09.09.2023 | कल एक अत्यंत महत्वपूर्ण एवं सुखद दिन रहा... मेरे उपन्यास "शिखण्डी : स्त्री देह से परे" के डॉ संध्या टिकेकर द्वारा मराठी में किए गए अनुवाद "शिखंडी स्त्री देहापलिकडे" का विमोचन सम्पन्न हुआ। महाराष्ट्र समाज भवन, बीना के सभागार में श्यामलम संस्था द्वारा आयोजित इस गरिमामय आयोजन के विशिष्ट अतिथि थे डॉ. श्रीकांत तारे अधिष्ठाता प्राध्यापक, अभियांत्रिकी प्रबंधन महाविद्यालय जलगांव महाराष्ट्र। अध्यक्षता का दायित्व मुझे (डॉ. सुश्री शरद सिंह) प्रदान किया गया था। आयोजन में विशिष्ट अतिथि थे प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी जी, अध्यक्ष हिंदी विभाग, डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय वि.वि. सागर, प्रो. जी. एल. पुणतांबेकर जी, प्राध्यापक वाणिज्य विभाग डॉ. हरीसिंह गौर वि. वि. सागर, श्री महेश कटारे जी, बुंदेली कवि, बीना तथा स्नेहिल उपस्थिति थी श्री उमाकान्त मिश्र जी अध्यक्ष श्यामलम् संस्था सागर की।
🚩सागर से प्रतिनिधि साहित्यकार श्रीमती सुनीला सराफ जी अध्यक्ष हिंदी लेखिका संघ, कवि वीरेंद्र प्रधान जी, कवि डॉ नलिन निर्मल जी, कवि मुकेश तिवारी जी, कवयित्री सुश्री शुभांगी ओखाडे, आर्टिस्ट उदय खेर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन किया डॉ चंचला दवे जी ने। तथा, आत्मीय आतिथ्य किया डी एस टिकेकर जी ,बीना ने।
🚩विद्वत महाराष्ट्र समाज की उपस्थिति ने मराठी अनुवाद के लोकार्पण को सार्थक बना दिया।🌹🙏🌹
🚩 उच्च कोटि के अनुवाद कार्य एवं सार्थक आयोजन के लिए हार्दिक आभारी हूं प्रिय ताई डॉ संध्या टिकेकर जी की 🙏❤️🙏
📖मूल हिंदी में सामयिक प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित मेरे उपन्यास का मराठी अनुवाद शॉपीजोन ने प्रकाशित किया है। दोनों भाषाओं के संस्करण अमेजॉन ऑनलाइन पर उपलब्ध हैं।💁
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