इस कोरोना काल में होली का त्योहार, बनाएं यादगार
- डाॅ. शरद सिंह
हमने हमेशा होलिका दहन किया है, हमने हमेशा एक-दूसरे के गालों पर गुलाल मला है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा। तो क्या कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों के कारण इस बार होली फीकी रहेगी ? हरगिज़ नहीं, अगर हम चाहें तो अपनी इस बार की होली का पूरा आनन्द ले सकते हैं और इसे यादगार भी बना सकते हैं। यह कैसे संभव है? तो आइएआज का ‘चर्चा प्लस’ है इसी मुद्दे पर।
एक व्यक्ति हमेशा टूर पर दूसरे शहरों में जाता था। टूर पर जाने के लिए वह आॅनलाईन बुकिंग कराता। जाने का दिन और गाड़ी तय, लौटने का दिन और गाड़ी तय। हमेशा यही रूटीन। इसमें कुछ भी विशेष नहीं। लेकिन एक बार वह टूर पर बाहर गया और जब लौटने का समय आया तो पता चला कि किसी कारण से उसकी ट्रेन कैंसिल हो गई है। टिकट का पैसा तो आॅनलाईन रिफंड हो जाना था लेकिन समस्या थी वापस घर पहुंचने की। उसने प्राईवेट टैक्सी बुक की और टैक्सी पर सवार हो कर घर लौट पड़ा। दुर्योग से बीच रास्ते में टैक्सी में कुछ ख़राबी आ गई। कई घंटे भूखे-प्यासे रहते हुए सड़क के किनारे गुज़ारने पड़े। जैसे-तैसे टैक्सी में आई ख़राबी दूर हुई और वह व्यक्ति फिर चल पड़ा अपने घर की ओर। इस बीच उसके मोबाईल का चार्ज भी ख़त्म हो गया था। घरवालों से बात किए बिना घंटों गुज़र गए थे। उसे पता था कि उसके घरवाले उसकी चिन्ता में व्याकुल हो रहे होंगे। ड्राईवर के फ़ोन से घरवालों से बात करने का प्रयास किया तो नेटवर्क ने साथ नहीं दिया। तमाम विपरीत परिस्थितियों से जूझता हुआ अंततः वह अपने घर पहुंचा। उसके सकुशल घर पहुंचने पर उसके घर वाले खुश और वह भी खुश। जैसे खुशी की घटना हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती है ठीक वैसे ही दुख और कष्ट की घटना भी हमेशा चर्चा का विषय बन कर रोचकता का कारण बना रहती है। वह व्यक्ति आज भी अपनी उस कष्टप्रद यात्रा के बारे में हंस-हंस कर चर्चा किया करता है। सभी रुचिपूर्वक उसके अनुभव भरे उसके संस्मरण सुना करते हैं। यही तो मंत्र होता है विपरीत परिस्थितियों पर विजय हासित करने का और उन्हें अपने अनुकूल ढाल कर यादगार बना लेने का।
इस बार होली का त्योहार आने के पहले ही कोरोना संक्रमण ने फिर अपने पांव पसारने शुरु कर दिए हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी होली का त्योहार ऐसे समय में आ रहा है जब एक बार फिर से कोरोना वायरस महामारी का खतरा बढ़ गया है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में एक बार फिर सवाल उठने लगा है कि क्या इस बार भी पहले की तरह होली का त्योहार फीका चला जाएगा? होली खेलने की दृष्टि से परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। इसलिए जरूरी है कि अपने घर में परिवार के साथ ही होली मनाई जाए। टोलियों में और दूसरों के घर जाकर इस बार होली न खेंले। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। अक्सर होली में रंग लगाने में लोगों का हाथ, मुंह, आंख सभी संपर्क में आते हैं, इस बार इससे बचना होगा। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण पाने के लिए भारत सरकार की ओर से जारी निर्देश का पालन किया जाना अनिवार्य है। सार्वजनिक स्थानों पर सामूहिक होली मिलन समारोह प्रतिबंधित रहेगा। सार्वजनिक होलिका दहन कार्यक्रम नहीं होगा। हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है। सैनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य है। निज-निवास में होली मिलन में सम्मिलित होने वाले व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो आयोजनकर्ता और कार्यक्रम के अहम लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए होली अपने परिवार के साथ घर पर ही मनाना है और सैनिटाइजर का उपयोग करते हुए हर्बल कलर का प्रयोग करना है।
