Wednesday, December 28, 2022

चर्चा प्लस | काश! हम सबक ले लें 2022 की घटनाओं से | डॉ (सुश्री) शरद सिंह | सागर दिनकर

चर्चा प्लस  
काश! हम सबक ले लें 2022 की घटनाओं से
        - डाॅ (सुश्री) शरद सिंह                                                                                      
       हर साल यादों की झोली में कई खट्टे-मीठे अनुभव डाल जाता है। कोई अच्छी बात होती है तो कोई बुरी बात। कोई प्रफुल्लित कर देने वाली तो कोई आतंकित कर देने वाली। कई प्रश्न हल हो जाते हैं तो कई अनुत्तरित रह जाते हैं। वर्ष 2022 भी अनेक यादें छोड़ कर जा रहा है जिनमें वे सबक भी हैं जिनसे हमें सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए। इस पूरे साल में पूरी दुनिया में राजनीति, समाज, साहित्य, फिल्म, खेल, अर्थजगत आदि सभी जगह कुछ न कुछ विशेष घटित हुआ। कुछ प्रमुख घटनाएं जो हमारे लिए सबक की तरह हैं उन्हें हमें याद रखना ही होगा ताकि वर्ष 2023 सुखद रहे।  
 
वर्ष 2022 में 24 फरवरी को एक वैश्विक अशांति का श्रीगणेश हुआ जब रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत हुई। यह युद्ध आज भी छिड़ा हुआ है। रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों के लिए यह युद्ध अत्यंत कष्टदायी रहा किन्तु आज भी (26 दिसंबर 2022 तक) दोनों आमने-सामने डटे हुए हैं। इस युद्ध के कारण  यूक्रेन के लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा। रूस द्वारा युद्ध आरंभ करने के बाद से ही अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने उस पर कठोर प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए जिनमें से अधिकांश आर्थिक प्रतिबंध हैं। किन्तु अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया। आशा यही की जानी चाहिए कि वर्ष 2023 में दोनों देश शांति से रहने के लिए सहमत हो जाएंगे। क्योंकि युद्ध आमजनता की नहीं बल्कि राजनेताओं की महत्वाकांक्षा का दुष्परिणाम होते हैं, जिनमें मारी जाती है निर्दोष आमजनता।
वर्ष 2022 की 8 सितंबर को ब्रिटेन के इतिहास में एक नया अध्याय आरंभ हुआ और ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की आयु में निधन के साथ एक युग का अंत हो गया। महारानी ऐलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के नए राजा बने। 14 नवंबर 1948, को जन्में प्रिंस चार्ल्स के दो बेटे प्रिंस विलियम और प्रिंस हैरी हैं। इनमें से प्रिंस विलियम क्राउन प्रिंस हैं।

ब्रिटेन में ही एक और ऐतिहासिक काम हुआ कि वहां भारतीयमूल के ब्रिटिश नागरिक ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री चुना गया। यह कदम सारी दुनिया के लिए एक सबक के समान है कि नागरिकता के आधार पर देश का महत्वपूर्ण पद किसी भी मूल के व्यक्ति को सौंपा जा सकता है।

इस साल 14 अप्रैल को टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने ट्विटर खरीद लिया। उन्होंने ट्विटर के लिए टेक इट या लीव इट ऑफर में 44 अरब डॉलर (रु. 36,025 करोड़) की पेशकश की। एलन मस्क ने इस साल 13 अप्रैल को ट्विटर खरीदने का ऐलान किया था।
29 मई को पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे पूरा देश सदमे में आ गया था। मानसा जिले में अज्ञात बंदूकधारियों ने 27 वर्षीय गायक की कार पर घात लगाकर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।

वर्ष 2022 की 15 अगस्त को बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों को केंद्र से मंजूरी के बाद रिहा कर दिया गया। भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली गुजरात सरकार ने अक्टूबर में एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया था। उस हलफनामे के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छूट को मंजूरी दी क्योंकि दोषी 14 साल से जेल में थे और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया था। जबकि दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन भारत सरकार ने उन्हें 14 साल जेल में बिताने के बाद रिहा करने की अनुमति दे दी। गुजरात दंगों के दौरान 11 लोगों ने 3 मार्च 2002 को अहमदाबाद के पास एक गांव में बानो के साथ गैंगरेप किया था। वह उस समय 19 वर्ष की थीं और गर्भवती भी थीं। हिंसा में उसके परिवार के चैदह सदस्य भी मारे गए थे, जिसमें उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी। जिसका सिर अपराधियों ने जमीन पर पटक दिया था।

