"सामग्री की संकलनकर्ता पूर्वा मिश्रा तिवारी तथा संपादक अभिषेक तिवारी का श्रम पुस्तक के प्रत्येक पृष्ठ पर स्पष्ट दिखाई देता है। इस पुस्तक को तैयार कर के दोनों ने न केवल इतिहास को सहेजा है अपितु एक आदर्श राजनीतिज्ञ के व्यक्तित्व के उन पहलुओं को भी प्रस्तुत किया है जिनके बारे में उनके परिजन ही बता सकते हैं। अतः इस पुस्तक को रोचक ही नहीं, उपादेयता में भी श्रेष्ठ कहा जा सकता है। मुखपृष्ठ आकर्षक है जिस पर सदा और अटल दोनों भाइयों की तस्वीरें प्रकाशित की गई हैं। मुद्रण साफ-सुथरा और आकर्षक है। यह पुस्तक हर पाठक के पढ़ने योग्य है।" विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ (सुश्री) शरद सिंह ने (मैंने) "सदा अटल" पुस्तक पर आयोजित संगोष्ठी में अपने ये विचार व्यक्त किए।
विगत 24.01.2024 को श्यामलम संस्था तथा अटल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय दीपक होटल के सभागार में आयोजित 'पुस्तक चर्चा संगोष्ठी' में अटल जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित संस्मरण पुस्तक "सदा अटल" पर चर्चा की गई। इस पुस्तक का संपादन श्री अभिषेक तिवारी ने किया है तथा पुस्तक में संग्रहीत अटल जी के संपर्क में रहे व्यक्तियों के संस्मरणों का संकलन पूर्वा मिश्रा तिवारी जी ने किया है। इस चर्चा संगोष्ठी में मुख्य अतिथि थे डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी, अध्यक्षता की डॉ. सुरेश आचार्य ने, विशिष्ट अतिथि थी मैं डॉ (सुश्री) शरद सिंह तथा विशिष्ट वक्ता थे डॉ. आशीष द्विवेदी। संगोष्ठी का संचालन किया श्री अभिनंदन दीक्षित जी ने एवं संगोष्ठी की संकल्पना की थी श्यामलम संस्था के अध्यक्ष श्री उमाकांत मिश्रा जी ने। आभार प्रदर्शन किया श्री रमाकांत शास्त्री जी ने। इस संगोष्ठी में नगर के बुद्धिजीवियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
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