Dr (Miss) Sharad Singh |
विशेष लेख
कोरानाकाल के कलंक :
धिक्कार है ऐसे लोगों को
- डाॅ शरद सिंह
कोरोनाकाल समूची मानवजाति के लिए एक अभिशाप की तरह है। प्रत्येक व्यक्ति जब इससे जूझ रहा हो, डर के साए में जी रहा हो, ऐसे वातावरण में भी अपराधी मनोवृत्ति के लोग अपराध करने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह उनके मानव होने को भी कलंकित करती है।
हाल ही में एक 24 वर्षाीय महिला जिसे कोरोना की संभावना के चलते क्वारंटाईन किया गया था घृणित अपराध की शिकार हो गई। जिस परिसर में उसे क्वारंटाईन किया गया था वहां नहाते समय दो युवकों ने उसकी वीडियो बना ली। इसके बाद वे युवक उस महिला पर अवैध शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाने लगे। साथ ही उन्होंने धमकी दी कि यदि उस महिला ने उनकी यह बात नहीं मानी तो वे वीडियो वायरल कर देंगे। यह अच्छी बात है कि उस महिला ने साहस की परिचय दिया और पुलिस के पास जा कर रिपोर्ट लिखा दी। इस घटना का अमानवीय पक्ष यह है कि एक कोरोना संभावित महिला जो स्वयं भयावह मानसिक दशा से गुज़र रही हो, उसे ब्लैकमेल करने का प्रयास किया गया। जबकि उसके प्रति सहानुभूति भरा दृष्टिकोण होना चाहिए था। दूसरा पक्ष यह भी कि उन हवस के अंधे युवकों को यह भी नज़र नहीं आया कि यदि कल को वह महिला कोरोना पाॅजिटिव निकलती है तो क्या वे उससे अवैध संबंध बनाने के बाद संक्रमण से अछूते रह जाएंगे? शायद ऐसे ही मानसिकता कें लोग छोटी बच्चियों को भी अपनी हवस का शिकार बनाते हैं। जिन्हें अपनी हवस के आगे उम्र, स्थिति, परिस्थिति, मानवता आदि कुछ भी दिखाई नहीं देती है। लानत है ऐसे लोगों को।
Charcha Plus, Column of Dr (Miss) Sharad Singh in Dainik Sagar Dinkar, 20.05.2020 |
. लाॅकडाउन के कारण अपराध का ग्राफ कुछ तो नीचे आया क्योंकि इस दौरान अधिकांश घर सूने नहीं रहे। लेकिन दूकानें चोरों कें लिए आसान निशाना रहीं। इस दौरान एक और तरह का अपराध तेजी से बढ़ा है। राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी और मार्च की तुलना में अप्रैल में महिलाओं संबंधी साइबर क्राइम की संख्या बढ़ी है। 25 मार्च से 25 अप्रैल तक साइबर अपराध की कुल 412 शिकायतें मिली हैं जिनमें 396 शिकायतें अश्लील प्रदर्शन, अश्लील वीडियो, धमकी, फिरौती की मांग से लेकर ब्लैकमेल करना तक की थीं। महिलाओं की तस्वीरों में छेड़-छाड़ कर उनकी मॉर्फ्ड तस्वीरों को इंटरनेट पर अपलोड करने की धमकी दिए जाने संबंधी शिकायतें मिलीं। जब पूरा देश बंद है, लोग घर से काम कर रहे हैं और इंटरनेट पर काफी समय बिता रहे हैं तो साईबर अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं। हर किसी को जो इंटरनेट से जुड़ा है उसे भी सतर्क रहना होगा।
लाॅेकडाउन 1.0, 2.0, 3.0 और अब 4.0 में आम जन-जीवन की अधिकांश गतिविधियां बंद रहीं लेकिन अपराधियों की गतिविधियां इस दौरान भी ज़ारी रहीं। चरित्र पर संदेह के कारण हत्या, आपसी रंजिश के कारण हत्या, बेटे द्वारा पिता की हत्या, प्रेमियों द्वारा आत्महत्या, आर्थिक तंगी से परेशान हो कर आत्महत्या, बलात्कार, मारपीट, चोरी-डकैती थमी नहीं।
