टाॅपिक एक्सपर्ट | जो नओ बढ़ाहो सो पुरानो को का हुइए?
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
का भओ के अबे परों हम एक पैचान वारे के इते मिलबे खों गए रए। उनके इते उनको ढाई-तीन साल को पोता कापी में डिराइंग बना रओ तो। ऊके दद्दा जू ने ऊकी डिराईंग देखी तो बे ऊको डांटन लगे के जो का बना दओ? का कऊं रोडें ऐसी होत आएं? जो का पहड़ियां, पहड़ियां सो बना दओ? हमने सोई ऊकी डिराइंग देखी सो हमें कै आओ के जा ईने गलत नईं बनाओ। अपनी मकरोनिया की रोडें फ्यूचर में ऐसईं दिखाहें। मोड़ा के दद्दा ने पूछी के “का मतलब?” सो हमें उने मतलब समझाने परी।
हमने सुनी हती के मकरोनिया के टिरेफिक की पिराबलम हल करबे खों फ्लाईओवर बनाओ जैहे। ऊके बाद अब सुनो आए के बा फ्लाईओवरन की लंबाई बढ़ाबे की बात करी गई आए। सो जा सोचियो तनक के मनों जां पे अबई चालू भाई नईं आरओबी खतम हुइए उते से कछू दूरी से फ्लाईओवर सुरू हो जैहे। फेर जां नओ बनबे वारो फ्लाईओवर खतम हुइए वां से कछू दूरी से पुरानो फ्लाईओवर सुरू हो जाहे। तीन कूबड़ वारे ऊंट घांईं। सो, अब बताओ के मोड़ा ने का गलत बनाओ? जा तो भई रेलवेस्टेशन से बहेरिया तिगड्डा वारी रोड की दसा। बाकी की आप खुदई सोंस लेओ। जा सुYन के मोड़ा के दद्दा को मों खुलो के खुलो रओ गओ। हमने उनसे कई के इत्ते ने चकरयाओ! खुदई सोचो के जो नओ बनहे, तो पुरानो को का हुएई? बे बी ऐसे पुराने नइयां। एक चारेक साल पुरानो आए सो दूसरे खों अबे चार मईना नईं भए। सो, आबे वारे समै में कोनऊं खों ऊंट देखबे के लाने राजस्थान ने जाने परहे, इतई तीन कूबड़ वारी रोड देख के ऊंट देखे से ज्यादा मजो आ जैहे। कओ, गिनीज बुक में मकरोनिया को नांव लिखा जाए। रामधई !
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Thank you Patrika 🙏
Thank you Dear Reshu Jain 🙏
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