जो चले जाते हैं उनकी
स्मृतियां रह जाती हैं
हमारे साथ,
और इन्हीं स्मृतियों में रहते हैं
हमारे अपने
तो, हम क्यों सोचें कि वे चले गए
नहीं वे कहीं नहीं गए
वे थे हमारे साथ
वे हैं हमारे साथ
वे रहेंगे हमारे साथ
अपने विचारों के रूप में
हमारे मार्ग दर्शक बन कर...। 🙏
... ये शब्द मेरे अंतर्मन के वे शब्द है जिन्होंने मात्र 13 दिन के अंतराल में मेरी मां और दीदी के जाने के बाद मुझे हिम्मत दी ... ये मेरे भीतर से ही उपजे शब्द जिन्होंने मुझे टूटने से बचाया आज इन्हीं शब्दों को अपनी हार्दिक संवेदनाओं के साथ मैंने सौंपा रायकवार परिवार को ...
आज शाम थी स्थानीय रवींद्र भवन में बड़े भाई स्व.अशोक गोपीचंद रायकवार जी श्रद्धांजलि सभा... जिन्हें एक सड़क दुर्घटना ने असमायिक हमसे छीन लिया था.... अशोक भैया मेरी वर्षा दीदी के सहकर्मी रहे, इन दिनों पेंशनर्स समाज का कार्यभार संभाल रहे थे, साथ ही साहित्य और समाज सेवा में भी उनकी गहन रुचि थी... हर व्यक्ति के सुख-दुख में सदा साथ खड़े रहने वाले....
🙏 आपकी उपस्थिति मेरे मानस में सदा बनी रहेगी अशोक भैया 🙏
#डॉसुश्रीशरदसिंह #श्रद्धांजलि #विनम्रश्रद्धांजलि
#DrMissSharadSingh
🙏 हार्दिक आभार प्रिय बहन Usha Verman इन महत्वपूर्ण पलों को अपने मोबाईल कैमरे से सहेजने के लिए 🙏
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