*नफ़सियाती दौर है, क्या कीजिए
ज़िन्दगी बे-तौर है, क्या कीजिए
दिख रहा जो, वो नहीं, हरगिज़ नहीं
मसअला कुछ और है, क्या कीजिए...*
- ये चंद शेर और एक रचना पढ़ी मैंने भी। अवसर था प्रगतिशील लेखक संघ की मकरोनिया इकाई की इस वर्ष की प्रथम गोष्ठी का। अध्यक्षता की वरिष्ठ लोकगीत गायक श्री हरगोविंद विश्व जी ने और मुख्य अतिथि थे बीना से पधारे कवि महेश कटारे सुगम जी। संचालन किया मकरोनिया इकाई के अध्यक्ष डॉ सतीश पाण्डेय ने।
आयोजन की कुछ तस्वीरें श्री मुकेश तिवारी एवं सुश्री भावना बड़ोन्या के सौजन्य से....
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