Friday, April 1, 2022

जो भावनाओं को उद्दीप्त करके विचारों को रसमय बना दे वही काव्य है। - डॉ (सुश्री) शरद सिंह

"जो भावनाओं को उद्दीप्त करके विचारों को रसमय बना दे वही काव्य है। अभिव्यक्ति की सशक्त शैली काव्य को मंच प्रदान करके हिन्दी लेखिका संघ महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है जिसके लिए उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए। इस मंच ने कई कवयित्रियों की छुपी प्रतिभा को न केवल सामने लाया है बल्कि उन्हें कवयित्री के रूप में प्रतिष्ठा भी प्रदान की है। लेखिका संघ को अब कथालेखन, लघुकथा लेखन, ललित निबंध लेखन आदि पर वर्कशॉप भी करने चाहिए। इससे इस मंच से जुड़ी महिला रचनाकारों में विविध विधाओं के प्रति चिंतन का विस्तार होगा।" अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में मैंने (डॉ सुश्री शरद सिंह ने) ये विचार प्रकट किए तथा एक ग़ज़ल भी सुनाई।
      अवसर था कल शाम 31 मार्च 2022 को कांची रेस्टोरेंट में हिन्दी लेखिका संघ मध्यप्रदेश भोपाल की सागर इकाई द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी का। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थे पाठक मंच सागर इकाई के संयोजक श्री आर के तिवारी एवं डॉ नलिन जैन नलिन। विशिष्ट अतिथि थी डॉ विजय लक्ष्मी दुबे 'विभा'। विशिष्ट आमंत्रित अतिथियों में श्यामलम संस्था के अध्यक्ष श्री उमाकांत मिश्र एवं डॉ प्रदीप पांडे थे। आयोजक थी हिंदी लेखिका संघ की इकाई अध्यक्ष श्रीमती सुनीला सराफ तथा संचालन किया डॉ छाया चौकसे जी ने। इकाई की सभी सदस्यों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को आत्मीय वातावरण में सफल बनाया।
हार्दिक आभार #हिन्दीलेखिकासंघ , सागर 🙏
हार्दिक आभार प्रिय बहन सुनीला सराफ जी 🌷

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