"हिंदी सिनेमा की स्त्री यात्रा - डाॅ. सुजाता मिश्र की यह पुस्तक वैचारिक आंदोलन का आग्रह करती और स्त्रीविमर्श का नया प्रतिमान गढ़ती हैं। डॉ सुजाता के पास अपनी एक मौलिक दृष्टि है। उन्होंने हिंदी सिनेमा में स्त्री की स्थिति को अपनी तार्किकता की कसौटी पर कसा है, फिर उसे लिखा है। इस पुस्तक को अवश्य पढ़ा जाना चाहिए क्योंकि यह मात्र एक पुस्तक नहीं बल्कि विचारों के बंद दरवाजे पर एक ज़ोरदार दस्तक है।" - मुख्य वक्ता के रूप में डॉ (सुश्री) शरद सिंह ने यानी मैंने पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा।
अवसर था सिविल लाइंस स्थित होटल वरदान के सभागार में श्यामलम् और अ.भा. महिला काव्य मंच के संयुक्त आयोजन में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में अतिथि विद्वान डॉ.सुजाता मिश्र द्वारा लिखित पुस्तक "हिंदी सिनेमा की स्त्री यात्रा" पर चर्चा का।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे सागर संभाग के कमिश्नर मुकेश शुक्ला जी, अध्यक्षता की डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में हिंदी एवं संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो.आनंदप्रकाश त्रिपाठी जी ने तथा विशिष्ट अतिथि थीं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में भाषा विज्ञान अध्यक्ष प्रो. चंदा बेन जी। आयोजन का बेहतरीन संचालन किया स्वशासी महिला महाविद्यालय की प्राध्यापक एवं महिला काव्य मंच की अध्यक्ष डॉ अंजना चतुर्वेदी तिवारी जी ने।
छायाचित्र सौजन्य : श्री मुकेश तिवारी एवं श्री माधवचंद्र चंदेल ... आप दोनों का हार्दिक आभार 🌷🙏🌷
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