Wednesday, November 12, 2025

चर्चा प्लस | कहां है रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का फालोअप? | डाॅ (सुश्री) शरद सिंह | सागर दिनकर


चर्चा प्लस | कहां है रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का फालोअप? | डाॅ (सुश्री) शरद सिंह | सागर दिनकर 


चर्चा प्लस
कहां है रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का फालोअप?
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
    सितम्बर 2024 में सागर में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव हुआ था जिसमें निवेशकों ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं। तब से अब तक किसी निवेशक ने अपने वादे के अनुसार रुचि ली या नहीं, आमजनता को इसकी कोई जानकारी नहीं है। जबकि यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह रीजनलझं इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के फालोअप से आमजन को अवगत कराता रहे। इससे लोगों में भविष्य के प्रति उम्मींद बंधती है। जो पलायन करने के बारे में विचार कर रहे होंगे वे भी यहीं रुक कर अपना भाग्य आजमाना पसंद करेंगे। अभी तो मात्र यही समझ में आता है कि सागर उत्साही सांसद केन्द्र सरकार की योजनाओं को लागू कराने के लिए कृतसंकल्प हैं। लेकिन इस बीच निवेशकों का आगाज़ कैसा है, यह भी तो पता लगते रहना चाहिए। 

बुंदेलखंड आरम्भ उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में फैला हुआ है। बुंदेलखंड के इन दोनों हिस्सों की आर्थिक दशा बेहतर नहीं कही जा सकती है। लेकिन उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड बाजी मारता हुआ दिखाई दे रहा है। बात माॅल्स, काॅरीडोर या बाजार एवं काॅलोनीज़ के विस्तार की नहीं है, बात है बुनियादी विकास की। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के अंत बुंदेलखंड के विकास का बीडा उठाया है।  बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण का क्षेत्र उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है, जिसमें मुख्य रूप से झांसी जिले के 33 गांव शामिल हैं। इस क्षेत्र को 65,000 एकड़ से अधिक में एक बड़े औद्योगिक शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है। बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित है, जिसका मुख्यालय झांसी में है। इस परियोजना के तहत 33 गाँवों की 65,000 एकड़ से अधिक भूमि को औद्योगिक और व्यावसायिक विकास के लिए चिन्हित किया गया है। विकास का उद्देश्य है कि इस क्षेत्र को एक अत्याधुनिक, विश्व स्तरीय औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाना है, जिसमें आधुनिक बुनियादी ढांचा और रहने की सुविधाएं शामिल होंगी। यानी बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी एक नया शहर बसा रही है। इसमें उद्योग, घर और हरियाली सब होगा। यह शहर दस लाख लोगों को बसाएगा। यहाँ रोजगार के भरपूर अवसर मिलेंगे और पलायन रुकेगा।

बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी शहर का 35 प्रतिशत हिस्सा पूर्वी क्षेत्र में उद्योगों के लिए होगा, जबकि 15-20 प्रतिशत हिस्सा पश्चिमी क्षेत्र में आवासीय उद्देश्यों के लिए रखा गया है। इसमें होटल, स्कूल और रिसॉर्ट जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। यह शहर लगभग दस लाख लोगों को बसाने में सक्षम होगा। इन दोनों हिस्सों को 200 मीटर चैड़ी सड़क अलग करेगी, जो चार एक्सप्रेसवे की चैड़ाई के बराबर होगी। कुल जमीन का तीस प्रतिशत हिस्सा हरियाली के लिए आरक्षित किया गया है। इसमें पार्क, छोटे जंगल, जल निकाय और ट्रेकिंग के रास्ते शामिल होंगे। इस नई टाउनशिप में चैड़ी सड़कें, सीवेज सिस्टम, गैस पाइपलाइन, एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट), सीइटीपी (कंबाइंड एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) और सोलर लाइटिंग सिस्टम जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी। साथ ही, एक एकीकृत कमांड कंट्रोल सिस्टम भी होगा।  बीडा उद्योगपतियों के लिए इसलिए भी उपयुक्त है क्योंकि यह पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण गलियारों के जंक्शन पर स्थित है। यहाँं सड़क और रेल मार्ग से अच्छी कनेक्टिविटी है। जल्द ही यहाँ एक हवाई अड्डा भी बनने की उम्मीद है। जमीन सस्ती है और किसी भी कानूनी पचड़े से मुक्त है। यहाँ काम करने के लिए पर्याप्त लोग भी उपलब्ध हैं। उनके अनुसार, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और भारत अर्थ मूवर्स सहित लगभग बीस उद्योगों ने यहाँ आने की सहमति दे दी है। उन्होंने यह भी बताया कि वे एक मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क, यानी एक तरह का ड्राई पोर्ट स्थापित करने पर भी विचार कर रहे हैं।