मध्यप्रदेश में ही विगत 7 दिनों के औसत के अनुसार, प्रदेश में प्रतिदिन औसत 1019 पॉजिटिव मामले आ रहे हों तो सतर्कता बरतनी जरूरी है। मध्यप्रदेश में कोरोना के मामले में लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में सरकार सख्ती के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी कर रही है। रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर कहा है कि महामारी की रोकथाम के लिए लॉकडाउन को छोड़कर दूसरे उपाय करने होंगे। इसलिए होली के चल समारोह और मेला प्रतिबंधित रहेंगे। मध्य प्रदेश सरकार ने दो दिन पहले कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए होली के त्यौहार को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार, होली, रंगपंचमी पर न सामूहिक भागीदारी के कार्यक्रम होंगे और न जुलूस निकाला जा सकेगा। होली पर सार्वजनिक कार्यक्रमों को अनुमति नहीं दी जाएगी। कोरोना की नई गाइडलाइन के मुताबिक, होली, रंगपंचमी पर सामूहिक भागीदारी के कार्यक्रम नहीं होंगे। खुले स्थान पर होने वाले बड़े कार्यक्रम भी नहीं होंगे। हालांकि व्यक्तिगत कार्यक्रमों को कहीं नहीं रोका जाएगा। होली के रंग खेलने वाले सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे लोगों को अपने घरों में ही होली के रंग खेलनी पड़ेगी। यह तय किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना की गाइडलाइन का पालन करता हुआ नहीं पाया जाएगा तो फिर उसके खिलाफ चालानी कार्रवाई की जाएगी।
तो ऐसी परिस्थियों से घबराना कैसा? क्यों न इस बार की होली को ऐसी यादगार बनाई जाए कि इस कोरोना संकट के गुज़रने के बाद हम सभी हंस-हंस के अपने अनूठे अनुभवों को आपस में साझा करते रहे। और आगे चल कर अपने नाती-पोतों को भी मज़े लेते हुए किस्से सुना सकें कि जब एक बार कोरोना आपदा में होली का त्योहार पड़ा तो हमने इस तरह होली मनाई थी। वैसे भी हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह रंगों का पर्व है। होली आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ाने का त्योहार है। यह आपसी भाईचारा को दर्शाता है। पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है। उसकी अगली सुबह यानी कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को रंग वाली होली खेली जाती है। ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि इस साल होली के पर्व पर 500 साल बाद एक अदभुत संयोग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि भी पड़ रही है। साथ ही इसी दिन ध्रुव योग का भी निर्माण भी हो रहा है। इसी दिन सर्वार्थसिद्धि योग के साथ ही अमृतसिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। अर्थात इस बार होली सर्वार्थसिद्धि योग के साथ- साथ अमृतसिद्धियोग में मनाई जायेगी। ऐसा दुर्लभ योग 500 साल बाद बन रहा है। इसके पहले यह दुर्लभ योग 03 मार्च 1521 को पड़ा था। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल होली 29 मार्च 2021 को मनाई जायेगी, इस दिन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि भी पड़ रही है। साथ ही इसी दिन ध्रुव योग का भी निर्माण भी हो रहा है। इसी दिन सर्वार्थसिद्धि योग के साथ ही अमृतसिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। अर्थात इस बार होली सर्वार्थसिद्धि योग के साथ- साथ अमृतसिद्धियोग में मनाई जायेगी। ऐसा दुर्लभ योग 500 साल बाद बन रहा है। इसके पहले यह दुर्लभ योग 03 मार्च 1521 को पड़ा था।
