Wednesday, May 20, 2020

लोग कोरोना त्रस्त, अपराधी अपराध में मस्त - डाॅ. शरद सिंह, दैनिक जागरण में प्रकाशित

Dr (Miss) Sharad Singh

लेख 

लोग कोरोना त्रस्त, अपराधी अपराध में मस्त
  - डाॅ. शरद सिंह

         बुंदेली में एक कहावत है कि ‘एक तो दूबरे ऊपे से दो असाढ़ें’। यानी एक तो पहले ही बड़ा गहरा संकट और उस पर एक और संकट आ जाना। कोरोना महामारी से बढ़ कर इस समय कोई संकट नहीं है। यह एक ऐसा संकट है जिसने सभी लोगों को एक ही नाव पर सवार कर दिया है। सोशल डिक्टेंसिंग, प्रवासी मजदूरों का सैंकड़ों की तादाद में सागर, दमोह, टीकमगढ़ से हो कर गुरज़ना। शहर के भीतरी तबके में कोरोना ब्लास्ट। कुलमिला कर संकटों की कोई कमी नहीं। लम्बे हो चले लाॅकडाउन से उकताई हुई जनता। बिना थके डटे हुए कोरोना वारियर्स। इस सारे परिदृश्य के बीच निरंतर बढ़ते अपराध के आंकड़े देख कर अपराधियों को कोसने का मन करता है। एक तो लोग पहले से परेशान हैं और उस पर आए दिन चोरों के धावे। इन चोरों, अपराधियों को शर्म भी नहीं आती है क्या? पुलिसतंत्र जनता की सुरक्षा हेतु लाॅकडाउन को टूटने से बचाने, आमजन की मदद करने में व्यस्त है। अब महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश के लिए सागर से हो कर गुज़रने वाले प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित उत्तर प्रदेश की सीमा तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी पुलिस पर ही है। अब वे कोरोना से जुड़ी व्यवस्थाएं सम्हालें या चोरों और अपराधियों के पीछे भागें? जब पूरा शहर, पूरा समाज, पूरी मानवता जीवन-संकट के दौर से गुज़र रही हो तब अपराध घटित होना मानवता पर दाग़ लगने के समान है। 
सागर शहर के भगवानगंज इलाके में आॅटोपार्टस और हार्डवेयर की कई छोटी-बड़ी दूकानें हैं। उनमें से एक दूकान में पिछवाड़े से दरवाज़ा तोड़ कर अज्ञात बदमाश घुस गए। उन्होंने दूकान के लाॅकर में रखे एक लाख सत्तर हज़ार रुपयों पर हाथ साफ़ कर दिया। भगवानगंज से ही लगे हुए इलाके सदर में एक सूने मकान से चोरों ने लगभग 80 हज़ार रुपए के सोने-चांदी के ज़ेवर चुरा लिए। उल्लेखनीय है कि यह सदर क्षेत्र इनदिनों कोरोना ब्लास्ट का केन्द्र होने और कंटनमेंट जोन बनने के कारण 24 घंटे पुलिस की सख्त निगरानी में है। जिनके घर से जेवर चोरी गए वे दम्पत्ति पिछले दो माह से शहर से बाहर थे। इसी सप्ताह घर लौटने पर उन्हें वरदात का पता चला। चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने सागर शहर के ही मोतीनगर थाना क्षेत्र में एक दालमिल के निकट के एक मंदिर के ताले तोड़ कर दानपेटी में रखी नगदी उड़ा दी। विडम्बना यह कि एक ओर मंदिर पुजारी संघ मंदिरों पर ताले डल जाने के कारण उत्पन्न अपने आर्थिक संकट के बारे में सरकार से गुहार लगाने को विवश हो गया और वहीं दूसरी ओर चोर-मंडली मंदिरों की दानपेटियों पर धावा बोल रही है। 
टीकमगढ़ में तो शराबी सीधे पुलिस से ही भिड़ गए। हुआ यूं कि लाॅकडाउन के कारण लोग अपने-अपने घरों में थे मगर कुंवरपुरा रोड स्थित ब्राह्मण कॉलोनी के सामने एक मकान में कुछ युवक शराब पीकर मोहल्ले में गाली-गलौज करने लगे। मना करने पर वे युवक लड़ने के लिए उतारू हो गए तो मोहल्ले के लोगों ने डायल 100 को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उन्हें थाने चलने को कहा तो वे पुलिस से ही भिड़ गए।

बात अपराधियों के हौसलों की कही जाए तो दमोह के गैसाबाद थाना के हिनौता कला में एटीएम में की गई डकैती की चर्चा आएगी ही। हिनौता कला में रात 9.05 बजे एटीएम बूथ में लूट की वारदारत को फिल्मी स्टाईल अंजाम दिया गया। एटीएम बूथ में लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए पहुंचे बदमाशों ने पहले बूथ में डायनामाइट फिट किया फिर उसमें बाइक से तार जोड़कर विस्फोट किया। शायद उन्हें इस बात की जानकारी थी कि बैंक के सीसीटीवी कैमरे बंद हैं। विस्फोट के कारण एटीएम में रखे रुपए हवा में उड़ने लगे। अपराधी उन्हें बटोरने में जुट गए। उसी दौरान ग्रामीणों ने विस्फोट की आवाज़ सुन कर एटीएम की ओर रुख किया लेकिन डकैतों ने माउजर लहरा कर ग्रामीणों को धमकाया और वहां से रुपए ले कर निकल गए।
लाॅकडाउन के कारण अपराध का ग्राफ कुछ तो नीचे आया क्योंकि इस दौरान अधिकांश घर सूने नहीं रहे। लेकिन दूकानें चोरों कें लिए आसान निशाना रहीं। इस दौरान एक और तरह का अपराध तेजी से बढ़ा है। राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी और मार्च की तुलना में अप्रैल में महिलाओं संबंधी साइबर क्राइम की संख्या बढ़ी है। 25 मार्च से 25 अप्रैल तक साइबर अपराध की कुल 412 शिकायतें मिली हैं जिनमें 396 शिकायतें अश्लील प्रदर्शन, अश्लील वीडियो, धमकी, फिरौती की मांग से लेकर ब्लैकमेल करना तक की थीं।  महिलाओं की तस्वीरों में छेड़-छाड़ कर उनकी मॉर्फ्ड तस्वीरों को इंटरनेट पर अपलोड करने की धमकी दिए जाने संबंधी शिकायतें मिलीं। जब पूरा देश बंद है, लोग घर से काम कर रहे हैं और इंटरनेट पर काफी समय बिता रहे हैं तो साईबर अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं। हर किसी को जो इंटरनेट से जुड़ा है उसे भी सतर्क रहना होगा। 

लाॅेकडाउन 1.0, 2.0, 3.0 और अब 4.0 में आम जन-जीवन की अधिकांश गतिविधियां बंद रहीं लेकिन अपराधियों की गतिविधियां इस दौरान भी ज़ारी रहीं। चरित्र पर संदेह के कारण हत्या, आपसी रंजिश के कारण हत्या, बेटे द्वारा पिता की हत्या, प्रेमियों द्वारा आत्महत्या, आर्थिक तंगी से परेशान हो कर आत्महत्या, बलात्कार, मारपीट, चोरी-डकैती थमी नहीं। क्योंकि लोग कोरोना से त्रस्त है और अपराधी अपराध में मस्त हैं। 
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(दैनिक जागरण में 20.05.2020 को प्रकाशित)
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