निःशब्द सा अनुभव कर रही हूं... अभिभूत हूं.. भावुकता में हूं... सागर शहर की अग्रणी संस्था जो साहित्य संस्कृत कला एवं भाषा के लिए समर्पित है, "साहित्य परिक्रमा" उसका वह आयोजन है जिसमें होने का सपना यहां का हर साहित्यकार देखता है...
🚩अपने शहर में, अपनों के द्वारा, अपने साहित्य पर चर्चा ... इससे बढ़कर उपलब्धि भला और क्या हो सकती है? बस, यही कह सकती हूं कि यह आयोजन मेरे लिए अमूल्य है... अतुलनीय है... अनन्य है .....
🚩हार्दिक आभार श्यामलम संस्था 🚩🙏🚩
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बहुत बहुत बधाई शरद जी, मैंने आपको एक संदेश भेजा है फ़ेसबुक पर, कृपया जवाब दें
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