दुनिया भर की महिलाएं समय-समय पर अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाती रहती हैं। वर्ष 2022 ईरान की ‘‘हिज़ाब क्रांति’’ के लिए याद रखा जाएगा। 16 सितंबर को ईरान की 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के बाद हिजाब का विरोध शुरू हुआ था। अमीनी ने अपना सिर नहीं ढंका था इसलिए पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। पुलिस पर आरोप है कि उसने हिरासत के दौरान अमीनी को प्रताड़ित किया था जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे ईरान में हिजाब के खिलाफ विरोध की आग लग गई थी। ईरान में इस साल हुए हिजाब विवाद के चलते सैकड़ों लोगों की जान चली गई। हिज़ाब को जबरन लागू रखने के लिए इरान की सरकार ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और हिज़ाब के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को खत्म करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा बल प्रयोग भी किया गया। फिर भी ईरानी महिलाओं ने अपना आंदोलन वापस नहीं लिया। दुनिया भर की महिलाओं ने उनके इस आंदोलन का समर्थन किया।

इसी वर्ष देश की राजधानी एक बार फिर एक जघन्य हत्याकांड से थर्रा उठी। दिल्ली में पुलिस ने 14 नवंबर को एक व्यक्ति को अपने लिव-इन पार्टनर की हत्या करने, उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काटने और शहर के भीतर और आसपास के विभिन्न स्थानों पर शरीर के अंगों को ठिकाने लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया। दिल्ली पुलिस के अनुसार आरोपी यह कहानी आफताब और श्रद्धा के प्रेम और विवाद की थी। मृतक श्रद्धा वाकर (28) मुंबई में एक कॉल सेंटर में काम करने के दौरान आफताब (28) से परिचय हुआ था। कुछ समय बाद दोनों में प्यार हो गया। वे मुंबई से दिल्ली चले आए और दिल्ली के छतरपुर इलाके में किराए के अपार्टमेंट में रहने लगे। उनके परिवारों ने उनके रिश्ते को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। प्रेम इतनी घनी नफरत में बदला कि इस घटना ने नृशंसता की सारी सीमाएं तोड़ दीं। प्रेम संबंधों पर इतना बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया कि वह हमेशा एक कलंकित धब्बे की तरह देखा जाएगा।

वर्ष 2022 में कई हस्तियों ने इस संसार से विदा ले ली। 17 जनवरी को बिरजू महाराज, 6 फरवरी में को लता मंगेशकर, 15 फरवरी को बप्पी लहरी, 12 फरवरी को राहुल बजाज, 21 सितंबर को कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का निधन हुआ।

इसी वर्ष गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘‘रेतसमाधि’’ के अंग्रेजी संस्करण को बुकर पुरस्कार मिला। इसी के साथ साहित्य में अंग्रेजी अनुवाद के बाज़ार गर्म होने की चिंता व्यक्त की गई। वहीं फिल्मी दुनिया विवादों से जूझती रही। वर्ष के अंतिम माह में फिल्म ‘पठान’ को ले कर हंगामा होता रहा और विवाद की राजनीति गर्माती रही।

खेल की दुनिया में भी उतार-चढ़ाव आए। इसी वर्ष 23 नवंबर को दुनिया के मशहूर क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने पियर्स मॉर्गन के साथ अपने विस्फोटक साक्षात्कार के बाद आपसी सहमति से मैनचेस्टर यूनाइटेड छोड़ दिया। वहीं टेनिस की दुनिया के सितारे सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने 10वें ऑस्ट्रेलियन ओपन के लिए जनवरी में मेलबर्न के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन जोकोविच का वीजा वैक्सिन विवाद के कारण रद्द कर दिया गया। दरअसल जोकोविच ने कोरोना की वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया था, जिसके कारण उन्हें यूएस ओपन से भी बाहर करते हुए, संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। यद्यपि जुलाई में ब्रिटेन पहुंचे और सातवें विंबलडन खिताब को जीतने में सफल रहे।

कतर में हुए फीफा वल्र्डकप में भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। दक्षिण कोरिया एक ऐसे ऐशियाई देश के रूप में उभरा जिसने अपनी भावी दावेदारी के संकेत दे दिए। इसी के साथ क्रोएशिया और मोरक्को ने तो दिग्गज टीमों के पसीने छुड़ा दिए। अंततः लियोनेल मेसी के नेतृत्व में अर्जेंटीना ने फ्रांस  के मुकाबले 4-2 से खिताब अपने नाम किया। वहीं यह प्रश्न गर्माता रहा कि 14 अरब से अधिक जनसंख्या वाला भारत क्वालीफाइंग मैच ही नहीं जीत पाया।
 