तो चलिए तय किया जाए कि इस बार हम कैसे होली मनाएं यह दुर्लभ संयोग वाली होली यादगार बन जाए। हमारे पास आपसी संपर्क का सबसे अच्छे साधन के रूप में सोशल मीडिया तो है ही। तो हम सोशल मीडिया पर हंसी-खुशी के सकारात्मक, उत्साहवर्द्धक संदेश, चित्र, मीम आदि एक-दूसरे को भेज सकते हैं। यदि चाहें तो अच्छी क्वालिटी की डिब्बाबंद मिठाइयां होमडिलीवरी के द्वारा परस्पर भिजवा सकते हैं। सबसे अच्छा है कि परिवार के सभी लोग मिल कर कुछ अच्छा-अच्छा पकाएं और साथ बैठ कर उसे खाने का आनंद उठाएं। होली का सही माने में मजा लेना है तो स्वाद और सेहत दोनों को ध्यान में रखते हुए होली के व्यंजन घर पर ही बनाएं। होली पर घर में बनी ठंडाई, शरबत, गुझिया, कांजी वडा, पापड़ खाएं और इस त्योहार का मजा उठाएं। अगर आप अपने बढ़ते वजन को ले कर परेशान हैं लेकिन साथ ही होली का मजा भी लेना चाहते हैं तो हर चीज खाएं लेकिन सीमित मात्रा में।
विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत यह भी है कि जो रंग या गुलाल ज्यादा चमकदार होते हैं उनमें ज्यादा कैमिकल मौजूद होते हैं। इसलिए ऐसे रंगों से बचें। क्योंकि रंगों व गुलाल को चमकीला बनाने के लिए उन में घटिया अरारोट या अबरक पीस कर मिला दिया जाता है। बाज़ार में घटिया क्वालिटी के जो रंग बेचे जाते हैं वे ज्यादातर औक्सीडाइज्ड मैटल होते हैं। हरा रंग कौपर सल्फेट, काला रंग लेड औक्साइड से तैयार किया जाता है। ये रंग बहुत ही खतरनाक होते हैं। आंखों को हरे रंग से बचाना बहुत ही जरूरी है। बेहतर यही है कि हर्बल रंगों से होली का आनंद लें। परिवार में एक-दूसरे को हर्बल गुलाल लगाएं। यह शर्तिया कहा जा सकता है कि कोरोना आपदा समाप्त होने के बाद हम अपनी इस होली को एक खास संस्मरण की तरह एक-दूसरे को सुनाएंगे और मजे लेंगे। आखिर होली यादगार होगी तभी तो याद रहेगी वर्षों तक। याद रखें इस बार की होली एक सेहतमंद होली हो। एक शानदार और एक यादगार होली।
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(दैनिक सागर दिनकर 25 .03 .2021 को प्रकाशित)
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ReplyDeleteवाह, कोरोना काल में होली को यादगार बनाने के नायाब नुस्खे
ReplyDeleteजी, सावधानी में ही सुरक्षा है...
Deleteहार्दिक धन्यवाद अनिता जी 🌹🙏🌹
सटीक सलाह ... होली मुबारक .
ReplyDeleteइस बार सुरक्षित होली खेलिए और गुझिएं ज़रूर खाइए...
Deleteहार्दिक धन्यवाद संगीता स्वरूप जी 🌹🙏🌹
बहुत उपयोगी बिन्दुओँ पर सलाह दी है - स्वागत है !
ReplyDeleteजी, इस बार सुरक्षित होली ही ज़रूरी है...
Deleteआपका हार्दिक आभार प्रतिभा सक्सेना जी 🌹🙏🌹
एक चेतावनी भरा संदेश ।बहुत सुंदर।
ReplyDeleteअरे नहीं, इसे चेतावनी नहीं अपितु विनम्र अनुरोध मानिए...
Deleteमेरे लेख के बिन्दुओं पर ध्यान देने के लिए आपका हार्दिक आभार 🌹🙏🌹
उपयोगी जानकारीपूर्ण आलेख - -
ReplyDeleteसावधानी में ही सुरक्षा है...
Deleteहार्दिक धन्यवाद शांतनु सान्याल जी 🌹🙏🌹
हार्दिक शुभकामनाएँ सार्थक आलेख के लिए ।
ReplyDeleteहोली में दूरी, है बेहद ज़रूरी...
Deleteहार्दिक धन्यवाद अमृता तन्मय जी.🌹🙏🌹
होली को एक खास संस्मरण की तरह की सहेजने की बात कहता महत्वपूर्ण आलेख ..वाह शरद जी..होली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteसावधानी में ही सुरक्षा है...
Deleteहार्दिक आभार अलकनंदा जी 🌹🙏🌹
बहुत अच्छा और यथार्थ से साक्षात्कार कराता आलेख...
ReplyDeleteसाधुवाद 🙏
इस बार घर के भीतर ही होली का धमाल होगा...
Deleteहार्दिक धन्यवाद वर्षा दीदी 🌹🙏🌹
सार्थक संदेश समेटे इस आलेख के लिए आपको बधाई और शुभकामनाएँ। सादर।
ReplyDeleteसावधानी में ही सुरक्षा है...
Deleteहार्दिक आभार वीरेंद्र सिंह जी 🌹🙏🌹
मीना भारद्वाज जी,
ReplyDeleteमेरे लेख को चर्चा मंच में शामिल करने पर कृतज्ञ हूं आपकी...
आपको हार्दिक धन्यवाद ...
आभार...🌹🙏🌹
रंगों का त्योहार,🏵
ReplyDeleteलाए जीवन में बहार।🏵🏵🏵
सफलता👑 चूमें आपके द्वार
जगत में फैले कीर्ति अपार।।
स्वस्थता, प्रसन्नता,सौहार्दता लिए यह सौभाग्यशाली,पावन पर्व आपके एवं आपके परिवार में नित प्रेम का रंग फैलाए।
आपको सपरिवार रंग-बिरंगी होली की ढेरों शुभकामनाएँ।
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सधु चन्द्र