     अब तक, बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 10,000 किसानों से 20,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया है और उन्हें 2,700 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। मास्टर प्लान, जमीन आवंटन के नियम और भवन निर्माण के नियम गवर्निंग बॉडी द्वारा मंजूर किए जा चुके हैं। भविष्य का लक्ष्य 1,000 एकड़ जमीन पर अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ एक एक्टिवेशन एरिया बनाना है। इसके लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे दिसंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

दूसरी ओर बीडा बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी एक आत्मनिर्भर एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप बनने जा रही है, जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं और भरपूर हरियाली होगी। बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता के मामले में यह नोएडा और ग्रेटर नोएडा से बेहतर होगी। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और बड़े पैमाने पर पलायन को रोकेगी। स्थानीय लोगों को आगे बढ़ने का एक बड़ा अवसर मिलेगा।
यह सारे प्रयास एवं योजनाएं पढ़ने, सुनने में ही बहुत अच्छी एवं आशाएं जगाने वाली लग रही हैं। वहीं मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के लिए बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण नामक एक अथॉरिटी है, जो इस क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी संभालती है। इस प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में मध्य प्रदेश के सागर संभाग के सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और ग्वालियर-चंबल संभाग के दतिया जिले को शामिल किया गया है, जिसमें निवाड़ी जिला भी शामिल है। इसकी वर्तमान स्थिति एवं परिदृश्य खबरों से ओझल है। बीडीए का कर रहा है इसका ठीक-ठीक पता आमजन को नहीं है। खैर, अब बात करते हैं उस  रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव की जो सितम्बर 2024 में बड़े धूमधाम से सागर में सम्पन्न हुआ था। देश-विदेश से निवेशक सागर आए थे। सागर रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में खूब प्रस्ताव आए थे। कहा गया था कि बुंदेलखंड रीजन में उद्योगों का जाल बिछेगा। इसके साथ ही सागर में एयरपोर्ट बनेगा। बुंदेलखंड में अलग-अलग सेक्टर में निवेश को लेकर 6600 करोड़ रुपए के प्रस्ताव आए। पूरे मध्य प्रदेश में 19,000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव आए। बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में देश भर के उद्योगपतियों ने निवेश की इच्छा जताई। दोपहर तक सागर, दमाोह, छतरपुर और निवाड़ी सहित अन्य क्षेत्र में करीब 6600 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की गई थी। पूरे प्रदेश में करीब 19 हजार करोड़ से अधिक के निवेश के प्रस्ताव कॉन्क्लेव के माध्यम से आए।

