संस्कृत के उद्भट विद्वान डॉ. राधावल्लभ त्रिपाठी जी का व्याख्यान हमेशा ज्ञानवर्द्धक एवं रोचक होता है। यह उनकी विशेषता है कि गूढ़ से गूढ़ विषयों की भी बड़े ही सरल शब्दों में व्याख्या कर देते हैं।
🚩आज डॉक्टर हरीसिंह गौरविश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.) एवं भारतीय दार्शनिक अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित व्याख्यान "परमार्थ दर्शन तथा शैव दर्शन" पर प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी जी का व्याख्यान था। अध्यक्षता की थी प्रो. नीलिमा गुप्ता, कुलपति डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.) ने।
🚩इस सार्थक आयोजित में आमंत्रित करने के लिए आभारी हूं संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी एवं प्रो. डॉ. शशिकुमार सिंह जी की।
31.01.2024
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