Sunday, March 6, 2022

"जो कविता अभिव्यक्ति के उद्देश्य को पूर्ण करती है, वही सर्वोत्तम कविता है।"- डॉ (सुश्री) शरद सिंह | पुस्तक लोकार्पण


"जो कविता अभिव्यक्ति के उद्देश्य को पूर्ण करती है, वही सर्वोत्तम कविता है। कवि रमेश दुबे की कविताएं  समाज की विसंगतियों को पूरी ईमानदारी से उजागर करती हैं। साथ ही व्यक्ति में हो रहे मानवता के क्षरण की ओर भी इशारा करती है। ये कविताएं वर्तमान बोध से परिपूर्ण हैं और इनमें आंचलिकता के तत्व भी है जो इन कविताओं को विश्वसनीय बनाते हैं।" - विशिष्ट अतिथि के रूप मे मैंने यानी आपकी इस मित्र डॉ (सुश्री) शरद सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा। अवसर था पाठकमंच की सागर इकाई की पुस्तक चर्चा का। आज की पुस्तक थी लेखक कुबेरनाथ राय का निबंध संग्रह "मन पवन की नौका"। इसके बाद स्थानीय कवि श्री रमेश दुबे जी के प्रथम काव्य संग्रह "ऐसा भी होता है" का विमोचन सम्पन्न हुआ। अध्यक्षता की डॉ. टीआर त्रिपाठी जी ने, मुख्य अतिथि थीं डॉ.छाया चौकसे, विशिष्ट अतिथि मैं एवं श्रीमती सुनीला सराफ रहीं। समीक्षा आलेख का वाचन किया श्री पीआर मलैया जी ने तथा संचालन किया डॉ नलिन जैन नलिन ने। आदर्श संगीत महाविद्यालय के सभागार में संपन्न हुए इस समूचे कार्यक्रम का आयोजन एवं संकल्पना थी श्यामलम संस्था के अध्यक्ष आदरणीय श्री उमाकांत मिश्र जी की।
      श्री रमेश दुबे जी का यह काव्य संग्रह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस संग्रह की भूमिका मेरी दीदी डॉ वर्षा सिंह ने लिखी थी।
      हमेशा की तरह श्रेष्ठ आयोजन के लिए श्यामलम संस्था को हार्दिक बधाई🌷
श्री रमेश दुबे जी को उनके प्रथम काव्य संग्रह के प्रकाशन एवं विमोचन पर हार्दिक बधाई🌷


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07.03.2022 को प्रकाशित समाचारों में मेरे विचार को प्रमुखता देने के लिए हार्दिक आभार श्यामलम संस्था, पाठकमंच सागर इकाई तथा सागर प्रिंटमीडिया...आप सभी का आभार 🙏


पुनः बधाई आदरणीय रमेश दुबे जी को 🌷

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