जो लोग ग्लोबल वार्मिंग को कपोलकल्पित कह कर इसकी गंभीरता को अनदेखा कर देते थे वे भी वर्ष 2022 में स्तब्ध रह गए। वर्ष 2022 में ग्लोबल वार्मिंग ने यूरोप और अमेरिका में जानलेवा दस्तक दी। जुलाई की शुरुआत में यूरोप के कुछ हिस्सों में पारा खतरनाक रूप से बढ़ गया था। पुर्तगाल, स्पेन, फ्रांस, ग्रीस और क्रोएशिया में जंगल की आग के कारण भीषण गर्मी की चपेट में थे। इस बीच, ब्रिटेन में झुलसा देने वाला तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। भीषण गर्मी की वजह से लोगों का दैनिक जीवन प्रभावित हुआ। भीषण गर्मी की वजह से यूरोप में ट्रेन सिग्नल पिघल गए। ट्रेन सिग्नल पिघल के कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए। यूरोपियन कमीशन सैटेलाइट मॉनिटर ने कहा था कि 2022 की गर्मी यूरोप के रिकॉर्ड किए गए अब तक के इतिहास में सबसे गर्म थी। इस बार सदियों में सबसे अधिक सूखे के साथ रिकॉर्ड तोड़ हीटवेव का सामना करना पड़ा था। मई से सितंबर तक पूरे यूरोप में आग लगने की बड़ी घटनाएं दर्ज की गईं। पारे में आसामान्य उछाल देखने को मिला था। जिसके कारण कई जगहों पर सड़कें पिघलने की घटनाएं हुईं। एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेटर मैनचेस्टर के स्टॉकपोर्ट की सड़क पिघल कर चिपचिपी हो गई। क्योंकि सड़क पर बिछी डामर की पर्त पिघल गई। पटरियों में आग लगने के बाद कई ट्रेनों को भी स्थगित कर दिया गया। नेटवर्क रेल्स द्वारा शेयर की गई एक तस्वीर में दिखाया गया है कैसे आग लगने के बाद पटरी काली पड़ गई थी। इसमें यह भी दिखाया गया कि कैसे भीषण गर्मी के कारण ट्रेन का सिग्नल पिघल गया था। जुलाई 2022 में अमेरिका के कैलिफोर्निया के जंगलों में भीषण आग लगी। योशमिते नेशनल पार्क के पास लगी आग में 12 हजार एकड़ जंगल जलकर खाक हो गया। करीब 3 हजार लोग बेघर हो गए। आग ने भारत को भी प्रभावित किया। उत्तराखंड और हिमाचल में जंगलों में लगी आग बेकाबू हो कर जंगलों से होते हुए रिहायशी इलाकों तक जा पहुंची। उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद के 6 रेंज के जंगल लगातार धधकते रहे। हिमाचल प्रदेश के सोलन में भी कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला। हरे-भरे जंगल जलकर राख हो गए। इससे करोड़ों रुपए की वन संपदा और वन्य जीवों  को भारी नुकसान पहुंचा। राजस्थान के अलवर जिले के सरिस्का बाघ अभ्यारण के पृथ्वीपुरा-बालेटा गांव के जंगल के पहाड़ों में 28 मार्च को आग लग गई थी। कुछ ही वक्त में आग देखते ही देखते कई किलोमीटर क्षेत्र में फैल गई थी। हां, एक सुखद बात यह रही कि इसी वर्ष कूनो नेशनलपार्क में चीता लाया गया।

वर्ष 2022 की ये घटनाएं हमें बहुत कुछ सिखा गई हैं कि कैसे हमारे सामाजिक व्यवहार में चिंताजनक परिवर्तन हो रहा है, कैसे वैश्विक राजनीति कहीं युद्ध तो कहीं शांति का खेल खेल रही है, किस तरह जलवायु में परिवर्तन हो रहा है और किस तरह हम हम एक साथ (यूनाईटेड) हो कर खुद को साबित कर सकते हैं और सुख-शांति स्थापित कर सकते हैं। ये तो हैं कुछ चुंनिंदा घटनाएं। सभी इसमें शामिल नहीं हैं लेकिन सभी से कुछ न कुछ सीखा जा सकता है। क्योंकि अतीत और अनुभव से बड़ा और कोई शिक्षा या सबक नहीं होता है।
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