20 अप्रैल...आज मेरी मां डॉ विद्यावती "मालविका" जी की तृतीय पुण्यतिथि है ...
वही घर... वही घर की दीवारें... वही खिड़कियां... वही दरवाजे... बस, मां नहीं हैं जिन्हें मैं कभी "मैया" तो कभी "नन्ना" कह कर पुकारा करती थी... एक प्रतिष्ठित लेखिका... एक लोकप्रिय शिक्षिका ... लेकिन मेरे लिए तो सबसे पहले मेरी मां थीं ... आज मैं पुकारूं तो किसको? ... बस, महसूस करती हूं कि वे हमेशा की तरह मेरे साथ हैं... यह भ्रम ही सही, पर जीने के लिए सहारा है... वर्षा दीदी होतीं तो मां के विछोह की पीड़ा हम दोनों एक-दूसरे को ढाढस बंधा के झेल लेते ... किन्तु नियति की क्रूरता ...
मां! लिखना तुमसे सीखा, पढ़ना तुमसे सीखा और ज़िंदगी की हर कठिनाइयों से जूझना भी तुमसे ही सीखा ...
मां! तुम्हारी 'शरदू' तुम्हें हर पल याद करती है ... तुम भी अपनी इस 'शरदू' को याद रखना... मेरे साथ रहना...😢🥺😢
💔
#डॉसुश्रीशरदसिंह #DrMissSharadSingh #मेरीमां #डॉविद्यावतीमालविका #तृतीयपुण्यतिथि
#mymother #DeathAnniversary
#drvidyawatimalvika #missyoumaa #loveyoumaa
No comments:
Post a Comment