"इस बार महिला दिवस की थीम है जेंडर इक्वलिटी टुडे फॉर संस्टेनेबल टुमारो अर्थात आज की लैंगिक समानता कल के लिए स्थायित्व का भरोसा है। हमें लैंगिक समानता के वास्तविक अर्थ को समझना होगा इसका अर्थ पुरुषों से वैमनस्यता नहीं है अपितु महिलाओं में आत्मविश्वास जगाने तथा लैंगिक अपराधों पर नियंत्रण पाने की जरूरत है। यही वास्तविक आधार है लैंगिक समानता का। महिलाओं को अपने अधिकारों को पहचानना और पाना होगा। अगर स्त्रियां परस्पर एक दूसरे का सहयोग करें। सुरक्षा, संरक्षण तथा विकास में एक-दूसरे का साथ दें तो यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।" मुख्य अतिथि के रूप में मैंने यानी आपकी इस मित्र डॉ (सुश्री) शरद सिंह ने अपने विचार रखे। अवसर था महिला काव्य मंच सागर द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का।
विशिष्ट अतिथि थीं शासकीय उत्कृष्टता महिला महाविद्यालय सागर की प्राचार्य डॉ इला तिवारी तथा अध्यक्षता की डॉ चंचला दवे ने। सफल एवं सुंदर संचालन किया डॉ सुजाता मिश्र ने। इस समारोह की संकल्पना एवं आयोजन किया था मंच की अध्यक्ष डॉ अंजना चतुर्वेदी तिवारी ने।
रवींद्रभवन वाचनालय सभागार में आयोजित इस समारोह में महिला काव्य मंच की सदस्यों के अतिरिक्त पाठक मंच सागर इकाई के संयोजक श्री आर के तिवारी तथा श्यामलम संस्था के सदस्य श्री मुकेश तिवारी की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
🔸हार्दिक धन्यवाद महिला काव्य मंच सागर🙏
🔸हार्दिक धन्यवाद महिला प्रिय डॉ अंजना चतुर्वेदी तिवारी जी🙏
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