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गणपति बप्पा इते की सबरी सल्ल मिटा देओ
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
गणपति बप्पा की अवाई सबई खों भौत अच्छी लगत आए। देख लइयो अबे से विसर्जन लौं पूरो सागर ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारे से गूंजत रैहे। गणपति बप्पा बुद्धि के देवता कहाऊत आएं। इने विघ्नहर्ता सोई कओ जात आए। जेई से इनकी अपने इते भौतई जरूरत आए। इते तो सबरे काम ऊंसई बिगरे परे। मुतके काम ऐसे आएं जोन सालोंसाल से घिसटत जा रै। औ मुतके कामन को जेई समझ नईं परत के करे काए गए? कऊं पुल लटको डरो, सो कऊं सड़कें खुदी डरीं। कऊं अच्छी-भली नोनी सी रोटरी मिटा डारी, तो कऊं रोटरी के इते इत्तो पानी भर जात आए के उते ‘घोर-घोर रानी’ खेलबे को जी होन लगो तो। आप ओरें समझ गए हुइयो के हम कां-कां की कै रै। अरे, उतई कारीडोर लिंगे, जोन दिना खीबई पानी बरसो रओ, बा उते की रोटरी टापू घांईं दिखान लगी रई। औ सिविललेन की रोटरी काय के लाने मिटाई, अबलौं समझ में ने आई। चलो, मिटाई सो मिटाई मनो उते चौराओ तो पिलेन कर दओ होतो। उते कढ़ो तो मुतके दचका घलत आएं। औ लटको भओ काम देखने होय सो रेलवे के गेट नंबर 29 के इते देख लेओ। कोरोना के पैले से बनबो सुरू भऔ, औ अब लौं अटको परो। पांचेक सालें तो भईं जा रईं।
जोन जे हम गिना रये जे सब कलेक्ट्रेट औ कचेरी के पासई के आएं। जेई कहाऊत आएं दिया तरे को आंदियारे। सो, दूर की अब का कएं? सो जेई लाने अब हम गणपति बप्पा जू से बिनती कर रै के कछू इन ओरन खों बुद्धि देओ, लाज-सरम देओ, के जे ओरें सब कछू अच्छो-अच्छो करें, औ जल्दी-जल्दी करें। बप्पा के दरबार में सुनवाई होए, जे लाने, सबई जने बोलो ‘जै गणपति बप्पा मोरया !’
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Thank you Patrika 🙏
Thank you Dear Reshu Jain 🙏
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