड़ाई आगे किस रूप में सामने आएगी यह देखने की बात होगी। फिलहाल जरूरत है ऐसे देसी एप्प्स की जो प्रतिबंधित चीनी एप्प्स की ज़ोरदार जगह ले सकें। स्वदेसी की ओर भी यह एक ग्लोबल क़दम होगा।
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(दैनिक सागर दिनकर में 02.07.2020 को प्रकाशित)
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