"युवा कवि पवन रजक की रचनाओं की गहराई उनकी आयु से भी अधिक है। पवन के पास एक गहरी काव्य दृष्टि है। यही वे विशेषताएं हैं जो उन्हें एक संभावनाशील कवि बनाती हैं। जब पवन रजक जैसे युवा कवि चिंतन की गहराई के साथ साहित्य का सृजन करते हैं तो हिंदी साहित्य के भविष्य को लेकर सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं।" विशिष्ट अतिथि तथा समीक्षा के रूप में मैंने (यानी आपकी इस मित्र डॉ सुश्री शरद सिंह ने ) अपने उद्बोधन में यह कहा अवसर था नरयावली, सागर के युवा कवि पवन रजक के प्रथम काव्य संग्रह "मैं कौन हूं" के विमोचन का जिसका आयोजन नगर की अग्रणी संस्था श्यामलम ने किया था।
स्थानीय दीपक होटल के सभागार में आयोजित इस समारोह में उद्घाटन उद्बोधन संस्था के अध्यक्ष उमाकांत मिश्रा जी ने दिया। अध्यक्षता की मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन सागर इकाई के अध्यक्ष आशीष ज्योतिषी जी ने, मुख्य अतिथि थे वरिष्ठ कवि लक्ष्मी नारायण चौरसिया जी तथा समीक्षात्मक वक्तव्य दिया डॉ विभा लक्ष्मी दुबे जी ने। कार्यक्रम का सफल संचालन किया उपन्यासकार डॉ प्रदीप पांडेय ने तथा आभार प्रदर्शन किया समाजसेवी डॉ विनोद तिवारी ने। इस अवसर पर नगर के बुद्धिजीवियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
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