"संध्या जी एक ऐसी कवयित्री हैं जो जीवन की जटिलताओं को बहुत ही सहज शब्दों में अपनी कविताओं में प्रस्तुत करती हैं। वे यथार्थ बोध कराती हैं किंतु अपनी कहन में कहीं भी कठोरता नहीं आने देती हैं। उनका कविता संग्रह 'नदी हो तुम' मात्र एक कविता संग्रह नहीं अपितु स्त्री जीवन का कोलाज़ है। डॉ संध्या टिकेकर को हिंदी और मराठी पर समान अधिकार है उनकी यह हिंदी कविताएं एक अलग ही धरातल का स्त्री विमर्श रचती हैं।" विशिष्ट अतिथि के रूप में मैंने डॉ संध्या टिकेकर की कविताओं के बारे में अपने विचार प्रकट किए। अवसर था श्यामलम संस्था द्वारा डॉ संध्या टिकेकर के काव्य संग्रह "नदी हो तुम" के लोकार्पण का।
सिविल लाइन स्थित दीपक होटल के सभागार में आयोजित इस समारोह में अध्यक्षता की गीतकार डॉ श्याम मनोहर सिरोठिया जी ने, मुख्य अतिथि थी डॉ लक्ष्मी पांडेय जी। विशिष्ट अतिथि थी मैं डॉ (सुश्री) शरद सिंह, डॉ चंचला दवे तथा सुश्री संध्या सर्वटे जी। कार्यक्रम का सफल संचालन किया डॉ अंजना चतुर्वेदी तिवारी जी ने।
श्यामलम संस्था के अध्यक्ष श्री उमाकांत मिश्रा जी एवं सचिव श्री कपिल बैसाखिया जी शाहिद संस्था के सभी सदस्यों की सक्रियता ने कार्यक्रम को ऊर्जावान एवं सार्थक बनाया।
काव्य संग्रह के लोकार्पण पर हार्दिक बधाई संध्या ताई 💐
हार्दिक आभार श्यामलम संस्था🌹🙏🌹
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