"स्व. महेंद्र फुसकेले जी ने साहित्य में जीवन को और जीवन में साहित्य को लिखा। इस बात पर हम गर्व कर सकते हैं कि हम महेंद्र फुसकेले जी जैसे साहित्यकार के समय में हम पैदा हुए और उनसे संवाद करने का हमें सौभाग्य मिला। आज उनके जैसा व्यक्तित्व मिलना कठिन है क्योंकि कॉमरेड महेंद्र फुसकेले होना आसान नहीं !" आयोजन के अध्यक्ष के रूप में मैंने (डॉ सुश्री शरद सिंह) अपने विचार व्यक्त करते हुए उनके वैचारिक व्यक्तित्व पर केंद्रित अपनी ताज़ा कविता का भी पाठ किया।
अवसर था प्रगतिशील लेखक संघ की सागर इकाई द्वारा कल शाम इकाई के पूर्व अध्यक्ष, साहित्यकार, अधिवक्ता एवं समाजवादी विचारों के प्रबल समर्थक स्व.महेंद्र फुसकेले जी की 90 वीं जन्मजयंती के आयोजन का। इस अवसर पर इकाई के सदस्यों के साथ ही नगर के अनेक साहित्यकार मौज़ूद थे। इस आयोजन के सूत्रधार थे स्व. फुसकेले जी के पुत्र अधिवक्ता श्री पेट्रिस फुसकेले एवं पुत्रवधू कवयित्री श्रीमती नमृता फुसकेले।
📸 छायाचित्र साभार सौजन्य : श्री मुकेश तिवारी एवं श्री पेट्रिस फुसकेले 🙏
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