कुछ योजनाओं की घोषणाएं की गई थी उनमें से कुछ के काम शुरू हो भी चुके हैं किन्तु आमजन उससे लगभग अनभिज्ञ है। एक महत्पूर्ण घोषणा थी कि ढाना में बनेगा एयरपोर्ट बनेगा। जी हां, सागर के ढाना में स्थित एयर स्ट्रिप को अब एयरपोर्ट बनाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉन्क्लेव में बताया कि हमें ढाना एयरपोर्ट सहित प्रदेश में 1800 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव मिला। इसके अलावा बंसल ग्रुप सागर में देश का सबसे बड़ा और प्रदेश का पहला डेटा सेंटर बनाएगा। इसमें करीब 1700 करोड़ का निवेश आएगा। एआई के दौर में यह सागर सहित प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार ढाना एयरपोर्ट का काम प्रगति पर है किन्तु इस प्रगति की गति के बारे में प्रशासन कह ओर से अपडेट नहीं दिया जा रहा है। 
दूसरी महत्वपूर्ण घोषणा थी सागर में चांदी क्लस्टर बनाए जाने की। सीएम डाॅ मोहन यादव ने मंच से जानकारी देते हुए बताया था कि सागर में चांदी क्लस्टर बनाया जाएगा। इसके अलावा यहां स्टील, सीमेंट, हॉस्पिटल, होटल, फर्नीचर क्लस्टर, एयरपोर्ट सहित अन्य सेक्टरों में निवेश की घोषणा की गई थी। इनमें एक ग्रुप ने निवाड़ी में 3200 करोड़ का इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट स्थापित करने की घोषणा की थी। आयरन और माइनिंग में भी निवेश किया जाएगा। इससे 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसी प्रकार मेडिकल इंडस्ट्री और अन्य उपक्रमों में भी गीतांजलि ग्रुप निवेश करने की घोषण की थी।

इसी प्रकार बंसल ग्रुप बुंदेलखंड सहित पूरे एमपी में 4 सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल, 5 स्टार होटल और 100 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाए जाने की घोषण की गई थी। इसमें करीब 1350 करोड़ रुपए के निवेश तय किया गया था। वहीं, मध्य भारत एग्रो सागर के बंडा इलाके में 500 करोड़ का नया इंवेस्टमेंट करने की घोषणा की थी। कार्यक्रम में सीएम ने बुंदेलखंड सहित प्रदेश के लिए 96 औद्योगिक इकाईयों के लिए 240 एकड़ भूमि आवंटित करने के आदेश पत्र प्रदान किए थे। इससे 1565 करोड़ रुपए का निवेश होगा तो 6000 रोजगार सृजित होने का अनुमान था। सागर में फर्नीचर क्लस्टर के लिए 10 इकाईयों को आदेश पत्र भी दिए गए थे।

बुंदेलखंड में डॉ. मोहन यादव द्वारा कराए गए पहले रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में जिन सेक्टरों में निवेश की घोषणा की गई थी, उसमें चांदी उद्योग के लिए क्लस्टर, एयरपोर्ट, स्टील प्लांट, सीमेंट प्लांट, सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल, 5 स्टार होटल, फर्नीचर क्लस्टर, तेंदूपत्ता, रॉक फास्फेट प्लांट सहित खनिज क्षेत्र में निवेश की बात कही गई थी। विशेश यह भी था कि रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव केवल सागर या बुंदेलखंड तक सीमित नहीं था। बल्कि इसमें देश भर के कारोबारियों के अतिरिक्त विदेशों से भी निवेशक  आए थे जिनमें थाईलैंड के महावाणिज्य दूत व मंगोलिया राजदूत तथा यूरोप से कुछ व्यवसायी आए थे।

यदि यह सब कुछ रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव की घोषणाओं के अनुरुप होता है तो मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के विकास का चेहरा भी बदल जाएगा। इस क्षेत्र से रोजगार के लिए होने वाले पलायन रुकेंगे। चौतरफा विकास होगा। यहां तक कि आरम्भिक स्तर पर ‘‘सेटअप’’ के लिए रोजगार के अवसर मिलने लगेंगे। किन्तु लगभग सवा साल बाद निवेश की क्या स्थिति है अथवा घोषणाओं के अनुरुप काम शुरू हुआ है या नहीं इसका फालोअप आमजन के पास नहीं है जबकि ऐसी योजनाएं आमजन को केन्द्र में रख कर ही बनाई जाती हैं तथा इनका विकास किया जाता है। जिस प्रकार से उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड में बीडा समाचारों के माध्यम से अपनी उपस्थिति याद दिलाता रहता है उसी तरह बीडीए और रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का भी फालोअप जारी होते रहना चाहिए ताकि आमजन अपने भावी विकास को ले कर आश्वस्त हो सके।   

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