सागर शहर के भगवानगंज इलाके में आॅटोपार्टस और हार्डवेयर की कई छोटी-बड़ी दूकानें हैं। उनमें से एक दूकान में पिछवाड़े से दरवाज़ा तोड़ कर अज्ञात बदमाश घुस गए। उन्होंने दूकान के लाॅकर में रखे एक लाख सत्तर हज़ार रुपयों पर हाथ साफ़ कर दिया। भगवानगंज से ही लगे हुए इलाके सदर में एक सूने मकान से चोरों ने लगभग 80 हज़ार रुपए के सोने-चांदी के ज़ेवर चुरा लिए। उल्लेखनीय है कि यह सदर क्षेत्र इनदिनों कोरोना ब्लास्ट का केन्द्र होने और कंटनमेंट जोन बनने के कारण 24 घंटे पुलिस की सख्त निगरानी में है। जिनके घर से जेवर चोरी गए वे दम्पत्ति पिछले दो माह से शहर से बाहर थे। इसी सप्ताह घर लौटने पर उन्हें वरदात का पता चला।
चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने सागर शहर के ही मोतीनगर थाना क्षेत्र में एक दालमिल के निकट के एक मंदिर के ताले तोड़ कर दानपेटी में रखी नगदी उड़ा दी। विडम्बना यह कि एक ओर मंदिर पुजारी संघ मंदिरों पर ताले डल जाने के कारण उत्पन्न अपने आर्थिक संकट के बारे में सरकार से गुहार लगाने को विवश हो गया और वहीं दूसरी ओर चोर-मंडली मंदिरों की दानपेटियों पर धावा बोल रही है।
बात अपराधियों के हौसलों की कही जाए तो दमोह के गैसाबाद थाना के हिनौता कला में एटीएम में की गई डकैती की चर्चा आएगी ही। हिनौता कला में रात 9.05 बजे एटीएम बूथ में लूट की वारदारत को फिल्मी स्टाईल अंजाम दिया गया। एटीएम बूथ में लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए पहुंचे बदमाशों ने पहले बूथ में डायनामाइट फिट किया फिर उसमें बाइक से तार जोड़कर विस्फोट किया। शायद उन्हें इस बात की जानकारी थी कि बैंक के सीसीटीवी कैमरे बंद हैं। विस्फोट के कारण एटीएम में रखे रुपए हवा में उड़ने लगे। अपराधी उन्हें बटोरने में जुट गए। उसी दौरान ग्रामीणों ने विस्फोट की आवाज़ सुन कर एटीएम की ओर रुख किया लेकिन डकैतों ने माउजर लहरा कर ग्रामीणों को धमकाया और वहां से रुपए ले कर निकल गए।
कोरोना महामारी से बढ़ कर इस समय कोई संकट नहीं है। यह एक ऐसा संकट है जिसने सभी लोगों को एक ही नाव पर सवार कर दिया है। सोशल डिक्टेंसिंग, प्रवासी मजदूरों का सैंकड़ों की तादाद में सागर, दमोह, टीकमगढ़ से हो कर गुरज़ना। शहर के भीतरी तबके में कोरोना ब्लास्ट। कुलमिला कर संकटों की कोई कमी नहीं। लम्बे हो चले लाॅकडाउन से उकताई हुई जनता। बिना थके डटे हुए कोरोना वारियर्स। इस सारे परिदृश्य के बीच निरंतर बढ़ते अपराध के आंकड़े देख कर अपराधियों को कोसने का मन करता है। एक तो लोग पहले से परेशान हैं और उस पर आए दिन चोरों के धावे। इन चोरों, अपराधियों को शर्म भी नहीं आती है क्या? पुलिसतंत्र जनता की सुरक्षा हेतु लाॅकडाउन को टूटने से बचाने, आमजन की मदद करने में व्यस्त है। अब महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश के लिए सागर से हो कर गुज़रने वाले प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित उत्तर प्रदेश की सीमा तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी पुलिस पर ही है। अब वे कोरोना से जुड़ी व्यवस्थाएं सम्हालें या चोरों और अपराधियों के पीछे भागें? जब पूरा शहर, पूरा समाज, पूरी मानवता जीवन-संकट के दौर से गुज़र रही हो तब अपराध घटित होना मानवता पर दाग़ लगने के समान है। धिक्कार है ऐसे लोगों को जो मानवता के लिए संकट की घड़ी में अपराध जैसे अमानवीय कृत्य कर रहे हैं।
------------------------------
(दैनिक सागर दिनकर में 20.05.2020 को प्रकाशित)
#दैनिक #सागर_दिनकर #शरदसिंह #DrSharadSingh #miss_sharad
#कोरोना #कोरोनावायरस #महामारी #सावधानी #सुरक्षा #सतर्कता #Coronavirus #corona #pandemic #prevention #StayAtHome #Blackmail #SocialDistancing #Crime
#KaroDeshRecharge
No comments:
Post a Comment